फीफा ने लगाया भारत पर बैन, इस साल होने वाले U17 महिला विश्व कप की मेजबानी भी छीनी

कई दिनों से चल रही आशंकाओं के बाद आखिरकार वही हुआ, जिसका हमें डर था। फुटबॉल को चलाने वाली संस्था फीफा (FIFA) ने आखिरकार अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) पर बैन लगा ही दिया है।  इसका प्रभाव ये होगा कि अब भारत न तो इस साल अक्टूबर में होने वाला महिला U17 फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी कर सकेगा, साथ ही न ही भारतीय फुटबॉल टीम किसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में खेल पाएगी और न ही कोई भारतीय खिलाड़ी किसी विदेशी लीग में हिस्सा ले पाएगा। फीफा इससे पहले भी इसी तरह के मामलों में कई देशों के संघों को भी

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By puneet sharma
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फीफा ने लगाया भारत पर बैन, इस साल होने वाले U17 महिला विश्व कप की मेजबानी भी छीनी

कई दिनों से चल रही आशंकाओं के बाद आखिरकार वही हुआ, जिसका हमें डर था। फुटबॉल को चलाने वाली संस्था फीफा (FIFA) ने आखिरकार अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) पर बैन लगा ही दिया है। 

इसका प्रभाव ये होगा कि अब भारत न तो इस साल अक्टूबर में होने वाला महिला U17 फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी कर सकेगा, साथ ही न ही भारतीय फुटबॉल टीम किसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में खेल पाएगी और न ही कोई भारतीय खिलाड़ी किसी विदेशी लीग में हिस्सा ले पाएगा। फीफा इससे पहले भी इसी तरह के मामलों में कई देशों के संघों को भी निलंबित कर चुका है। 

क्या कहा फीफा ने इस मामले में लिए गए फैसले में 

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फीफा ने तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देते हुए, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के खिलाफ यह कड़ा फैसला लिया। फीफा ने कहा है कि उसका ये निलंबन का फैसला तुरंत प्रभाव से लागू होगा । 

फीफा ने एक प्रेस रिलीज की, अपनी इस प्रेस रिलीज़ में फीफा ने कहा कि "फीफा काउंसिल ने ऑल इंडिया फुटबॉल एसोसिएशन (AIFF) को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करने का फैसला लिया है क्योंकि इसमें तीसरी पार्टी का प्रभाव है, जो कि फीफा के नियमों का घोर उल्लंघन है। यह बैन तभी वापस लिया जाएगा, जब ऑल इंडिया फुटबॉल एसोसिएशन (AIFF) की सभी शक्तियां सही प्रशासकों के हाथ में होंगी, और बोर्ड के संविधान को सही तरीके से लागू किया जाएगा।"

क्या है भारत पर लगे बैन का कारण 

इसकी शुरुआत अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के अपना तीसरा कार्यकाल दिसंबर 2020 में समाप्त होने के बावजूद पद नहीं छोड़ने से हुई। पटेल ने उच्चतम न्यायालय में 2017 से लंबित मामले का सहारा लेकर शीर्ष अदालत में नए संविधान को लेकर मसला सुलझने तक चुनाव कराने से इंकार कर दिया था। 

खेल संहिता के अनुसार किसी भी राष्ट्रीय खेल महासंघ में कोई व्यक्ति अधिकतम 12 साल तक अपने पद पर रह सकता है और पटेल ने वह अवधि पूरी कर ली थी। फीफा कानून के अनुसार, उसके सदस्य संघों को अपने-अपने देशों में कानूनी और राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होना चाहिए। जो कि भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) में नहीं हो रहा था। 

क्या है एआइएफएफ (AIFF) की वर्तमान व्यवस्था 

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इस समय देश में फुटबॉल का सारा कामकाज प्रशासकों की समिति (COA) देख रही है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद ये निर्णय लिया गया कि देश में फुटबॉल का कामकाज प्रशासकों की समिति यानी CoA देख रही है। 

सीओए (COA) ने एआईएफएफ (AIFF) के अपदस्थ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की ‘कार्यवाही में हस्तक्षेप’ करने के लिए अवमानना ​​याचिका दायर की थी। 

क्या हैं निलंबन हटने की संभावनाएं 

फीफा और भारत के खेल मंत्रालय लगातार एक दूसरे के संपर्क में है और सकारात्मक नतीजे निकलने की पूरी उम्मीद की जा रही है। माना जा रहा है कि अगर एआइएफएफ  (AIFF) को सीओए (COA) जल्दी मिल जाती है और यदि जल्द एआइएफएफ के चुनाव हो जाते हैं। 

अगर ऐसा हुआ तो फिर मामला फीफा के कानून के अनुसार स्वयं ही निपट और फिर भर पर लगा निलंबन हटा जाएगा है। और फिर अक्टूबर में होने वाले U17 महिला विश्व कप का आयोजन भी संभव हो पाएगा।

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