पेस-भूपति की जोड़ी के टूटते ही थम गया इंडियन टेनिस, कुछ ऐसे थे इस जोड़ी के रिकॉर्ड

लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी डबल्स टेनिस में न सिर्फ भारतीय टेनिस बल्कि विश्व टेनिस की सबसे सफल जोड़ियों में से एक रही है। इस जोड़ी ने भारतीय टेनिस को उसके अब

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By puneet sharma
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पेस-भूपति की जोड़ी के टूटते ही थम गया इंडियन टेनिस, कुछ ऐसे थे इस जोड़ी के रिकॉर्ड

लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी डबल्स टेनिस में न सिर्फ भारतीय टेनिस बल्कि विश्व टेनिस की सबसे सफल जोड़ियों में से एक रही है। इस जोड़ी ने भारतीय टेनिस को उसके अब तक के सबसे ऊंचे मुकाम पर पहुंचाया। 

कभी डबल्स में नंबर 1 रही इस जोड़ी ने एक साथ खेलते हुए 3 ग्रैंडस्लैम खिताब दिलाएं हैं। इसके अलावा इन्होंने 25 ATP टूर चैम्पियनशिप भी जीतीं। यही नहीं एक समय डेविस कप प्रतियोगिता के डबल्स में इन्हें हरा पाना लगभग असंभव सा लगता था। 

दोनों के लिए सुनहरा साल रहा सन 1999 

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साल 1999 लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी के लिए सुनहरा साल रहा। इस साल ये जोड़ी चारों ग्रैंडस्लैम के फाइनल में पहुँचने में सफल रहे। इसमें से दो खिताब अपने नाम भी किए, और दो में रनरअप रहे। 

महेश भूपति और लिएंडर पेस सन 1999 में पहली बार फ्रेंच ओपन जीत कर इंडियन टेनिस को एक अलग मुकाम दिलाया। फाइनल में उन्होंने क्रोएशिया के गोरान इवानसेविक और अमेरिका के जेफ टरनगो को 6-2, 7-5 से हराया। इस जीत के साथ ये जोड़ी नंबर 1 बन गई और साल के अंत तक अपनी रैंकिंग को बरकरार रखा। 

इससे पहले वो आस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में पहुँचने में भी सफल रहे थे, लेकिन फाइनल में उन्हें कड़े संघर्ष के बाद हार का सामना करना पड़ा। लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी को आस्ट्रेलियाई पेट्रिक राफ्टर और स्वीडन के जोंस जोर्कमेन की जोड़ी से 3-6, 6-4, 4-6, 7-6, 4-6 से हार कर, उपविजेता बनकर संतोष करना पड़ा। 

फ्रेंच ओपन जीतने के बाद उन्होंने विम्बल्डन का खिताब भी अपने नाम किया। ये उनका साथ में दूसरा ग्रैंडस्लैम टाइटल था। फाइनल में उन्होंने अमेरिका के जार्ड पॉल्मर और नीदरलैंड के पॉल हरहुइस की जोड़ी को 3-6, 6-4, 4-6, 7-6, 4-6 से हराया। 

साल के आखिरी ग्रैंडस्लैम यू एस ओपन के फाइनल में भी लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी नजर आई। हालांकि फाइनल में एक बार फिर हार कर उन्हें रनरअप बन कर ही संतोष करना पड़ा। फाइनल में उन्हें कनाडा के सेबइस्टिन लोरेउ और अमेरिका के एलेक्स ओ ब्रायन के हाथों हार का सामना करना पड़ा। कैनेडियाई -अमेरिकी जोड़ी ने उन्हें 7-6, 6-4 से हराया। 

"इंडियन एक्सप्रेस" और "ली हेश" के नाम से सारी दुनिया में विख्यात इस जोड़ी ने भारतीय टेनिस को डबल्स में नई ऊँचाइयाँ प्रदान कीं। उस दौर में इनके प्रशंसकों को हमेशा इनसे जीत की उम्मीद रहती, चाहें सामने प्रतिद्वंदी कोई भी हो। साल 2001 में इन्होंने फ्रेंच ओपन जीत कर अपना एक साथ आखिरी खिताब जीता। 

लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी का ब्रेकअप 

लेकिन इनके आपसी मतभेद इस जोड़ी को ले डूबे, साथ ही डूब गया इंडियन टेनिस का गोल्डन एरा। सन 2006 में सिर्फ ये जोड़ी ही नहीं टूटी, बल्कि इसके साथ-साथ  इस जोड़ी को चाहने वाले लाखों दिल भी टूट गए। लिएंडर पेस और महेश भूपति सन 1996 से 2006 तक लगभग 10 साल साथ में खेले, और बेहद लाजबाब खेले। 

इस जोड़ी के टूटने पर सन 2021 में "ब्रेक पॉइंट - ब्रोमान्स टू ब्रेकअप" नाम से एक वेब सीरीज भी आई थी। जिसमें इस जोड़ी के एक साथ आने से लेकर उनके अलग होने तक की कहानी को दर्शाया गया था। 

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फिर साथ आए मगर पहले जैसा जादू नहीं दिखा 

हालांकि सन 2008 में इन दोनों फिर से जोड़ी बनाई और सन 2011 तक लगभग 3 साल साथ खेले। खिताब भी जीते, लेकिन पहले वाली बात नहीं नजर आई। जिस जोश और जुनून के साथ ये पहले 10 साल तक खेले वो अब उनके खेल से नरारद  था। दोनों एक साथ तो थे, मगर किसी नदी के किनारों की तरह। 

तब लगा की रहीम जी ने अपने दोहे के माध्यम से ठीक ही कहा है कि 
"रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाए,
 टूटे से फिर न जुड़े, जुड़े गांठ परिजाए।"  

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भारतीय टेनिस का नुकसान 

जो भी हो ये कड़वा सत्य है कि लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी के टूटने के बाद भारतीय टेनिस खासकर डबल्स टेनिस थम सा गया है। खुद महेश भूपति ने भी माना कि उनकी और लिएंडर पेस की जोड़ी टूटने के बाद भारतीय टेनिस में एक ठहराव आ गया है। उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी जोड़ी टूटने से भारतीय टेनिस को नुकसान हुआ है। 

फिर भी जब भी टेनिस डबल्स की बात होगी तो लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी को जरूर याद किया जाएगा। अपने शानदार खेल से लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी ने जो छाप छोड़ी है, उसे सदैव याद रखा जाएगा। लेकिन इनके प्रशंसकों को इस बात का मलाल भी रहेगा कि अगर ये जोड़ी न टूटती तो भारतीय टेनिस का इतिहास और भी यादगार होता। 
 

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