बीसीसीआई ने इस साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में एक नया प्रयोग किया था। उन्होंने 'इंपेक्ट प्लेयर' नाम का नया नियम लागू किया था। इस नियम का लाने का बीसीसीआई का उद्देश्य खेल को और अधिक रोचक बनाना था। बीसीसीआई का ये नया नियम अभी सिर्फ टी-20 क्रिकेट में ही लागू होगा। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में ये प्रयोग सफल होने के बाद अब इस नियम को आगामी IPL 2023 में भी लागू किया जाएगा।
इस बारे में बीसीसीआई ने सभी फ्रेंचाईजी को सूचित कर दिया है। उन्हें बताया गया है कि इस नियम की विस्तृत जानकारी कुछ समय में दे दी जाएगी। बीसीसीआई का नया नियम 'इंपेक्ट प्लेयर' कुछ-कुछ उसी प्रकार का नियम है, जैसे की पहले सुपर सब नियम हुआ करता था, या फिर बीबीएल (BBL) में X फेक्टर नियम हुआ करता था। लेकिन इसकी कुछ बातें उनसे अलग हैं।
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क्या है इंपेक्ट प्लेयर नियम
इस नियम में कोई भी टीम दूसरी पारी के 14 ओवर समाप्त होने से पहले अपने एक खिलाड़ी को बदल सकती है। ये खिलाड़ी उनके द्वारा पहले से सलेक्ट किए गए 4 खिलाड़ियों में से एक होगा। इसमें रोचकता वाली बात ये है कि जिस खिलाड़ी को आप इंपेक्ट प्लेयर बनाते हैं, वो उस खिलाड़ी की जगह भी ले सकता है जो टीम के लिए अपना योगदान कर चुका हो।
उदाहरण के लिए यदि कोई बल्लेबाज आउट हो जाता है, तो आप आउट होने वाले बल्लेबाज को हटा कर उसकी जगह किसी और बल्लेबाज या गेंदबाज को चुन सकते हो। इसी तरह किसी गेंदबाज का कोटा समाप्त होने के बाद उस गेंदबाज की जगह किसी और गेंदबाज को चुन कर उससे भी पूरे ओवर करा सकते हैं, या फिर किसी बल्लेबाज को भी चुन सकते हैं। इसका अर्थ ये हुआ कि आप प्लेइंग इलेवन में 12 खिलाड़ियों का लाभ ले सकते हैं।
इस नियम के अंतर्गत जिस खिलाड़ी का आप चयन करते हैं, वो किसी ओवर की समाप्ति पर ही मैदान में आएगा, लेकिन अगर चुना हुआ खिलाड़ी कोई बैट्समैन हुआ, तो वो किसी बैट्समैन के आउट होते ही तुरंत आ सकता है। इसी तरह फील्डिंग के दौरान किसी खिलाड़ी के इंजर्ड होने पर भी बीच ओवर में इंपेक्ट प्लेयर आ सकता है। अन्यथा इंपेक्ट प्लेयर ओवर की समाप्ति के बाद ही आएगा।
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इसके अलावा अगर मैच घट कर 10 ओवर से कम का हुआ, तो इंपेक्ट प्लेयर वाला नियम इसमें लागू नहीं होगा। इसी तरह 20 ओवर से कम ओवर का मैच होने पर भी इस नियम में कुछ परिवर्तन लागू होंगे। जो अभी स्पष्ट नहीं हैं। इसी तरह क्या किसी विदेशी खिलाड़ी को किसी अन्य विदेशी खिलाड़ी से रिप्लेस किया जा सकेगा, ये भी अभी स्पष्ट नहीं है। इस नियम के अंतर्गत एक बार टीम से हटाया गया खिलाड़ी दुबारा मैदान पर दिखाई नहीं देगा, यहाँ तक की सबटीट्यूट फील्डर के तौर पर भी नहीं आ सकेगा।