18 नवंबर को BCCI ने विश्व कप में मिली हार के बाद कड़ी कार्यवाही करते हुए चयन समिति को भंग करते हुए, सभी चयनकर्ताओं को बर्खास्त कर दिया। चयनकर्ताओं द्वारा काफी समय से किए जा रहे गलत कॉम्बिनेशन और खिलाड़ियों के चयन से टीम इंडिया को बड़े टूर्नामेंटों में लगातार नाकामी मिल रही थी। उनकी बर्खास्तगी की यही वजह मानी जा रही है।
बीसीसीआई ने नए चयनकर्ताओं के चयन के लिए आवेदन मंगाए हैं। नए चयनकर्ताओं के लिए कई नाम चल रहे हैं। जहां तक मुख्य चयनकर्ता के पद की बात है, इसके लिए भी कई नाम चर्चा में हैं। जिनमें से ये 5 बड़े दावेदार हैं, जो टीम इंडिया के अगले मुख्य चयनकर्ता बन सकते हैं।
1 - आशीष नेहरा
टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा का नाम भी इस पद के लिए चर्चा में है। दिग्गज तेज गेंदबाज नेहरा ने भारतीय टीम कई यादगार जीतों में अहम भूमिका निभाई है। 2003 के विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ डाले गए उनके यादगार स्पेल को भला कौन भूल सकता है, जब उन्होंने अकेले दम पर इंग्लैंड के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को घुटनों पर ला दिया। जब वो लय में होते थे तो उनकी लाइन लेंथ देखते ही बनती थी। उनके रिकॉर्डस पूरी तस्वीर पेश नहीं करते।
नेहरा ने अपने करियर में 17 टेस्ट मैचों में 44 विकेट लिए। वनडे में उन्होंने 120 मैच खेलते हुए 157 लिए। इसके अलावा उन्होंने 27 टी20 मैच खेलते हुए 34 विकेट लिए। अगर नेहरा की फिटनेस आड़े न आई होती तो उनके रिकॉर्ड्स कुछ और ही होते। फिलहाल वो कोच, खेल विशेषज्ञ और कमेंट्रेटर की भूमिका निभा रहे हैं। अगर दिग्गज नेहरा को ये पद मिला तो उनसे टीम इंडिया को ट्रैक पर ला सकते हैं।
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2 - आरपी सिंह
टीम इंडिया के एक अन्य तेज गेंदबाज रहे रुद्र प्रताप सिंह का नाम भी इस पद के लिए चर्चा में है। आरपी के नाम से विख्यात इस गेंदबाज का भी टीम इंडिया की कई महत्वपूर्ण जीतों में बड़ा योगदान रहा। 2007 के टी20 विश्व कप की बात करें या फिर 2008 में पर्थ के गावा में ऑस्ट्रेलियाई टीम को उसी के गढ़ में घुटने टिकवाने की बात, आरपी के योगदान के बिना अधूरी हैं। उनकी स्विंग गेंदबाजी से बड़े-बड़े दिग्गज बल्लेबाज भी घबराते थे।
आरपी सिंह ने भारत के लिए 14 टेस्ट मैच खेले, इसमें उन्होंने 40 विकेट लिए। वहीं उन्होंने अपने करियर में 58 वनडे खेलते हुए 69 विकेट लिए। जबकि उन्होंने 10 टी20 खेलते हुए 15 विकेट हासिल किए। फिलहाल स्विंग के किंग आरपी खेल विशेषज्ञ और कमेंट्रेटर की भूमिका निभा रहे हैं। अगर वो मुख्य चयनकर्ता बने तो अपनी स्विंग गेंदबाजी की तरह टीम इंडिया की किस्मत भी स्विंग कर सकते हैं।
3 - अजित अगरकर
टीम इंडिया के पूर्व आलराउंडर अजित अगरकर का नाम भी इस पद के दावेदारों में शामिल है। अजित अगरकर की गिनती घरेलू क्रिकेट के अच्छे ऑलराउंडरों में की जाती थी। लेकिन टीम इंडिया में उनका एक-दो अवसरों को छोड़कर बल्ले से ज्यादा योगदान नहीं रहा। लेकिन उन्होंने अपनी गेंदबाजी से अच्छी छाप छोड़ी। अगरकर टीम इंडिया के लिए कई सालों तक खेले, और कई जीतों में नायक बनकर उभरे। इसमें 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डाला गया यादगार स्पेल भी शामिल है, जिसमें उन्होंने 6 विकेट लेकर टीम इंडिया को यादगार जीत दिलाई थी। उन्होंने भी अपनी धारदार गेंदबाजी से काफी शानदार स्पेल डाले।
बल्लेबाजी की बात करें तो उनके लॉर्ड्स में 2002 लगाए गए शतक को भला कौन भूल पाएगा। अगरकर ने टीम इंडिया के लिए 26 टेस्ट खेलकर 58 विकेट लिए। वहीं उन्होंने अपने करियर में 191 वनडे खेलते हुए 288 विकेट लिए। वहीं अगरकर ने 4 टी20 में 3 विकेट लिए हैं। फिलहाल वो खेल विशेषज्ञ और कमेंट्रेटर की भूमिका निभा रहे हैं। उनसे भी उनके अनुभव को देखते हुए अच्छे कार्यकाल की अपेक्षा की जा सकती है।
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4 - संजय बांगर
टीम इंडिया के लिए खेल चुके संजय बांगर भी इस पद के दावेदारों में माने जा रहे हैं। उन्होंने अपनी मीडियम पेस गेंदबाजी के अलावा बल्ले से भी टीम इंडिया के लिए कई मैचों में योगदान दिया। बांगर की इंग्लैंड में कठिन परिस्थितियों में खेली गई अच्छी पारी भी यादगार पारियों में गिनी जाती है। लेकिन संजय बांगर अपनी प्रतिभा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके। बांगर ने अपने करियर में 12 टेस्ट मैच खेले, इसमें उन्होंने 470 रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने 7 विकेट भी लिए। जबकि उन्होंने 15 वनडे मैचों में 180 रन बनाए हैं, साथ ही उन्होंने 7 विकेट भी लिए हैं।
पूर्व आलराउंडर संजय बांगर क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद बैटिंग कोच भी रह चुके हैं। फिलहाल वो खेल विशेषज्ञ और कमेंट्रेटर की भूमिका निभा रहे हैं। अगर बांगर को ये पद मिलता है तो अपने खेल की गहरी समझ से टीम इंडिया को पटरी पर वापस ला सकते हैं।
5 - प्रवीण आमरे
प्रवीण आमरे भी इस रेस में शामिल माने जा रहे हैं। उनके नाम की भी मुख्य चयनकर्ता के पद के लिए चर्चा चल रही है। पूर्व क्रिकेटर प्रवीण आमरे टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज हैं। उनके नाम अपने पहले ही टेस्ट में शतक लगाने का रिकॉर्ड भी है। उन्हें लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए खेलने का अवसर तो नहीं मिला, लेकिन उन्होंने टीम इडिया के लिए छोटे से करियर में कई शानदार पारियां खेलीं। उनका रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ काफी अच्छा रहा है।
प्रवीण आमरे ने अपने करियर में 11 टेस्ट मैच खेलते हुए 425 रनों का योगदान दिया। वहीं वनडे में उन्होंने 37 मैच खेलते हुए 513 रन बनाए। आमरे मुख्य चयनकर्ता बनने पर उनसे उनके अनुभव को देखते हुए अच्छे कार्यकाल की अपेक्षा की जा सकती है।