पुरुषों का हॉकी विश्व कप का खिताब जर्मनी ने एक बार अपने नाम कर लिया है, ये जर्मनी का कुल मिलाकर तीसरा विश्व कप खिताब है। 29 जनवरी को खेले गए फाइनल में जर्मनी ने पिछली चैंपियन बेल्जियम को मात दी। ये मैच जर्मनी ने पेनल्टी शूट आउट में 5-4 से अपने नाम किया। इससे पहले दोनों टीमें निर्धारित समय तक 3-3 की बराबरी पर रही थीं। वहीं कांस्य पदक के लिए खेले गए मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को हराकर नीदरलैंड ने तीसरा स्थान हासिल किया। पूर्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा।
ये भी पढ़ें: Australian Open 2023: जोकोविच ने नडाल के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की, फाइनल में सितसिपास को हराया
तीसरी बार चैंपियन बनी जर्मनी
जर्मनी ने फाइनल में शानदार खेल दिखाते हुए, काटें की टक्कर के इस मैच में बेल्जियम को हरा दिया। एक समय डिफेंडिंग चैंपियन बेल्जियम अच्छी स्थिति में लग रही थी। मैच की शुरुआत में बेल्जियम ने अपना दबदबा बनाते हुए 2-0 की लीड ले ली थी, लेकिन फिर जर्मनी ने शानदार वापसी करते हुए मैच का रुख पलट दिया। जर्मनी ने पहले 2 गोल दागकर मैच को बराबरी पर पहुंचाया।
ये भी पढ़ें: U-19 Women's WC: वर्ल्ड कप जीतने के बाद टीम इंडिया पर हुई पैसों की बारिश, BCCI ने किया बड़े इनाम का ऐलान
इसके थोड़ी देर बाद ही एक और गोल दागकर मैच में पहली बार लीड भी ले ली। लेकिन बेल्जियम भी कहां आसानी से घुटने टेकने को तैयार था, उसने भी एक और गोल कर मैच को फिर बराबरी पर खड़ा कर दिया। निर्धारित समय की समाप्ति पर दोनों टीमों का स्कोर 3-3 रहा। निर्धारित समय में कोई निर्णय न हो पाने के कारण मैच टाई ब्रेकर में गया। टाई ब्रेकर में भी दोनों टीमों ने एक दूसरे को बराबरी की टक्कर दी, लेकिन आखिरी पेनल्टी में बेल्जियम चूक गया। जिसके कारण उसे मैच और खिताब दोनों गंवाने पड़े, और महज रनरअप बनकर ही संतोष करना पड़ा।
जर्मनी इस जीत के साथ एक बार फिर विश्व विजेता बन गई, इससे पहले उसने 2002 और 2006 में ये खिताब अपने नाम किया था। इसके साथ ही जर्मनी की टीम 3 बार या उससे ज्यादा बार खिताब जीतने वाले एक विशेष ग्रुप में शामिल हो गई। जर्मनी से पहले ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड और पाकिस्तान ये कारनामा किया था। पाकिस्तान ने ये खिताब सबसे ज्यादा बार 4 बार जीता है, लेकिन इस बार वो विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में असफल रहा था।