टीम इंडिया ने बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज के अंतिम मैच को जीतकर सीरीज को न सिर्फ क्लीन स्वीप होने से बचाया, बल्कि अपने प्रदर्शन से बांग्लादेश की टीम को दिन में भी तारे दिखा दिए। इस जीत में यूँ तो कई खिलाड़ियों का योगदान रहा, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, टीम इंडिया के टेलेंटेड विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन ने।
ओपनर किशन ने अपने दमदार दोहरे शतक की बदौलत पूरी बांग्लादेश की टीम से ज्यादा रन बनाए। जहां पूरी बांग्लादेश टीम ने 182 रन बनाए तो वहीं अकेले ईशान ने ही 210 रन बना दिए। मैच के बाद बांग्लादेशी कप्तान लिटन दास ने भी माना कि ईशान किशन ने मैच हमारी पहुँच से बाहर कर दिया था। ईशान के बचपन के कोच उत्तम मजूमदार ने भी उनसे जुड़ी यादें साझा की हैं।
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कोच मजूमदार ने दी उनके खेल पर अपनी प्रतिक्रिया
ईशान के बचपन के कोच उत्तम मजूमदार ने उनसे जुड़ी यादों पर बात करते हुए कहा कि "ईशान किशन के भारत के लिए पदार्पण करने से पहले ही, मुझे पता था कि एमएस धोनी उनसे कहेंगे कि अगर उनके जैसी प्रतिभा लंबे समय तक देश के लिए नहीं खेलती है, तो वो किसी और के साथ नहीं, बल्कि खुद के साथ अन्याय करेंगे।"
किशन के बचपन के कोच मजूमदार ने बताया कि किशन के बड़े भाई भी एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर थे, लेकिन उन्हें मेडिकल डिग्री के लिए खेल का त्याग करना पड़ा था। मजूमदार ने कहा कि "उनके बड़े भाई राज किशन भी एक बहुत ही प्रतिभाशाली क्रिकेटर थे। लेकिन जब उनके माता-पिता ने ये फैसला किया कि एक लड़का खेल में जाएगा और दूसरा शिक्षा प्राप्त करेगा। इसलिए उनसे बड़े होने के नाते किशन के बड़े भाई राज ने बलिदान दिया और मेडिकल की डिग्री हासिल की।"
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आगे बात करते हुए उत्तम मजूमदार ने कहा कि "जब ईशान ट्रेनिंग के लिए पहला दिन आया, वह इतना छोटा था, कि मैंने उसे अंडरआर्म गेंदों से खिलाया और उस बच्चे ने सही कवर ड्राइव खेला। जिस क्षण मैंने छह साल के बच्चे से कुछ कवर ड्राइव देखे, मैंने उनके पिता प्रणव से कहा कि आपका बेटा खास है और अगर वह भारत के लिए नहीं खेलता है, तो उसे बदकिस्मत मानना पड़ेगा।"
For his fiery 🔥 🔥 double ton, @ishankishan51 bags the Player of the Match award as #TeamIndia beat Bangladesh by 227 runs in the third ODI 👏 👏
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— BCCI (@BCCI) December 10, 2022
उन्होंने आगे कहा कि "आज जो किशन ने किया वो कोई रातों रात नहीं हुआ है। हम जानते थे कि लंबे प्रशिक्षण के बाद जब वो दो सत्रों में बल्लेबाजी करेगा और कम से कम प्रतिदिन नेट्स पर 500-600 गेंदें खेलेगा। उनमें से कम से कम 200 गेंदों पर शॉर्ट लगेगा। मैं उसे लगातार बड़े शॉट खेलने के लिए कहता था और वह तब तक नहीं रुकता था जब तक वह सही नहीं हो जाता।"
इसके बाद अंत में कोच मजूमदार ने कहा कि "वो केवल 24 साल का है, लेकिन उसने काफी उतार-चढ़ाव देखा है। वह मानसिक रूप से बहुत मजबूत है। मैं हमेशा उनसे कहता हूं, कि अतीत इतिहास है। मेरे लिए अतीत कभी मायने नहीं रखता और मैं हमेशा ईशान से यही कहता हूं।"