आखिर टीम इंडिया में चुने जाने का आधार क्या है (भाग -2) - मोहम्मद शमी और दीपक चाहर

एशिया कप के लिए टीम का चयन होना था, कि खबर आई भारत के ब्रह्मास्त्र जसप्रीत बुमराह और बॉलिंग ऑल राउंडर हर्षल पटेल इंजरी के चलते चयन के लिए उपलब्ध नहीं है। यूएई की पिचों और कंडीशन को देखते हुए संभावना यही नज़र आ रही थी, कि भारत हार्दिक पांड्या सहित 5 तेज गेंदबाजी के विकल्प चुनेगा। इसमें हार्दिक के अलावा अनुभवी भुवनेश्वर कुमार और प्रतिभाशाली युवा अर्शदीप का चयन तय था, साथ ही टीम की जरूरत को देखते हुए, टीम से बाहर चल रहे अनुभवी गेंदबाज मोहम्मद शमी की वापसी भी तय थी। लगता था तेज गेंदबाजों को लेकर जो भ

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By puneet sharma
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आखिर टीम इंडिया में चुने जाने का आधार क्या है (भाग -2) - मोहम्मद शमी और दीपक चाहर

एशिया कप के लिए टीम का चयन होना था, कि खबर आई भारत के ब्रह्मास्त्र जसप्रीत बुमराह और बॉलिंग ऑल राउंडर हर्षल पटेल इंजरी के चलते चयन के लिए उपलब्ध नहीं है। यूएई की पिचों और कंडीशन को देखते हुए संभावना यही नज़र आ रही थी, कि भारत हार्दिक पांड्या सहित 5 तेज गेंदबाजी के विकल्प चुनेगा। इसमें हार्दिक के अलावा अनुभवी भुवनेश्वर कुमार और प्रतिभाशाली युवा अर्शदीप का चयन तय था, साथ ही टीम की जरूरत को देखते हुए, टीम से बाहर चल रहे अनुभवी गेंदबाज मोहम्मद शमी की वापसी भी तय थी।

लगता था तेज गेंदबाजों को लेकर जो भी माथापच्ची होगी वो इसी स्थान को लेकर होगी। इस स्थान के लिए फिट होकर वापसी कर रहे दीपक चाहर का दावा सबसे मजबूत था। उनकी बल्लेबाजी के कारण उनको इस स्थान के लिए सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। वैसे इस स्थान के लिए मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, आवेश खान सहित कई और भी दावेदार थे।

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खैर जब टीम की घोषणा हुई तो पता चला कि चयनकर्ताओं ने हार्दिक सहित केवल 4 तेज गेंदबाजों के साथ एशिया कप में उतरने का फैसला किया है। ये बड़ी हैरानी की बात थी, जाहिर सी बात थी कि उस चौथे स्थान के लिए संघर्ष और भी अधिक बढ़ गया था। तीन स्थानों में से एक स्थान के लिए ऑल राउंडर हार्दिक का, दूसरे स्थान के लिए भुवी का, और फॉर्म को देखते हुए साथ ही बाएं हाथ के गेंदबाज होने के कारण तीसरे स्थान के लिए अर्शदीप सिंह का चुना जाना भी लगभग तय ही था। इसलिए किसी को भी टीम में इन सभी का नाम देखकर आश्चर्य नहीं हुआ।

अलबत्ता चौथे गेंदबाजी विकल्प को देखकर हैरानी जरूर हुई, क्योंकि चौथा नाम आवेश खान का था। टीम से मोहम्मद शमी और दीपक चाहर दोनों का ही नाम गायब था। हालांकि ये बात सही है कि आवेश खान एक अच्छे गेंदबाज हैं, अनुभव के साथ-साथ वो और भी अधिक परिपक्व होंगे, इसमें भी कोई शक नहीं है। लेकिन आश्चर्य और सवाल जो थे, वो उनकी खराब फॉर्म और टीम की जरूरतों को लेकर थे। एक तो उनका हालिया प्रदर्शन अच्छा नहीं था, दूसरा परिस्थितियों के अनुसार टीम की पहली पसंद मोहम्मद शमी या पसंद दीपक चाहर होने चाहिए थे। मगर उन दोनों को नजरअंदाज कर आवेश का चयन किया गया था। दीपक चाहर बतौर रिजर्व खिलाड़ी ही चुने गए थे। पहले गलत कॉम्बिनेशन और फिर ऊपर से गलत चयन, इसका खमियाजा टीम इंडिया को एशिया कप का खिताब गंवाकर भुगतना पड़ा।

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खैर जब विश्व कप के लिए टीम के चयन की बात आई, तो लगा टीम इंडिया के चयनकर्ता विश्व कप में टीम का चयन करते समय अपनी पिछली गलतियां सुधारेंगे। और जब विश्व कप के लिए टीम की घोषणा की गई है, तो टीम देखकर लगता नहीं कि चयनकर्ताओं ने कुछ ज्यादा सबक लिया है। कंडीशन को देखते हुए कॉम्बीनेशन में अभी भी एक तेज गेंदबाज कम है, और एक स्पिनर अधिक। ऊपर से जो खिलाड़ी चयनित हुए हैं उनमें भी मोहम्मद शमी और दीपक चाहर का नाम टीम से फिर से नरारद है। चयनकर्ताओं द्वारा दोनों को सिर्फ रिजर्व खिलाड़ी बनने लायक ही समझा गया है।

भारत ने दीपक हुड्डा के रूप में स्पिनर गेंदबाज का एक अतिरिक्त विकल्प होने पर भी 3 विशेषज्ञ स्पिनर चुने हैं, जबकि 2 स्पिनरों का ही चयन किया जाना चाहिए था। एक स्पिनर कम करके मोहम्मद शमी को मौका दिया जाना चाहिए था। इसके अलावा हर्षल पटेल की जगह दीपक चाहर को मौका देना ज्यादा बेहतर रहता, वो ज्यादा उपयोगी रहते। अब तो विश्व कप  के लिए चुने गए इन खिलाड़ियों का प्रदर्शन ही तय करेगा, कि उनका निर्णय कितना सही है? हम तो यही बस आशा करेंगे कि गलत स्क्वॉड का खामियाजा टीम को एशिया कप की तरह खिताब गंवा कर न उठाना पड़े। 

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