अपना अंतिम विश्व कप खेल रहे क्रिस्टियानो रोनाल्डो इस बार भी अपनी टीम के चैंपियन बनने का सपना पूरा करने में नाकाम रहे। उनकी टीम को नॉक आउट राउंड में एक बार फिर हार कर बाहर होना पड़ा। मोरक्को ने पुर्तगाल को चौंकाते हुए 1-0 से हरा दिया।
अपनी टीम को खिताब जिताने का सपना टूटने के बाद रोनाल्डो भावुक हो गए। उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। इसकी वजह ये है कि 5वीं विश्व कप में खेल रहे क्रिस्टियानो रोनाल्डो का ये अंतिम विश्व कप था। अब 37 वर्षीय रोनाल्डो विश्व कप में दिखाई नहीं देंगे।
मैच का लेखा-जोखा इस तरह रहा
फीफा विश्व कप के तीसरे क्वार्टर फाइनल में मिली इस हार के पुर्तगाल प्रतियोगिता से बाहर हो गई। जबकि मोरक्को ने पहली बार सेमीफाइनल में प्रवेश किया है। न सिर्फ मोरक्को बल्कि किसी भी अफ्रीकी टीम ने पहली बार फीफा विश्व कप के अंतिम 4 में प्रवेश किया है। अगर इस मुकाबले की बात करें तो इस मैच का एकमात्र गोल पहले हाफ में आया। ये गोल मोरक्को के नेस्यारी ने 42वें मिनट में किया था।
उसके बाद कोई भी टीम अपने गोल करने के प्रयास में सफल नहीं हो सकी। और समय समाप्ति पर स्कोर 1-0 ही बना रहा। इस पूरे मैच में पुर्तगाल की टीम मोरक्को के किले को भेदने में एक बार भी कामयाब नहीं हो सकी। मोरक्को की डिफेंस ने पुर्तगाल के गोल करने के सारे प्रयास विफल कर दिए। यही उसकी हार की वजह बनी। इस मैच में पुर्तगाल ने जहां आक्रमण करने की रणनीति अपनाई, वहीं दूसरी ओर मोरक्को ने 1 गोल करने के बाद अपनी डिफेंस लाइन पर भरोसा जताया।
उन्हें पूरा विश्वास था कि पुर्तगाल को वो गोल करने से रोक सकते हैं, उन्होंने ऐसा कर भी दिखाया। मोरक्को के खिलाफ कोई भी टीम इस विश्व कप में गोल नहीं कर सकी है। कनाडा के साथ हुए मैच में भी उनके खिलाफ जो गोल हुआ था, वो भी कनाडा ने नहीं किया था, वो भी उनका ओन गोल था। उनको विपक्षी टीम से गोल खाए, लगभग 6 महीने हो गए हैं।
विवादों से भरा रहा रोनाल्डो के लिए ये विश्व कप
क्रिस्टियानो रोनाल्डो इस विश्व कप को याद नहीं रखना चाहेंगे। ये विश्व कप फुटबॉल के सुपर स्टार के लिए बहुत खराब गुजरा। इस पूरे टूर्नामेंट में में वो अपनी फॉर्म के साथ जूझते नजर आए। स्थिति ये हो गई कि पुर्तगाल ने बाद के मैचों में अपने कप्तान को बैंच पर बिठाना ज्यादा पसंद किया। वो मैदान में कम ही नज़र आए।
स्विट्जरलैंड के खिलाफ मैच में उनकी टीम को उन्हें मैदान में न उतारने का फायदा भी मिला। उनकी जगह आए रामोस ने लाजबाब प्रदर्शन करते हुए पुर्तगाल टीम को बड़ी जीत दिला दी। पुर्तगाल में हुए एक सर्वे में भारी संख्या में लोगों ने उन्हें कप्तानी से हटाने और टीम से बाहर करने की मांग की। यही नहीं फीफा ने अपनी सबसे खराब प्लेइंग इलेवन में भी उन्हें जगह दी थी।
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