इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए तीसरे वनडे मैच में भारत ने इंग्लैंड को 3--0 से हराकर 3 वनडे मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप कर लिया। लेकिन इस मैच के खत्म होने के बाद इस मैच के अंत में भारतीय खिलाड़ी दीप्ति शर्मा द्वारा किए गए एक रन आउट पर बवाल शुरू हो गया, जो थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।
इस विवाद में कई क्रिकेटर और खेल विशेषज्ञ भी कूद पड़े हैं। सभी अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। कुछ इसे सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ इसे गलत बता रहे हैं। जानते हैं आखिर क्या है ये विवाद।
आखिर क्या है ये विवाद?
दरअसल हुआ यूँ कि इंग्लैंड की टीम भारत के दिए लक्ष्य का पीछा कर रही थी। लक्ष्य छोटा होने पर भी इंग्लैंड की पारी लड़खड़ा गई। उसके सभी प्रमुख बल्लेबाज पैवेलियन लौट चुके थे, निचले क्रम के बल्लेबाज किसी तरह टीम को जिताने का प्रयास कर रहे थे। और जब अंतिम जोड़ी मैदान पर थी, और जीत के लिए 16 रन चाहिए थे। उस समय दीप्ति शर्मा गेंदबाजी कर रही थीं। वो गेंद फेंकती, उससे पहले ही नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज चार्लोस डीन ने क्रीज छोड़ दी। जिसकी वजह ये थी कि अगर बॉल स्ट्राइकर बल्लेबाज डेविस के बल्ले से छू भी जाए, तो वो जल्दी से दौड़ कर रन पूरा कर लें, और स्ट्राइक पर आ जाएं।
दीप्ति ने उनका इरादा भांप लिया और गेंद फेंकने के बजाय रुक गई। उन्होंने बॉल स्टम्प पर टच कर दी और चार्लोस डीन को वापस क्रीज में लौटने का मौका नहीं दिया। इस रन आउट को मांकडिंग कहा जाता है, लेकिन आगामी 1 अक्टूबर से इसे सामान्य रन आउट ही कहा जाएगा। इसका नतीजा ये हुआ कि इंग्लैंड मैच हार गया। मैच हारने के बाद इंग्लैंड की बल्लेबाज रोने लगीं। उन्होंने दीप्ति के मांकडिंग को खेल भावना के खिलाफ बताया।
इस मामले में किसने क्या कहा
What was that😡at least sportsman spirit not to learn from you guys🤬 keep your mouth shut🤫 @piersmorgan @thomasgodfreyuk #DeeptiSharma❤️🤝 pic.twitter.com/2nMiNWlUTY
— Laxmi Ratan Shukla (@Lshukla6) September 25, 2022
इस मामले में पहले इंग्लैंड की खिलाड़ियों ने इसे अनैतिक बताया। इसके बाद इंग्लैंड पुरूष टीम के गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन भी कूद पड़े, उन्होंने भी इसे गलत बताया। कई और विशेषज्ञों ने भी नैतिकता की दुहाई देकर इसे गलत बताया। इन्हें जबाब देने के लिए फिर कई वर्तमान व पूर्व क्रिकेटर भी कूद पड़े।
वीरेंद्र सहवाग ने नैतिकता की दुहाई देने वाले इंग्लैंड को उसकी पुरानी करतूतें याद दिलाईं। वहीं एक और पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मी रत्न शुक्ला ने अपने ट्वीट में एक वीडियो शेयर कर इंग्लैंड को उसकी नैतिकता का आईना दिखाया। कई वर्तमान और पूर्व खिलाड़ियों ने भी इसे नियमों के अंतर्गत होने के कारण जायज ठहराया।
सवाल ये भी उठा कि नियम बल्लेबाजों पर लागू होने पर बबाल क्यों?
If a bowler cross the front line it’s a no ball…
— Irfan Pathan (@IrfanPathan) September 25, 2022
इरफान पठान ने एक जायज सवाल भी इस विवाद के साथ जोड़ा। उन्होंने पूछा कि अगर गेंदबाज क्रीज की लाइन को क्रॉस करता है तो उस गेंद को नो बॉल घोषित कर उस पर पेनल्टी लगाई जाती है, अगली गेंद पर फ्री हिट भी दी जाती है। लेकिन जब बल्लेबाज गलत ढंग से क्रीज क्रॉस करता है तो उस समय नैतिकता के नाम पर उसे बचाने की कोशिश की जाती है। क्या सारे नियम गेंदबाजों पर लागू होते हैं, बल्लेबाजों पर नहीं?
दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी तबरेज शम्सी ने कहा कि वो इस मामले में किसी का पक्ष नहीं लेना चाहते, लेकिन उन्हें भी लगता है कि जब गेंदबाजों को नियमों में बाँधा जाता है तो बल्लेबाजों पर भी नियम लागू होने चाहिए। जब ऐसा नियम के अंतर्गत किया गया है, तो फिर इस पर विवाद खड़ा नहीं करना चाहिए।
Im on no one's side here but my opinion is that if bowlers are forced to stay behind the line while bowling due to the laws in place.... batters can learn to stay behind the line too while backing up due to the laws in place
Seems fair to me if we all just follow the laws
— Tabraiz Shamsi (@shamsi90) September 24, 2022