2007 टी-20 विश्व कप में टीम को चैम्पियन बनाने वाले रॉबिन उथप्पा ने कहा खेल को अलविदा

रॉबिन उथप्पा ने कल 14 सितंबर को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी। अब वो मैदान पर अपनी अनूठी शैली में बल्लेबाजी करते हुए दिखाई नहीं देंगे। इस अवसर पर उन्होंने अपनी सभी टीमों, सभी साथी खिलाड़ियों, सभी स्टाफ सहयोगियों और बीसीसीआई का शुक्रिया अदा किया। अपने एक भावुक पोस्ट के जरिए उन्होंने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 20 साल के लंबे करियर के बाद उन्होंने खेल के सभी प्रारूपों से रिटायरमेंट लेने का निर्णय किया है। 

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By puneet sharma
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2007 टी-20 विश्व कप में टीम को चैम्पियन बनाने वाले रॉबिन उथप्पा ने कहा खेल को अलविदा

रॉबिन उथप्पा ने कल 14 सितंबर को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी। अब वो मैदान पर अपनी अनूठी शैली में बल्लेबाजी करते हुए दिखाई नहीं देंगे। इस अवसर पर उन्होंने अपनी सभी टीमों, सभी साथी खिलाड़ियों, सभी स्टाफ सहयोगियों और बीसीसीआई का शुक्रिया अदा किया। अपने एक भावुक पोस्ट के जरिए उन्होंने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 20 साल के लंबे करियर के बाद उन्होंने खेल के सभी प्रारूपों से रिटायरमेंट लेने का निर्णय किया है। 

खेल को अलविदा कहने के लिए उन्होंने इस खास दिन को चुना, क्योंकि 14 सितंबर के दिन ही भारत ने पाकिस्तान को रोमांचक मुकाबले में बॉल आउट के जरिए 3-0 से हराया था। इस जीत में उथप्पा ने पहले अपने बल्ले, फिर अपनी फील्डिंग और फिर बॉल स्टंप पर डालकर टीम को एक महत्वपूर्ण और यादगार जीत दिला दी। 

वनडे विश्व कप 2007 में हारने वाली टीम खेले वाले जिन खिलाड़ियों ने टी-20 विश्व कप के लिए  टीम का हिस्सा बनने का फैसला किया उनमें से एक नाम था युवा रॉबिन उथप्पा का। क्योंकि उन्होंने सोच रखा था कि जो वनडे में नहीं हुआ वो टी-20 में करके दिखाना है, टीम को खिताब जिताना उनका सपना था। 

गेंदबाज के गेंद फेंकते समय चलकर आगे आना और चलते-चलते गेंद को बाउंड्री पर भेजने की उनकी कला अनूठी थी। वो ऐसा इसलिए करते थे कि गेंदबाज को गेंद को स्विंग करने का अवसर न मिले। ऐसा करते हुए अपनी एकाग्रता न खोना किसी अजूबे से कम नहीं था। भारत के लिए 2006 में डेव्यू करने वाले उथप्पा ने भारत के लिए अपना अंतिम मैच 2015 में खेला था। उसके बाद उन्हें फिर कभी टीम में वापसी का मौका नहीं मिला। लेकिन उन्होंने आईपीएल में अपने हाथ दिखाए।

 

रॉबिन उथप्पा का ऐसा रहा है जीवन   

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जबरदस्त हौंसले वाले खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा की लवस्टोरी काफी दिलचस्प है, उनकी पत्नी शीतल गौतम प्रोफेशनल टेनिस खिलाड़ी हुआ करती थीं। दोनों कॉलेज में एक साथ थे, और शीतल उनकी सीनियर हुआ करती थीं। दोनों की मुलाकात होती रहती थीं, और फिर ये मुलाकातें प्यार में बदल गईं, इसके बाद दोनों ने शादी कर ली।  

रॉबिन उथप्पा जब छोटे थे तो उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ते थे और इस कारण उनका काफी समय तक इलाज चला था। इस वजह से उनका वजन बहुत बढ़ गया था और क्रिकेट के लिए उन्होंने खुद को फिट किया था। रॉबिन उथप्पा के पिता हॉकी रेफरी थे, लेकिन उन्होंने क्रिकेट में अपना करियर बनाने का निर्णय किया। उनकी मां ईसाई हैं और पिता हिंदू हैं। उन्होंने 25 साल की उम्र में ईसाई धर्म को अपना लिया था। 

रॉबिन उथप्पा का करियर रिकॉर्ड 

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उथप्पा ने अपने करियर में 46 वनडे मैच खेले हैं, 42 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 934 रन बनाए हैं। इस दौरान 6 बार नॉट आउट रहते हुए उन्होंने 25.94 की औसत से रन बनाए हैं। 86 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है, उनके नाम 6 अर्धशतक भी हैं। वहीं 13 मैच खेलते हुए 12 पारियों में उन्होंने 2 बार नॉट आउट रहते हुए 249 रन बनाए हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 50 रन रहा है, इस दौरान उनकी औसत 24.90 की रही है। 

अगर बात करें रॉबिन उथप्पा के आंकड़ों की, तो देखने में वो आकर्षक नहीं लगते हैं, लेकिन वो सारी तस्वीर भी बयां नहीं करते हैं। सच ये है कि आँकड़े पूरी सच्चाई नहीं बताते हैं, खासकर उनकी दिलेरी और जज्बे को बयां नहीं करते हैं।  

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