भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 टेस्ट मैचों की सीरीज 9 फरवरी से शुरू हो रही है। इस सीरीज में दोनों टीमों को अपने कुछ महत्वपूर्ण खिलाड़ियों की कमी खलेगी, जो इंजरी के चलते इस दौरे पर उपलब्ध नहीं हैं। इन खिलाड़ियों के न होने का प्रभाव इस सीरीज में साफ नजर आएगा, इनके न होने से टीम को इनकी कमी साफ तौर पर खलेगी। ऐसे ही खिलाड़ियों में एक नाम है ऋषभ पंत का, जिनकी कमी टीम इंडिया को काफी खलेगी।
टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का गत दिसंबर में भयानक एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें वो बाल-बाल बचे थे। उनको फिट होने में अभी काफी समय लगेगा, इसलिए टीम इंडिया इस सीरीज में उनकी कमी काफी हद तक महसूस करेगी।
उनकी जगह टीम इंडिया में शामिल किए गए दोनों विकेटकीपरों को टेस्ट खेलने का अनुभव नहीं है, ईशान किशन और श्रीकर भरत में से जो भी खिलाड़ी खेलेगा ये उसका डेब्यू टेस्ट होगा, इसलिए टीम को ऋषभ पंत के अनुभव की कमी बहुत महसूस होगी।
ये हैं वो 3 कारण जिनकी वजह से ऋषभ पंत को मिस करेगा भारत
1- पिछली दो सीरीज में ऋषभ का प्रदर्शन
ऋषभ पंत की कमी खलने की सबसे बड़ी वजह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई पिछली 2 सीरीज में उनके द्वारा किया गया शानदार प्रदर्शन है। पंत ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पिछले दोनों सीजन में जबरदस्त प्रदर्शन किया था। पिछली सीरीज के ब्रिसवेन में खेले गए अंतिम टेस्ट मैच में उनकी नाबाद 89 रनों की मैच जिताने वाली पारी को भला कौन भूल सकता है, जब उन्होंने अपनी बेमिसाल पारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया के जबड़े से जीत छीन ली थी।
इससे पहले भी उन्होंने 97 रन की शानदार पारी खेली थी। हालांकि वो शतक से चूक गए थे, लेकिन उन्होंने उस मैच को ड्रॉ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इससे पहले 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया के दौरे में भी उन्होंने सिडनी में खेले गए अंतिम टेस्ट में 159 रनों की नाबाद पारी खेली थी, ये मैच भी ड्रॉ रहा था। इस तरह की शानदार पारियों के कारण टीम इंडिया को उनकी कमी खलेगी।
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2- विकेट के पीछे से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को परेशान करना
ऑस्ट्रेलियाई टीम अपनी स्लेजिंग के लिए हमेशा से कुख्यात रही है। जब विपक्षी टीम के खिलाड़ी अच्छा खेल रहे होते हैं और कंगारू टीम उन्हें अपने खेल से रोकने में नाकाम हो रही होती है, तो वो स्लेजिंग का सहारा लेती है। उस समय ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी अच्छा खेल रहे खिलाड़ी को अपशब्द कहना शुरू कर देते हैं। उनकी इस रणनीति का ज्यादातर उन्हें फायदा भी मिला है, विपक्षी खिलाड़ी अपनी एकाग्रता खो देता है, इस कारण उसका फोकस खेल से हट जाता है।
ऑस्ट्रेलिया ने इस रणनीति को अपनाकर विपक्षी टीम के कई बल्लेबाजों को आउट किया है, कई गेंदबाजों की लाइन लैन्थ खराब की, फील्डरों पर प्रेशर डालकर खराब फील्डिंग करवाई है। बाद में अन्य टीमों ने भी उसकी रणनीति अपनाकर पलटवार करना शुरू कर दिया, और कंगारुओं को उसी की भाषा में जवाब देना शुरू कर दिया।
इन खिलाड़ियों में भारत के ऋषभ पंत और विराट कोहली भी शामिल थे, उन्होंने भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ स्लेजिंग की रणनीति अपनाई। ऋषभ पंत विकेटकीपिंग करते समय विकेट से पीछे से कंगारू बल्लेबाजों को परेशान किया करते थे।
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3- नंबर 6 पर आक्रामकता
ऑस्ट्रेलियाई टीम की आदत आक्रामक तरीके से खेलने की रही है, ऋषभ पंत ने इस मामले में भी उन्हें कड़ी टक्कर दी। पंत ने नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए बहुत आक्रामक बल्लेबाजी की। ऑस्ट्रेलिया जैसी आक्रामक टीम के खिलाफ उनके जैसे आक्रामक बल्लेबाज की टीम को बहुत जरूरत है।
दरअसल ऋषभ के खेलने का तरीका भी ऑस्ट्रेलियाई टीम की तरह ही है। वो भी उन्हीं की तरह तेज गति से रन बनाते हैं, इसका फायदा टीम को दो तरह से होता है। एक तो टीम के गेंदबाजों को दूसरी टीम को आउट करने के लिए अतिरिक्त समय मिल जाता है।
इसके अलावा इससे विपक्षी टीम भी प्रेशर में आ जाती है। बाएं हाथ के बल्लेबाज ऋषभ कई टीमों के खिलाफ ऐसा कर चुके हैं, जब उन्होंने सामने वाली टीम को अपनी अटैकिंग बल्लेबाजी से डिफेंसिव मोड में आने को मजबूर किया हो। कुछ ऐसा ही पंत ने पिछली सीरीज में भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था। इस कारण भी टीम इंडिया को उनकी कमी खलेगी।