कल एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के बीच दुबई में खेले गए, महत्वपूर्ण मैच में पाकिस्तान ने भारत को 5 विकेट से हरा दिया। पाकिस्तान के खिलाफ मैच में वही हुआ जिसकी आशंका थी, टीम की कई कमजोरियां खुल कर सामने आ गई। पिछले एक महीने से हम अपने कई लेखों में टीम की इन कमजोरियों का ज़िक्र करते रहे हैं।
कल पाकिस्तान के खिलाफ भारत की हार के क्या कारण रहे, और आगे उसे किन चीजों का ध्यान रखना होगा। आइए इन सभी पहलुओं की समीक्षा करते हैं।
1 - चयनकर्ताओं द्वारा गलत टीम का चयन
जैसा कि हम पहले भी आपको बता चुके हैं कि एशिया कप के लिए चुनी गई टीम का कॉम्बिनेशन ही गलत था, टीम में मात्र 3 विशेषज्ञ फ़ास्ट बॉलर चुने गए थे और मात्र एक तेज गेंदबाजी करने वाला आलराउंडर था। बाकी सारे गेंदबाजी विकल्प स्पिन डालने वाले गेंदबाज थे। जबकि एशिया कप में अब तक हुए मैचों में पिचों ने स्पिनरों से ज्यादा तेज गेंदबाजों की मदद की है। हालांकि पिछले मैच में जीत के कारण ये कमी टीम ने छुपा ली थी।
2 - गलत खिलाड़ियों का चयन
इस कमी का ज़िक्र हम पहले भी कर चुके हैं कि एशिया कप के लिए टीम में चुने हुए कुछ खिलाड़ी टीम में चयन के हकदार नहीं थे, जैसे कि आवेश खान, आर आश्विन और रवि विश्नोई। चयनकर्ता यदि इनकी जगह चयन के योग्य खिलाड़ियों दीपक चाहर, कुलदीप यादव और मोहम्मद शामी का टीम में चयन करते तो इससे टीम को ज्यादा फायदा होता। पिछले मैच में जीत के कारण इस कमी पर भी पर्दा डल गया था।
3 - बल्लेबाजों का लापरवाह रवैया
अच्छी शुरुआत के बावजूद टीम उस स्कोर तक नहीं पहुँच सकी, जहाँ तक उसे पहुंचना चाहिए था। इसकी वजह बल्लेबाजों का खराब शॉर्ट सलेक्शन था, अधिकतर बल्लेबाज खराब शॉर्ट खेलकर आउट हुए। केएल राहुल, सूर्या, हार्दिक पाण्ड्या, ऋषभ पंत ने खराब शॉर्ट खेलकर अपना विकेट फेंक दिया, जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा।
4 - अनुभवी गेंदबाजों का खराब प्रदर्शन
भारत के अनुभवी गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार, युजवेन्द्र चहल और हार्दिक पाण्ड्या ने इस मैच में बहुत खराब गेंदबाजी की, हालांकि इन्होंने 1-1 विकेट जरूर लिया, लेकिन ये अपना प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे। अगर इन्होंने अच्छी गेंदबाजी की होती, तो मैच का रिजल्ट कुछ और ही होता। जबकि इनकी तुलना में कम अनुभवी रवि विश्नोई और अर्शदीप सिंह ने इनसे बेहतर गेंदबाजी की।
5 - छठे विकल्प का प्रयोग न करना
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की कप्तानी भी इस मैच में लचर ही रही, उन्होंने प्रमोट होकर ऊपर बल्लेबाजी करने आए मोहम्मद नवाज को बहुत हल्के में लिया। उन पर प्रेशर बनाने का कोई प्रयास ही नहीं किया, उन्हें लगा नवाज अपना विकेट खुद ही फेंक देंगे। जब रिजवान के साथ नवाज पार्टनरशिप जमा रहे थे, तो उन्होंने नवाज को आउट करने का कोई अतिरिक्त प्रयास ही नहीं किया। उन्होंने अपने मुख्य गेंदबाजों के पिटने पर भी न तो अपने छठे विकल्प दीपक हुड्डा को आजमाया, और न ही पिछले मैच में 1 ओवर डालने वाले कोहली को आजमाया।
6 - भारतीय फील्डरों की लचर फील्डिंग
इस मैच में भारतीय फील्डरों ने लचर फील्डिंग का नमूना पेश किया। कई अवसरों पर उन्होंने अतिरिक्त रन भी दिए, जिसका खामियाजा टीम को मैच हार कर भुगतना पड़ा। अर्शदीप सिंह ने आसफ अली का जो आसान सा कैच छोड़ा, वो टीम इंडिया के लिए ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ।