भारतीय टीम के खिलाफ खेले गए दूसरे टी-20 मैच में श्रीलंकाई कप्तान दासुन शनाका (Dasun Shanaka) ने बल्ले व गेंद से कमाल का प्रदर्शन किया। पहले सिर्फ 20 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर 22 गेंदों में 56 रनों की नाबाद पारी खेली। फिर भारतीय पारी के 20वें और सबसे अहम ओवर को खुद फेंकने का फैसला किया। 21 रनों का बचाव करने में वह सफल रहे और ओवर में सिर्फ 4 रन देकर भारत को 16 रनों से हरा दिया। इस कमाल के प्रदर्शन के लिए Dasun Shanaka को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के अवॉर्ड से नवाजा गया। मगर, क्या आप जानते हैं कि शनाका अपनी जिंदगी में मौत को भी मात दे चुके हैं। तो आइए आपको बताते हैं, उस किस्से के बारे में...
Dasun Shanaka का हुआ था मौत से सामना
श्रीलंका को एशिया कप जिताने वाले कप्तान Dasun Shanaka आज अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ पर हैं। लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी में ऐसा दिन देखा, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। बात 2019 की है, जब ईस्टर के दिन श्रीलंका में एक ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट में 320 लोगों की जान गई थी और इस हादसे का शनाका पर गहरा असर हुआ था। उन्होंने कहा था कि उस समय जो उन्होंने देखा उसके बाद वह अपने घर से बाहर जाने से भी डरने लगे थे। शनाका ने क्रिकइंफो को बताया था कि,
“आमतौर पर मैं चर्च में जाता, लेकिन उस दिन मैं थका हुआ था। उस सुबह जब मैं अपने घर में था। मैंने एक आवाज सुनी। लोग कह रहे थे कि चर्च में बम फट गया। मैं वहां भाग कर गया और उस मंजर को मैं कभी नहीं भूल सकता। पूरा चर्च तहस-नहस हो चुका था। लोगों की लाशें बाहर पड़ी थीं।”
शनाका की मां और दादी की बची जान
उस हादसे में कई परिवार उजड़ गए थे। मगर, ये कहना गलत नहीं होगा की किस्मत पूरी तरह से दासुन शनाका के साथ थी। जहां ना केवल ब्लास्ट में उनकी जान बची, बल्कि उनकी मां और दादी भी बच गईं। जैसे ही शनाका ने ब्लास्ट की बात सुनी तो वह भाग कर गए और अपनी मां, दादी को देखा। दोनों ही ईस्टर के लिए चर्च गई हुई थीं। उनकी दादी के सिर पर चोट आई थी जिसकी सर्जरी करानी पड़ी थी। लेकिन दोनों की ही जान बच गई थी। शनाका ने कहा था,
“मैं सड़क पर जाने से डरता हूं।”
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