पाकिस्तान में इन दिनों राजनीति के साथ-साथ क्रिकेट जगत में भी उथल-पुथल मची हुई है। पीसीबी चैयरमैन रमीज राजा को उनके पद से हटाकर उनकी जगह नजम सेठी को ये जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद चयन समिति को भी भंग कर दिया गया। उसकी जगह नई अंतरिम कमेटी का गठन किया गया। इस नई चयन समिति का चीफ पूर्व कप्तान और क्रिकेटर शाहिद अफरीदी को बनाया गया है।
ये भी पढ़ें: 'अय्यर और अश्विन की जोड़ी ने वो कर दिखाया, जो हमने सोचा भी नहीं था', ढाका टेस्ट जीतने के बाद हैरान रह गए पुजारा
पूर्व ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी जैसे विवादास्पद व्यक्ति को ये पद देना बहुत सारे लोगों को रास नहीं आया। इसकी वजह बड़बोले अफरीदी की विवादास्पद छवि है। विवादों में घिरे रहना अफरीदी का पुराना शौक है। इस कारण उन्होंने काफी लोगों को अपना विरोधी बना रखा है। जो उनको ये पद दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। ऐसे ही लोगों में से एक हैं, पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर दानिश कनेरिया।
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर कनेरिया ने अफरीदी जैसे विवादास्पद व्यक्ति को मुख्य चयनकर्ता नियुक्त करने को मजाक बताया है। उनका मानना है कि बेईमानी के कारण प्रतिबंध झेल चुके व्यक्ति को मुख्य चयनकर्ता बनाना एक जोक है। ऐसे व्यक्ति से अच्छे निर्णय की अपेक्षा कैसे की जा सकती है। उसके आने से पाकिस्तानी क्रिकेट का कोई फायदा नहीं होने वाला।
ये भी पढ़ें: AUS Vs SA: 24 रन बनाते ही अफ्रीकी कप्तान ने बना दिया वो रिकॉर्ड, जिसके लिए खिलाड़ियों को लगाना पड़ता है पूरा जोर
अफरीदी पर तंज कसते हुए किया ट्वीट
Chief selector 😂😂😂 pic.twitter.com/cdKokzJCyR
— Danish Kaneria (@DanishKaneria61) December 25, 2022
पूर्व खिलाड़ी दानिश ने अफरीदी को मुख्य चयनकर्ता बनाने पर ट्वीट करते हुए उनका एक फोटो लगाया, और कैप्शन दिया 'चीफ सिलेक्टर'। उन्होंने अफरीदी का जो फोटो शेयर किया है, उसमें वो बॉल टेंपरिंग करते नजर आ रहे हैं। ये घटना 2010 में ऑस्ट्रेलिया दौरे की है। जब अफरीदी पर बॉल टेंपरिंग के आरोप लगे थे, जांच में वो आरोप सही पाए गए। और अफरीदी को दोषी मानते हुए उन पर 2 टी20 मैचों का प्रतिबंध लगाया गया।
अफरीदी इस तरह के कई और विवादों का हिस्सा रह चुके हैं। उनका पूरा करियर विवादों से घिरा रहा है। खुद दानिश कनेरिया ने उन पर कई आरोप लगाए थे। इनमें कनेरिया के साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव करने का आरोप भी शामिल है। पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने भी दानिश के आरोपों को सही बताया था। उन्होंने माना था कि कनेरिया के साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव हुआ था।