फीफा विश्व कप 2022 की शुरुआत होने से पहले मैनचेस्टर यूनाइटेड के खिलाड़ी मार्कस रशफोर्ड काफी समय से इंग्लैंड के लिए खेलते नहीं दिख रहे थे। आखिरी बार वे यूरो 2020 में दिखे थे जब फाइनल में इटली के खिलाफ़ उन्होंने पेनल्टी मिस कर दी थी। उसके बाद सीधा उन्हें अक्टूबर में नेशन्स लीग के लिए स्क्वॉड में शामिल किया गया था, जिसमें में चोट कर चलते खेल नहीं पाए थे। अपने क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड में चल रही उनकी मौजूदा फॉर्म के चलते उनको वर्ल्ड कप स्क्वॉड में शामिल किया गया।
अपना बेहतरीन प्रदर्शन बरकरार रखते हुए पहले ही लीग मैच में इरान के खिलाफ रशफोर्ड ने गोल दागने में ज्यादा समय नहीं लिया। उन्होंने बेंच से आकर इंग्लैंड की इरान के उपर 6-2 की बड़ी जीत में अपना योगदान दिया।
🎯 The first direct free-kick scored in the tournament
💯 England’s 100th #FIFAWorldCup goal
🏆 @Budweiser Player of the MatchMarcus Rashford is the star as England top Group B.
🏴 #ENGWAL 🏴 #POTM #YoursToTake #BringHomeTheBud #Budweiser @budfootball pic.twitter.com/jyafw5vaAY
— FIFA World Cup (@FIFAWorldCup) November 30, 2022
25 वर्षीय रशफोर्ड को यूएसए के खिलाफ भी शुरुआती ग्यारह में जगह नहीं मिली, लेकिन उन्होंने दोबारा बेंच से आकर काफी प्रभावित किया। पहले दो मैचों में अच्छे प्रदर्शन के चलते रशफोर्ड को वेल्स के खिलाफ आखिरी ग्रुप मैच के शुरुआती ग्यारह में शामिल किया गया। कोच गैरेथ साउथगेट के इस निर्णय को सही साबित करने में उन्होंने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। उन्होंने इंग्लैंड की 3-0 की जीत में दो गोल दाग एक अतुलनीय योगदान दिया और वेल्स को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाया।
पहला गोल उन्होंने 50वें मिनट में एक शानदार फ्री-किक के द्वारा किया और घुटनों पर बैठ असमान की और इशारा करते हुए उसका जश्न मनाया। मैच के बाद इंटरव्यू में पूछे जाने पर रशफोर्ड ने बताया कि उन्होंने अपना गोल अपने एक दोस्त को समर्पित किया जिनका कुछ दिन पहले देहांत हो गया था।
"मेरे एक अजीज दोस्त का दो दिन पहले देहांत हो गया था। वे काफी समय से कैंसर की जंग लड़ रहे थे।" रशफोर्ड ने मैच के बाद रिपोर्टरों को बताया।
रशफोर्ड ने आगे कहा, "मैं काफी संतुष्ट हूँ कि मैंने उनके लिए गोल मारा, वे मेरे बहुत बड़े समर्थक और एक अच्छे दोस्त थे जो मेरी जिंदगी का एक हिस्सा बने।"
रशफोर्ड के लिए पिछले कुछ साल काफी मुश्किल रहे, खास कर इंग्लैंड के लिए खेलते हुए चीजें उनके हक में नहीं रहीं। यूरो फाइनल में इटली के खिलाफ पेनल्टी ना मार पाना उस खराब दौर का एक महत्वपूर्ण भाग रहा। कल के मैच से पहले उन्हें आखिरी बार शुरुआती ग्यारह में रोमानिया के खिलाफ एक फ्रेंडली मैच में खिलाया गया था और यूरो के दौरान भी वे बेंच से ही बदली होकर आते थे।
क्लब लेवल की बात करें तो काफी समय का संघर्ष करने के बाद नए कोच एरिक टेन हाग के आने के बाद उनके लिए चीजें काफी सकारत्मक रहीं। रशफोर्ड इस सीजन प्रीमियर लीग में अभी तक 8 गोल, तो वहीं नेशनल टीम के लिए 3 गोल दाग चुके हैं। रशफोर्ड के पहला गोल मारने के ठीक दो मिनट बाद इंग्लैंड को दूसरा गोल भी मिल गया। उसके ठीक 17 मिनट बाद रशफोर्ड में बेहतरीन तरीके से डिफेंडरों को चकमा देकर अपना दूसरा गोल मारा। वे अभी इनर वेलेंसिया, कोडी गैक्पो और किलियन एमबापे के साथ टूर्नामेंट के ज्वाइंट टॉप स्कोरर हैं।
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