कलाई में फ्रैक्चर के बाद भी नहीं टूटा हनुमा विहारी का हौसला, लेफ्ट हैंडर बनकर एक हाथ से की बल्लेबाजी

हनुमा विहारी को एक जुझारू खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी टेस्ट के दौरान उन्होंने जो जुझारू पारी खेली थी, वो सभी को याद है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए सिडनी टेस्ट मैच में विहारी ने जो दिलेरी दिखाई थी, वो कोई भूल नहीं सकता। अब उन्होंने एक बार फिर अपना जुझारूपन दिखाया है, जिससे उनकी पुरानी यादें ताजा हो गईं हैं।  विहारी रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में आंध्र प्रदेश की ओर से खेलते हुए मध्य प्रदेश की टीम के खिलाफ टूटे हुए हाथ से बल्लेबाजी करने उतरे। टीम के हित में

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By puneet sharma
कलाई में फ्रैक्चर के बाद भी नहीं टूटा हनुमा विहारी का हौसला, लेफ्ट हैंडर बनकर एक हाथ से की बल्लेबाजी
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हनुमा विहारी को एक जुझारू खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी टेस्ट के दौरान उन्होंने जो जुझारू पारी खेली थी, वो सभी को याद है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए सिडनी टेस्ट मैच में विहारी ने जो दिलेरी दिखाई थी, वो कोई भूल नहीं सकता। अब उन्होंने एक बार फिर अपना जुझारूपन दिखाया है, जिससे उनकी पुरानी यादें ताजा हो गईं हैं। 

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विहारी रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में आंध्र प्रदेश की ओर से खेलते हुए मध्य प्रदेश की टीम के खिलाफ टूटे हुए हाथ से बल्लेबाजी करने उतरे। टीम के हित में उन्होंने बाएं हाथ से बल्लेबाजी की। सभी के द्वारा उनके इस शानदार प्रयास की काफी सराहना की जा रही है। 

फ्रेक्चर के बावजूद की बल्लेबाजी 

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इस क्वार्टर फाइनल मैच में आंध्र प्रदेश की टीम बल्लेबाजी कर रही थी, आवेश खान के एक बाउंसर पर आंध्र के कप्तान हनुमा विहारी घायल हो गए। उन्हें रिटायर्ड हर्ट होकर बाहर जाना पड़ा। बाद में पता चला कि उनके कलाई में फ्रेक्चर है। इसके बावजूद मैच के दूसरे दिन टीम की आवश्यकता के लिए वो 9 विकेट गिरने के बाद फिर बल्लेबाजी करने उतरे।  

 

दाएं हाथ से बल्लेबाजी नहीं कर पाने के कारण उन्होंने बाएं हाथ से बल्लेबाजी की, और एल मोहन के साथ साझेदारी करते हुए कुछ महत्वपूर्ण रन जोड़े। अंतिम बल्लेबाज के रूप में आउट होने से पहले उन्होंने जुझारू बल्लेबाजी करते हुए 57 गेंदों में 27 रनों की पारी खेली, और टीम का स्कोर 379 रन तक पहुंचाया। इस शानदार प्रयास के लिए उनकी सराहना हो रही है।  

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी खेली थी जुझारू पारी 

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जनवरी 2021 में हुए सिडनी टेस्ट की उस पारी में वो हैमस्ट्रिंग के साथ जूझते हुए खेले थे। दूसरी पारी में उन्होंने हैमस्ट्रिंग के दर्द से सहते हुए 161 गेंदों में नाबाद 23 रनों की पारी खेली थी। उन्होंने रविचंद्रन अश्विन 39 रन नाबाद के साथ मिलकर अंगद की तरह अपना पैर जमा लिया। और फिर मैच ड्रॉ कराकर ही दम लिया। 

इस मैच के ड्रॉ होने के कारण भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वो सीरीज जीतने में काफी मदद मिली थी। अगर भारत ये मैच हार जाता तो उसके सीरीज जीतने के अरमानों पर पानी फिर जाता, लेकिन विहारी ने आश्विन के साथ मिलकर टीम को हार के मुँह से निकाल कर मैच को ड्रॉ पर समाप्त कराया। 

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