सूर्य कुमार यादव भारतीय टीम के एक उभरते हुए सितारे हैं। टीम में आए हुए उन्हें अभी कुछ ही समय हुआ है, लेकिन कम समय में ही उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से सभी को अपना मुरीद बना लिया है। इतने कम समय में ही उन्होंने कई यादगार पारियां खेली हैं।
ऐसी ही एक महत्वपूर्ण पारी उन्होंने कल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ निर्णायक मैच में भी खेली। उन्होंने अपनी पारी में 36 बॉल खेलकर 69 रनों का योगदान दिया। उन्होंने इस पारी में 5 चौके और 5 छक्के लगाए। लेकिन जिन परिस्थितियों में उन्होंने ये पारी खेली उससे इस पारी का महत्व और भी ज्यादा हो जाता है।
क्यों ज्यादा है इस पारी का महत्व
क्योंकि सूर्या इस मैच से पहले स्वस्थ्य नहीं थे। सुबह उठे तो उनके पेट में दर्द था, फिर उन्हें फीवर भी आ गया। इस मैच के महत्व को समझते हुए उन्होंने डाक्टर से बोला कि किसी भी तरह मुझे फिट कर दीजिए, इसके लिए चाहें मुझे दवाई दीजिए या फिर इंजेक्शन दीजिए। मुझे इस मैच में कुछ भी करके खेलना है।
टीम को इस महत्वपूर्ण मैच में मेरी जरूरत है, मैं टीम को निराश नहीं कर सकता। उन्होंने आगे कहा कि मैं ये सोचकर घबरा रहा हूँ कि अगर वर्ल्ड कप फाइनल में ऐसा कुछ हो गया तो फिर मैं क्या करूँगा इसके बाद वो इंजेक्शन ले कर मैच खेले, और टीम इंडिया को मैच के साथ-साथ सीरीज भी जीता दी।
क्यों कहा जाता है सूर्या को मिस्टर 360 प्लेयर
इस पारी के दौरान उन्होंने फिर दिखा दिया कि डिविलियर्स के बाद उन्हें क्यों मिस्टर 360 कहा जाता है। उन्होंने इस पारी में हर दिशा में शॉट खेले। जोकि उनकी हमेशा से खास बात रही है।
सूर्य कुमार की बल्लेबाजी की ये विशेषता है कि हर गेंद के लिए उनके पास सिर्फ एक शॉट खेलने का विकल्प नहीं होता, बल्कि वो दो-तीन तरह के शॉट खेलने में सक्षम हैं। वो अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाज को सोचने के लिए विवश कर देते हैं कि वो उन्हें कहाँ गेंद डाले, यही उनकी सफलता का सबसे बड़ा राज है।