पाकिस्तान क्रिकेट हमेशा चर्चाओं में रहता है। पाकिस्तान क्रिकेट की जितनी चर्चा खेल के लिए होती है, उतनी ही चर्चा विवादों के लिए भी होती है। अब एक विवाद तीनों फॉर्मेट के लिए अलग-अलग टीम बनाने को लेकर भी शुरू हो गया है, कुछ लोग इसके पक्ष में हैं, तो कुछ विरोध कर रहे हैं। इस बारे में पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर कामरान अकमल ने भी अपनी राय दी है। उन्होंने पीटीवी से बात करते हुए ये बातें कहीं।
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क्या कहा है कामरान ने?
41 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज कामरान अकमल से जब 'इंडिया मॉडल' की तरह पाकिस्तानी क्रिकेट में भी तीनों फॉर्मेट में 3 अलग टीमें बनाने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी। अकमल ने कहा कि "पहले आप ढंग से एक टीम तो पूरी करें लें, फिर अलग-अलग टीम की सोचना। क्योंकि जब से हमारा घरेलू क्रिकेट बंद हुआ है, इसका नकारात्मक प्रभाव हमारी टीम पर भी पड़ा है। इसलिए आप 2018-19 से पहले तो 2-3 टीमें बना सकते थे। क्योंकि आपके पास आपका घरेलू क्रिकेट था।"
अनुभवी पाकिस्तानी क्रिकेटर कामरान अकमल "जब घरेलू क्रिकेट पाकिस्तान में बहुत समृद्ध था, उस समय ये संभव था। मुझे यह पता है क्योंकि मैं वहां वर्षों से खेल चुका हूं। लेकिन अब मुश्किल है, अगर छह टीमों का होना इतना फायदेमंद होता, तो फवाद आलम इतने सालों बाद वापसी नहीं करते।"
आगे अकमल ने कहा "हमारी टीम कमजोर होने का ही नतीजा है कि कप्तान बाबर आजम की अगुआई में पाकिस्तान पिछले साल एशिया कप और टी20 विश्व कप के फाइनल में पहुंचा था, लेकिन दोनों बार ट्रॉफी उठाने में नाकाम रहा था। पाकिस्तान पिछले सीजन में घर में एक भी टेस्ट मैच जीतने में नाकाम रहा और इंग्लैंड के खिलाफ 0-3 से वाइटवॉश झेलना पड़ा था।"
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क्यों उठी है अलग टीम बनाने की मांग?
पिछले कुछ समय में कई शीर्ष टीमों ने अलग-अलग प्रारूपों में अलग टीमों को खिलाने की रणनीति अपनाई है। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया इस नीति को अपनाने वाली पहली टीम थीं। जबकि भारत ने पिछले कुछ समय में अलग फॉर्मेट में अलग टीम के साथ मैदान में उतरी है।
जहां कई वर्तमान और पूर्व क्रिकेटरों और विशेषज्ञों ने खिलाड़ियों का एक बड़ा पूल स्थापित करने के इस नए मॉडल लिए भारत की सराहना की है। इसीलिए पाकिस्तान में भी इस मॉडल को अपनाने की मांग हो रही है। कामरान ने कमजोर घरेलू ढांचे के कारण इस मॉडल के पाकिस्तान में सफल नहीं रहने की बात कही।