भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच रोमांचकता की गारंटी तो होते ही हैं, साथ ही ये गारंटी होते हैं स्टेडियम के हाउस फुल होने की। फॉर्मेट कोई भी हो, दुनिया के किसी भी कोने का मैदान हो लेकिन अगर मैच इंडिया-पाकिस्तान के बीच में है तो टिकट हाथों हाथ बिकना तय है। ये बात इन दोनों देशों से जुड़े लोग ही नहीं बल्कि सारी दुनिया जानती है।
लेकिन दोनों देशों के बीच 2012 अर्थात काफी लम्बे समय से द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली गई है, और टेस्ट सीरीज खेले हुए तो दोनों देशों को एक जमाना हो चुका है। दोनों देशों के बीच अंतिम टेस्ट सीरीज 2007 में खेली गई थी, उसके बाद दोनों टीमों ने कोई टेस्ट सीरीज नहीं खेली है।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज नहीं होने के कारण दोनों टीमों की भिड़ंत अब सिर्फ वर्ल्ड कप और एशिया कप जैसे टूर्नामेंट के दौरान ही होती है। इसलिए दोनों टीमों की टक्कर देखने के लिए प्रशंसकों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। इसीलिए इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने अपने यहाँ दोनों देशों के बीच टेस्ट सीरीज कराने का प्रस्ताव दिया है।
क्या है ईसीबी का प्रस्ताव और क्यों दिया है?
ईसीबी ने ये देखते हुए कि दोनों देशों का एक दूसरे के यहाँ जाकर खेलना सम्भव नहीं है, इसलिए दोनों देशों को इंग्लैंड में न्यूट्रल वेन्यू पर टेस्ट सीरीज खेलने का प्रस्ताव दिया है। उसको लगता है कि भले ही भारत या पाकिस्तान के मैदानों पर दोनों देशों का भिड़ना सम्भव न हो, लेकिन तठस्थ स्थान पर दोनों टीमों की टक्कर सम्भव है।
इंग्लैंड के प्रमुख न्यूज पेपर टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार इसलिए इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के वाइस प्रेसिडेंट मार्टिन डार्लो ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को इस संदर्भ में एक प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव को भेजने का एक कारण और भी है, क्योंकि ईसीबी को ये भी लगता है कि एशेज सीरीज के अलावा अगर कोई टेस्ट सीरीज दर्शक देखना पसंद करेंगे तो वो होगी भारत-पाकिस्तान सीरीज।
क्या है इस पर भारत की प्रतिक्रिया
प्राप्त सूचना के अनुसार भारत को दिए प्रस्ताव को बीसीसीआई ने रिजेक्ट कर दिया है। नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि ईसीबी ने अपनी ओर से पीसीबी को प्रस्ताव भेजा है। लेकिन इस प्रस्ताव को पीसीबी को भेजने का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि पीसीबी तो हमेशा से ही क्रिकेट खेलने के लिए तैयार है।
लेकिन हमारी सरकार का दृष्टिकोण बिल्कुल स्पष्ट है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करेगा, तब तक हम कहीं भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलेंगे, तब तक हम सिर्फ बहुराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में ही पाकिस्तान के खिलाफ खेलेंगे। इसलिए इस प्रस्ताव का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि फिलहाल ये सीरीज संभव नहीं है।