BCCI, T20 International, Team India: टी20 विश्वकप 2022 के सेमीफाइनल में हारने के बाद टीम इंडिया टूर्नामेंट से बाहर हो गई। इसके बाद कप्तान समेत खिलाड़ियों की जमकर आलोचना हुई। टूर्नामेंट खत्म होने के बाद अब कुछ खिलाड़ियों के करियर पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बीसीसीआई 2024 में होने वाले टी20 विश्वकप के लिए एक नई और युवा टीम तैयार करना चाहता है।
शुक्रवार को बीसीसीआई ने चेतन शर्मा की अध्यक्षता वाली सिलेक्शन कमेटी को भी बर्खास्त कर दिया। अब बोर्ड ने 5 पदों के लिए नए आवेदन भी मांगे हैं। बीसीसीआई ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि नई सिलेक्शन कमेटी को तीनों फॉर्मेट में अपना कप्तान चुनना होगा। इससे स्पष्ट है कि बीसीसीआई ने स्प्लिट कैप्टेंसी का मन बना लिया है। हालांकि 2023 विश्वकप तक रोहित वनडे के कप्तान बने रह सकते हैं। टेस्ट में भी हिटमैन के प्रदर्शन को देखते हुए उनकी कप्तानी बरकरार रखी जा सकती है।
हार्दिक को मिल सकती टी20 की कमान
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई ने स्प्लिट कैप्टेंसी का फैसला कर लिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हार्दिक पांड्या को अगला टी20 कप्तान बनाया जा सकता है। टीम इंडिया इन दिनों न्यूजीलैंड के दौरे पर है। इस दौरे के लिए कई सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया गया है, ऐसे में टी20 टीम की कप्तानी हार्दिक पांड्या को सौंपी गई है। सीरीज का पहला मुकाबला बारिश के कारण रद्द हो गया था। इससे पहले आयरलैंड दौरे (2 टी20) पर भी हार्दिक टीम इंडिया की कप्तानी कर चुके हैं। वेस्टइंडीज दौरे पर भी हार्दिक पांड्या ने एक टी20 में टीम इंडिया की कमान संभाली थी।
5 साल बाद आएगा स्प्लिट कैप्टेंसी का दौर
अगर हार्दिक पांड्या को टी20 का कप्तान बनाया जाता है तो 2017 के बाद पहली बार होगा जब स्प्लिट कैप्टेंसी का दौर आएगा। एमएस धोनी ने दिसंबर 2014 में टेस्ट से संन्यास ले लिया था। इसके बाद 2017 तक टेस्ट में कोहली और लिमिटेड ओवर में धोनी टीम इंडिया की कमान संभाल रहे थे। 2017 की शुरुआत में माही ने वनडे और टी20 की कप्तानी भी छोड़ दी थी। ऐसे में 2017 से 2021 तक विराट कोहली ने तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया की कमान संभाली। इसके बाद से रोहित शर्मा सभी फॉर्मेट में भारतीय टीम के कप्तान हैं।
2007-2008 में भी हुआ था ऐसा
2008 से लेकर 2014 तक महेंद्र सिंह धोनी तीनों प्रारूपों में टीम इंडिया के कप्तान थे। 2007-2008 में भी टीम इंडिया में स्प्लिट कैप्टेंसी का दौर आया था। दरअसल धोनी वनडे और टी20 में भारतीय टीम की कमान संभाल रहे थे, वहीं दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान थे। 2008 में कुंबले ने संन्यास ले लिया था और फिर तीनों फॉर्मेट की कमान धोनी के हाथों में आ गई थी।
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