'विदेशी कोच कर सकते हैं भारतीय टीम को खराब', स्वदेशी कोचों के सपोर्ट में बोले गौतम गंभीर

ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप के खत्म होने के बाद से ही बीसीसीआई फुल एक्शन मोड में नजर आ रहा है। ऐसे में यदि जल्द ही कोचिंग स्टाफ में तब्दीली देखने को मिलती है, तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। इस बीच पूर्व भारतीय ओपनर Gautam Gambhir

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By Sonam Gupta
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'विदेशी कोच कर सकते हैं भारतीय टीम को खराब', स्वदेशी कोचों के सपोर्ट में बोले गौतम गंभीर

ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप के खत्म होने के बाद से ही बीसीसीआई फुल एक्शन मोड में नजर आ रहा है। ऐसे में यदि जल्द ही कोचिंग स्टाफ में तब्दीली देखने को मिलती है, तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। इस बीच पूर्व भारतीय ओपनर Gautam Gambhir ने स्वदेशी कोचों का समर्थन किया है। साथ ही उनका मानना है कि विदेशी कोच भारतीय क्रिकेट को खराब करते हैं। 

अपनी टीम के लिए नहीं चाहिए विदेशी कोच

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भारत में दिग्गज खिलाड़ियों की भरमार है। ऐसे में अपने देश के रिटायर्ड खिलाड़ियों को कोचिंग की जिम्मेदारी सौंपना, यकीनन अच्छा है। अब Gautam Gambhir ने स्वदेशी कोचों को लेकर अपनी बात रखी है। उनका कहना है कि, 

"हां, हमें अपनी टीम के लिए विदेशी कोच नहीं चाहिए। वे सिर्फ आपकी क्रिकेट और टीम को खराब कर सकते हैं, भारतीय कोचों के साथ क्या गलत है? उन्होंने क्या गलत किया है? हमने लालचंद राजपूत की कोचिंग में 2007 का टी20 विश्व कप जीता था।"

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लालचंद राजपूत के अंडर जीती थी सीबी सीरीज

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Gautam Gambhir ने आगे लालचंद राजपूत के कार्यकाल को याद करते हुए कहा, 

"हमने उसी कोच के साथ पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज भी जीती थी, लेकिन हमें 2011 विश्व कप की जीत और कोच गैरी कर्स्टन याद हैं। डंकन फ्लेचर और जॉन राइट ने क्या खास काम किया है? हमें अपने स्थानीय खिलाड़ियों और कोचों पर भरोसा दिखाना होगा।" 

मौजूदा समय में राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के हेड कोच हैं। वहीं पारस म्हाब्रे बॉलिंग, विक्रम राठौर बैटिंग और टी दिलीप फील्डिंग कोच के रूप में काम कर रहे हैं। मेंटल एंड कंडिशनिंग कोच पैडी अप्टन का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और बोर्ड उसे आगे नहीं बढ़ा रहा। 

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