भारतीय फील्डिंग को एक अलग स्तर पर ले जाने का श्रेय जाता है पूर्व भारतीय ऑल राउंडर रॉबिन सिंह को। भारत के जाने-माने खिलाड़ी रॉबिन सिंह का जन्म 14 सितंबर 1963 को त्रिनिडाड में हुआ था। अपनी नागरिकता के कारण उनके पास वेस्टइंडीज की टीम से खेलने का मौका था, उन्हें ये अवसर मिल भी रहा था। लेकिन भारतीय मूल का ये खिलाड़ी भारत के लिए खेलना चाहता था, इसलिए ये सुनहरा मौका छोड़कर भारत आ गया। रॉबिन सिंह का पूरा नाम रबीन्द्र नारायण सिंह है।
इनकी प्रतिभा को देख कर टीम इंडिया भी इन्हें अपनी टीम का हिस्सा बनाना चाहती थी, लेकिन भारत का कानून आड़े आ गया। क्योंकि भारतीय कानून के अनुसार उन्हें भारतीय नागरिकता लेने के लिए कई सालों का इंतजार करना था। लेकिन फिर भी वो अपने भारत के लिए खेलने के निर्णय पर अडिग रहे, और उन्होंने लंबे वक्त तक टीम इंडिया का हिस्सा बनने का इंतजार किया।
आखिरकार मिला भारत के लिए खेलने का मौका
आखिरकार जब वो भारतीय नागरिक बनने के लिए योग्य हो गए, तो टीम का हिस्सा बनाया गया। उन्हें अपने जन्मस्थली वेस्टइंडीज के खिलाफ ही सन 1989 में डेव्यू करने का अवसर मिला। लेकिन जल्द ही साधारण प्रदर्शन के कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया, और फिर अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भी उन्हें सालों तक टीम में वापसी का मौका नहीं दिया गया।
लोग ऐसा सोचने लगे कि उन्होंने वेस्टइंडीज के बजाय भारत के लिए खेलने का निर्णय करके कहीं गलती तो नहीं कर दी। आखिर उन्हें अच्छे प्रदर्शन का फल मिल गया, 7 साल के लंबे इंतजार के बाद उन्हें 1996 में खेले गए टाइटन कप में उन्हें टीम इंडिया में वापसी का मौका मिला। इसके बाद इन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा, और 2001 तक वो टीम का हिस्सा रहे।
अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी के अलावा उन्होंने अपनी फील्डिंग से भी कई मैच पलटे हैं। उनकी और अजय जडेजा की जोड़ी फील्ड में दीवार बन कर खड़ी होती थी। ये उनका और टीम दोनों का ही दुर्भाग्य था, कि उनके करियर के लगभग 12 साल खराब हुए, नहीं तो आज उनके आँकड़े कुछ और होते।
कुछ इस तरह रहा रॉबिन सिंह का करियर रिकॉर्ड
रॉबिन सिंह ने अपने करियर में कुल 136 वनडे मैच खेले। इस दौरान उन्होंने 113 पारियाँ खेलते हुए, 23 बार नॉट आउट रह कर, कुल 2,336 रन बनाए।
इस दौरान उनकी औसत 25.96 की रही और 100 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा। उन्होंने इन दौरान 1 शतक और 9 अर्धशतक भी लगाए। वहीं इन मैचों में गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 69 विकेट लिए। 22 रन देकर 5 विकेट लेना उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा, और उनकी इकनॉमी 4.8 की रही।
वहीं टेस्ट खेलने का अवसर अपने करियर में उन्हें मात्र एक बार ही मिल पाया। जिम्बाब्वे के खिलाफ हुए इस मैच में उन्होंने 27 रन बनाए। इस मैच में गेंदबाजी करते हुए उन्हें कोई विकेट नहीं मिल सका। खेल को अलविदा कहने के बाद उन्होंने कोचिंग शुरू कर दी। आईपीएल में कोचिंग कर चुके रॉबिन सिंह इस समय यूएई की नैशनल टीम के कोच हैं, साथ ही वो वहाँ अपनी क्रिकेट एकेडमी भी चलाते हैं।