यादों की बरसात - भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (2013)

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मैचों का इतिहास रोमांचक मुकाबलों से भरा हुआ है। फॉर्मेट चाहे कोई भी हो, दोनों टीमों के बीच ज्यादातर मैचों में कांटे की टक्कर देखने को मिलती है। आज हम दोनों टीमों के बीच खेले गए ऐसे ही एक टी-20 मैच की बात करेंगे, जोकि दोनों टीमों के बीच 2013 में खेली गई सीरीज के दौरान खेला गया था। ये इस सीरीज का एकमात्र टी-20 मैच था। इस मैच में युवराज सिंह अपनी शानदार बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच चुने गए थे। 

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By puneet sharma
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यादों की बरसात - भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (2013)

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मैचों का इतिहास रोमांचक मुकाबलों से भरा हुआ है। फॉर्मेट चाहे कोई भी हो, दोनों टीमों के बीच ज्यादातर मैचों में कांटे की टक्कर देखने को मिलती है। आज हम दोनों टीमों के बीच खेले गए ऐसे ही एक टी-20 मैच की बात करेंगे, जोकि दोनों टीमों के बीच 2013 में खेली गई सीरीज के दौरान खेला गया था। ये इस सीरीज का एकमात्र टी-20 मैच था। इस मैच में युवराज सिंह अपनी शानदार बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच चुने गए थे। 

ऑस्ट्रेलिया की पहले बल्लेबाजी 

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इस मैच में भारतीय टीम के कप्तान एमएस धोनी ने टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया की टीम को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अच्छी शुरुआत की, उसके दोनों ओपनरों फिंच और मेडिनसन ने शानदार शुरुआत दी। टीम का स्कोर जब 56 रन था, तो मेडिनसन 34 रनों पर आउट हो गए। उसके बाद शेन वॉटसन और कप्तान जॉर्ज बेली भी जल्दी-जल्दी आउट हो गए। लेकिन फिर ग्लेन मैक्सवेल ने फिंच का अच्छा साथ निभाया, और स्कोर को 114 रनों तक ले गए। मैक्सवेल 27 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद आए ब्रेड हैडिन भी ज्यादा कुछ नहीं कर सके। लेकिन फिंच ने एक छोर से रन बनाना जारी रखा,  वो सर्वाधिक 89 रन बनाकर आउट हुए। उनके अलावा हेनरिक्स, फॉकनर और कुल्टन नाईल ने भी थोड़ा-थोड़ा योगदान दिया। ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित 20 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 201 रनों का स्कोर खड़ा किया। भारत की ओर से भुवनेश्वर कुमार और विनय कुमार को 3-3 सफलताएं मिलीं, जबकि रवींद्र जडेजा को 1 विकेट मिली। आश्विन सबसे महंगे रहे, उन्होंने अपने 2 ओवरों में 41 रन खर्च किए, और उन्हें कोई सफलता भी नहीं मिली। उनके अलावा इशान्त शर्मा और कोहली को भी खाली हाथ रहना पड़ा। 

ऑस्ट्रेलिया को भारत का जबाब 

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बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को शुरुआत में ही रोहित शर्मा के रूप में एक झटका लग गया। स्कोर अभी 50 रन तक पहुँचा था कि सुरेश रैना 19 रन बनाकर आउट हो गए। स्कोर 80 रन तक पहुँचते-पहुँचते अच्छा खेल रहे शिखर धवन भी डग आउट में वापस पहुँच गए। फिर विराट भी 100 रन के स्कोर पर 29 रन बनाकर आउट हो गए। लक्ष्य अभी भी काफी दूर था, और भारत के 4 प्रमुख बल्लेबाज पैवेलियन लौट चुके थे। भारत संकट में फँसता हुआ नजर आ रहा था। लेकिन फिर मोर्चा संभाला युवराज सिंह ने, उनका भरपूर साथ दिया कप्तान धोनी ने। दोनों ने मिलकर 2 गेंद शेष रहते टीम इंडिया को जीत दिला दी, धोनी ने जहाँ 24 रनों की सहायक पारी खेली, वहीं युवी ने 77 रनों की आक्रामक और निर्णायक पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया की ओर से सभी गेंदबाज महंगे साबित हुए। मैकोय ने सबसे ज्यादा 2 विकेट लिए, तो वहीं डोर्टी और कुल्टन नाईल के हिस्से 1-1 विकेट आई। हेनरिक्स, फॉकनर और शेन वॉटसन को कोई सफलता नहीं मिली। भारत ने 19.4 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर लक्ष्य प्राप्त कर 6 विकेट से इस रोमांचक मुकाबले को जीत लिया। 

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