गत विजेता फ्रांस की टीम ने एक बार फिर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। अल बायत स्टेडियम में खेले गए दूसरे सेमीफाइनल मैच में उसने मोरक्को को 2-0 से मात दी। अब तक किसी भी विपक्षी टीम से कोई गोल न खाने वाली मोरक्को इस मैच में अपने रिकॉर्ड को कायम नहीं रख सकी। अब तक सभी टीमें मोरक्को के अभेद किले में सेंध लगाने में नाकाम रही थीं, लेकिन इस मुकाबले में फ्रांस ने दो बार मोरक्को के किले को भेदने में सफलता पाई।
अब फाइनल में डिफेंडिंग चैंपियन फ्रांस के मुकाबला दो बार की पूर्व चैंपियन अर्जेंटीना से होगा। जो 1986 के बाद से विश्व कप जीतने में नाकाम रही है। हालांकि 1990 और 2014 में वो फाइनल में पहुंची जरूर, लेकिन उसे रनर अप बनकर ही संतोष करना पड़ा। दोनों टीमें अब तक दो-दो बार विश्व चैंपियन बनने में कामयाब रही हैं।
इस बार दोनों में से जो टीम भी जीतेगी, ये उसका तीसरा खिताब होगा। अर्जेंटीना के कप्तान लियोनल मेसी का ये अंतिम विश्व कप होने के कारण अर्जेंटीना खिताब जीतने के लिए अपना पूरा जोर लगाएगी। फाइनल में खिताब जीतने के साथ-साथ मेसी और एमबापे के बीच गोल्डन बूट की भी जंग होगी।
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फ्रांस ने मोरक्को को पहले हाफ में चौंका दिया
मैच से पूर्व लग रहा था कि फ्रांस के अटैक और मोरक्को के डिफेंस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। फ्रांस को गोल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। मोरक्को के किले को भेदने में फ्रांस के पसीने छूट जाएंगे। लेकिन सभी कयासों को धत्ता बताते हुए फ्रांस के हर्नानडेज ने महज 5वें मिनट में ही गोल करते हुए सभी को चौंका दिया। मोरक्को की टीम और उसके समर्थकों की तो बात छोड़िए, खुद फ्रांस को भी इतनी जल्दी मोरक्को के डिफेंस में सेंध लगने की आशा नहीं रही होगी।
ये शायद बड़े मैच का प्रेशर और मोरक्को टीम की बड़े मैच खेलने की अनुभवहीनता ही थी, कि फ्रांस द्वारा ये करिश्मा हो गया। इसके बाद मोरक्को के खेलने की रणनीति ही बदल गई। इस टूर्नामेंट में अब तक अपने डिफेंस के भरोसे यहां तक का सफर तय करने वाली मोरक्को अटैकिंग खेलती नजर आई। लेकिन दोनों ही टीमों के गोल करने के प्रयास विफल रहे। और पहले हाफ का स्कोर 1-0 ही रहा।
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दूसरे हाफ में बढ़त दुगनी कर फाइनल में पहुंचा फ्रांस
दूसरे हाफ की शुरुआत में फिर दोनों टीमें गोल करने के प्रयास में लग गईं। जहां मोरक्को गोल करके बराबरी के प्रयास में लगा था, तो दूसरी ओर फ्रांस बढ़त को दुगना कर अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहता था। लेकिन बेहतरीन मूव बनाने के बावजूद दोनों में से किसी भी टीम को गोल करने में सफलता नहीं मिल सकी। आखिरकार फ्रांस के कोलो मुयानी को 79वें मिनट में गोल करने में सफलता मिल गई। उनके इस गोल ने मोरक्को के फाइनल में पहुंचने के अरमानों पर पानी फेर दिया।
हालांकि मोरक्को ने इसके बाद आक्रमण जारी रखते हुए कई अच्छे मूव बनाए। लेकिन वो इन मूवों को अंजाम तक नहीं पहुंचा सका। अधिकांश समय गेंद को काबू में रखने के बावजूद उसे गोल पोस्ट भेदने में कामयाबी नहीं मिल सकी। आखिरकार मोरक्को के सुनहरे सफर को समाप्त करते हुए फ्रांस ने फाइनल में प्रवेश कर लिया। इस हार के बाद मोरक्को का फाइनल में जाने का सपना टूट गया।