शतक लगाना किसी भी खिलाड़ी के लिए सपने जैसा होता है। अपने देश के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाला हर एक खिलाड़ी अपने करियर में ज्यादा से ज्यादा शतक लगाना चाहता। वो शतक अगर टेस्ट क्रिकेट में आ जाए, तो कहना ही क्या...
हालांकि वर्ल्ड क्रिकेट में ऐसे कई बड़े बल्लेबाज हुए, जो अपने पूरे करियर में एक भी शतक नहीं लगा पाए। वहीं कुछ ऐसे भी खिलाड़ी सामने आए, जिन्होंने निचले क्रम पर बैटिंग करते हुए शतक लगाने का कारनामा कर दिखाया। आज हम आपको ऐसे ही कुछ भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा।
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अजित अगरकर (Ajit Agarkar)
इस लिस्ट में पहला नाम पूर्व भारतीय पेसर अजित अगरकर का आता है। अगरकर ने ये कारनामा 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में किया था। खास बात ये थी कि उन्होंने अपना यह शतक क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले ऐतिहासिक लॉर्ड्स के मैदान पर लगाया था। लॉर्ड्स जहां सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर जैसे महान बल्लेबाज तक टेस्ट शतक नहीं जमा पाए थे।
भारत और इंग्लैंड के बीच ये मैच 25 से 29 जुलाई के बीच खेला गया था। मैच की पहली पारी में अजित अगरकर 2 रन बनाकर आउट हुए थे, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने 8वें नंबर पर बैटिंग करते हुए यादगार शतक जड़ा था। पूर्व तेज गेंदबाज ने 190 गेंदों पर 16 चौकों की मदद से नाबाद 109 रन बनाए थे। हालांकि उनका ये शतक भारत के काम न आया और इंग्लैंड ने मुकाबला 170 रन से जीत लिया।
इस मुकाबले की पहली पारी में अगरकर ने 2 और दूसरी पारी में 1 विकेट चटकाया था। 45 वर्षीय पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने भारत के लिए 26 टेस्ट मैच खेले जिसमें 58 विकेट हासिल किए। बल्ले से भी वह 571 रन बनाने में सफल रहे। 191 वनडे मैचों में भी उन्होंने बतौर बल्लेबाज 3 अर्धशतक लगाए, जिसमें उनका सबसे बढ़िया स्कोर 95 रन था।
अनिल कुंबले (Anil Kumble)
लिस्ट में दूसरा नाम पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान और महान स्पिनर अनिल कुंबले का आता है। कुंबले का नाम भी टेस्ट क्रिकेट में एक शतक दर्ज है। पूर्व भारतीय कप्तान ने यह कारनामा 2007 के इंग्लैंड दौरे पर किया था। उस समय भारत और इंग्लैंड के बीच 3 मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मुकाबला केनिंग्टन ओवल के मैदान पर खेला गया था।
अनिल ने तीसरे टेस्ट की पहली पारी में 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 193 गेंदों पर 16 चौके और 1 छक्के की मदद से नाबाद 110 रन बनाए थे। कुंबले के टेस्ट करियर का ये पहला टेस्ट शतक था। खास बात तो ये थी कि इस पूरे इंग्लैंड दौरे पर अनिल कुंबले एकमात्र ऐसे भारतीय खिलाड़ी थे, जिन्होंने टेस्ट सीरीज के दौरान शतक जड़ा था। इस सीरीज में भारत की कप्तानी राहुल द्रविड़ कर रहे थे और उनके अलावा टीम में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वसीम जाफर, दिनेश कार्तिक, वीवीएस लक्ष्मण और एमएस धोनी जैसे बल्लेबाज शामिल थे।
मैच में अनिल कुंबले ने शतक लगाने के अलावा 5 विकेट भी लिए थे और मुकाबला ड्रॉ रहा था। 132 टेस्ट खेलने वाले कुंबले ने अपने पूरे करियर में 2506 रन बनाए, जिसमें एक शतक के अलावा 5 फिफ्टी भी शामिल है।
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जयंत यादव (Jayant Yadav)
लिस्ट में अगला नाम 33 वर्षीय ऑफ स्पिनर जयंत यादव का आता है। 2016-17 में इंग्लैंड की टीम 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारत दौरे पर आई थी। टेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। इसी सीरीज के दूसरे मैच में जयंत यादव को टेस्ट डेब्यू का मौका मिला था। डेब्यू के समय शायद ही किसी ने सोचा होगा कि जयंत यादव इस सीरीज का अंत एक शतक के साथ करेंगे।
मुंबई टेस्ट की पहली पारी में जयंत ने जेम्स एंडरसन, क्रिस वोक्स, आदिल रशीद और बेन स्टोक्स जैसे गेंदबाजों के सामने 9वें नंबर पर खेलते हुए बेहतरीन शतक जड़ा था। यादव ने 204 गेंदों पर 15 चौके लगाते हुए 104 रन बनाए। मुकाबले की दूसरी पारी में उन्होंने जो रूट (77) को LBW आउट भी किया था। टीम इंडिया ने मैच पारी और 36 रन से जीता था।
हालांकि जयंत यादव का टेस्ट करियर ज्यादा लंबा नहीं चल सका। उन्होंने 6 मुकाबले खेले और 16 विकेट लेने में सफल रहे। बल्ले से भी उन्होंने 31 की औसत से 248 रन बनाए। 9 पारियों में उन्होंने 1 शतक और एक अर्धशतक लगाया। इंग्लैंड के खिलाफ मोहाली टेस्ट में भी यादव ने पहली पारी में 9वें नंबर पर बैटिंग करते हुए 55 रन बनाए थे।
हरभजन सिंह (Harbhajan Singh)
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि हरभजन सिंह जितने बेहतरीन ऑफ स्पिन गेंदबाज थे, उतनी ही बढ़िया बल्लेबाजी भी कर लेते थे। हरभजन सिंह के नाम पर एक नहीं बल्कि 2 टेस्ट शतक दर्ज है। 2010 में कीवी टीम 3 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारत दौरे पर आई थी। सीरीज का पहला मुकाबला अहमदाबाद में खेला गया था। जहां पहली पारी में भज्जी ने 69 और दूसरी पारी में 8वें नंबर पर खेलते हुए 115 रन बनाए थे।
दूसरी पारी में हरभजन का ये शतक, उस समय आया था जब भारत ने 65 के स्कोर पर 6 विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद हरभजन ने वीवीएस लक्ष्मण (91) के साथ मिलकर पारी को संभाला और 193 गेंदों पर 11 चौके और 3 छक्कों की मदद से 115 रन बना डाले। ये मैच ड्रॉ रहा था। मैच में भज्जी ने 1 विकेट भी चटकाया था।
सीरीज का दूसरा मैच हैदराबाद में खेला गया था। यहां पर भी हरभजन ने पहली पारी में 8वें नंबर पर खेलते हुए 116 गेंदों पर 7 चौके और इतने ही छक्कों की से नाबाद 111 रन बना डाले थे। ये मुकाबला भी ड्रॉ रहा था। मैच की हरभजन को 5 विकेट भी मिले थे।
अपने पूरे टेस्ट करियर में हरभजन सिंह ने 103 मैचों में 2225 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 2 शतक और 9 अर्धशतक देखने को मिले। गेंद के साथ वह 417 विकेट लेने में सफल रहे।
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