Sarfaraz Khan, Chetan Sharma: हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों के लिए टीम इंडिया का ऐलान किया गया। भारतीय स्क्वॉड में सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन को जगह तो मिली पर घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले सरफराज खान का नाम इस लिस्ट में नहीं था। इसके बार सरफराज सोशल मीडिया पर छा गए। फैंस से लेकर पूर्व क्रिकेटर तक सभी ने सरफराज के समर्थन में ट्वीट किए। टेस्ट सीरीज में मुंबई के इस बल्लेबाज को नजर अंदाज करने की बात किसी को नहीं पच रही थी।
घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन
फर्स्ट क्लास क्रिकेट के 36 मैच की 52 पारियों में सरफराज ने 80.47 की औसत और 69.89 के स्ट्राइक रेट से 3380 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 9 अर्धशतक और 12 शतक निकले। पिछले तीन रणजी सीजन में 25 साल के क्रिकेटर का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। उन्होंने रणजी के 6 मैचों में 928 रन, अगले सीजन 6 मैचों में 982 रन और इस सीजन 89.00 की औसत से 801 रन बनाए।
मैं बहुत दुखी था
टीओआई से बातचीत में सरफराज ने कहा, "जब टीम की घोषणा की गई और मेरा नाम नहीं था, तो मैं बहुत दुखी था। इस दुनिया में मेरी जगह कोई भी दुखी होता, क्योंकि मुझे चुने जाने की उम्मीद थी, लेकिन चुना नहीं गया था। कल जब हम गुवाहाटी से दिल्ली की यात्रा कर रहे थे, मैं पूरे दिन उदास था। मैं सोच रहा था कि यह क्या और क्यों हुआ। मैं बहुत अकेला महसूस कर रहा था। मुंबई की टीम दिल्ली के खिलाफ मंगलवार से अरुण जेटली स्टेडियम में अपना अगला रणजी ट्रॉफी मैच खेलेगी।
अब्बू को दिल्ली बुलाया
हमेशा की तरह सरफराज ने महसूस कि उन्हें अपने प्यारे अब्बू की जरूरत है। क्रिकेटर ने उन्हें अपने पास अपने के लिए कहा, नौशाद ने अपने बेटे को डिप्रेशन से बाहर निकालने के लिए जल्दी से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। सरफराज ने बताया, "मैंने अपने पिताजी को दिल्ली बुलाया। उन्होंने मुझसे बात की, मैंने उनके साथ अभ्यास किया और फिर बेहतर महसूस किया। शुरू में मैं सोच रहा था कि मुझे क्यों नहीं चुना गया। अब मैं सोच रहा हूं कि सिलेक्शन मेरे हाथ में नहीं है। मैं इसके बारे में कुछ नहीं कर सकता। मेरे हाथ में है तो सिर्फ यही कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूं।
पिता को दिया प्रदर्शन का श्रेय
किसी भी चीज से ज्यादा बल्लेबाज को दुख होता है कि उसके पिता का उसे भारत के लिए खेलते देखने का सपना अभी भी उससे दूर है। "जब मैं एक बच्चा था, मैं गरीबी से बाहर आने के लिए क्रिकेट खेलता था। जब मैं बड़ा हुआ, तो मुझे एहसास हुआ कि मेरे पिता का सपना था कि उनका एक बेटा भारत के लिए खेले। मैं अपने असाधारण प्रदर्शन का श्रेय अपने पिता को देता हूं।" सरफराज ने भावुक होते हुए कहा, बस इतना है कि मुझे कभी-कभी उनके लिए दुख होता है। नहीं तो मैं अपनी जिंदगी में बहुत खुश हूं। भगवान ने मुझे बहुत कुछ दिया है।
चयनकर्ताओं ने कही थी ये बात
सरफराज ने खुलास किया, "बैंगलोर में रणजी ट्रॉफी के फाइनल के दौरान, जब मैंने शतक लगाया, तो मैं चयनकर्ताओं से मिला। मुझे बताया गया कि 'आपको बांग्लादेश के खिलाफ मौका मिलेगा। उसके लिए तैयार रहें।" हाल ही में मैं चीफ सिलेक्टर चेतन शर्मा सर से मिला, जब हम मुंबई के होटल में चेक इन कर रहे थे। उन्होंने मुझे निराश न होने के लिए कहा और कहा कि मेरा समय आएगा। अच्छी चीजें होने में समय लगता है। आप टीम इंडिया में जगह बनाने के बहुत करीब हैं। आपको अपना मौका मिलेगा। इसलिए, जब मैंने एक और महत्वपूर्ण पारी खेली, तो मुझे उम्मीदें थीं। लेकिन यह ठीक है।