Mickey Arthur, PCB, Pakistan Cricket Board: मिकी ऑर्थर 4 साल बाद अपनी शर्तों पर पाकिस्तान क्रिकेट में वापसी कर सकते हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी पाकिस्तान को ऑनलाइन कोचिंग देने के लिए राजी हो गए हैं। वह सभी सीरीज के लिए मौजूद नहीं रहेंगे और केवल तभी यात्रा करेंगे जब उन्हें लगेगा कि यह आवश्यक है। वह केवल बाबर आजम एंड कंपनी को ऑनलाइन कोचिंग देंगे। इसके साथ वह विश्व क्रिकेट के पहले पूर्णकालिक "ऑनलाइन" कोच बन जाएंगे।
तैयार नहीं थे ऑर्थर
सकलैन मुश्ताक का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने के साथ, नजम सेठी के नेतृत्व वाला पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड आर्थर को वापस लेने के लिए बेताब था। हालांकि आर्थर इसके लिए तैयार नहीं थे क्योंकि उन्होंने हाल ही में डर्बीशायर काउंटी क्रिकेट क्लब के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि आर्थर पूर्णकालिक मुख्य कोच होंगे या सलाहकार।
विश्वकप 2023 में रहेंगे मौजूद
बोलन्यूज पाकिस्तान के अनुसार, पीसीबी के कई अनुरोधों के बाद ऑर्थर आखिरकार पाकिस्तानी टीम के कोच बनने के लिए तैयार हो गए हैं। इससे पहले आर्थर ने बोर्ड पर आने से मना कर दिया था। पाकिस्तानी मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, आर्थर एशिया कप 2023 जैसे मार्की टूर्नामेंट के लिए उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने भारत में होने वाले विश्व कप 2023 के लिए मैदान पर रहने का वादा किया है। उनका कॉन्ट्रैक्ट अक्टूबर में होने वाले वनडे विश्वकप तक चलेगा।
Micky Arthur will be 1st World ON-LINE coach of Pakistan International team.
NZ Home series, ONLINE Coaching
Asia Cup 2023, ONLINE coaching
Afghanistan series, ONLINE coaching
World Cup 2024, ONLINE coaching
England tour 24, ONLINE coaching pic.twitter.com/De6qkhL4Cm— Ejaz Wasim Bakhri (@ejazwasim) January 30, 2023
सेठी ने की थी बातचीत
नजम सेठी ने पिछले हफ्ते कहा था, "मैं व्यक्तिगत रूप से मिकी के साथ बातचीत कर रहा हूं और हमने 90 प्रतिशत मुद्दों को सुलझा लिया है। उम्मीद है कि हम बहुत जल्द यह खबर शेयर करेंगे कि मिकी हमारे साथ जुड़ेंगे। मैं चाहूंगा कि वह यहां आने के बाद अपने कोचों की अपनी टीम तैयार करें।" हालांकि, इससे पहले आर्थर ने पाकिस्तान क्रिकेट के साथ डील करने से इनकार कर दिया था। पीसीबी ने कहा कि बातचीत के बावजूद, आर्थर को टाइम-शेयरिंग के आधार पर पाकिस्तान के कोच या सलाहकार के रूप में शामिल होने के लिए राजी करना मुश्किल साबित हो रहा था।