अर्जेन्टीना ने बीती रात फ्रांस को पेनल्टी शूट में 4-2 से हराकर फीफा वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया। 36 साल बाद अर्जेन्टीना ने खिताबी जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही लियोनन मेसी (Lionel Messi) का फीफा वर्ल्ड कप जीतने का अधूरा ख्वाब भी पूरा हो गया। ये मेसी का आखिरी फीफा वर्ल्ड कप था और उन्होंने अपनी कप्तानी में अर्जेन्टीना को विजयी बनाया। वहीं भारतीय दिग्गज युवराज सिंह ने इस टूर्नामेंट की तुलना 2011 में भारत में खेले गए वर्ल्ड कप से की और इसका कारण भी बताया।
फीफा वर्ल्ड कप की क्यों रही है वनडे वर्ल्ड कप 2011 से तुलना?
#Messi𓃵 #Messi𓃵day #ARG #ARGFRA #Argentina pic.twitter.com/UdXdDgul4U
— The Cricket Girl 🏏 (@SonamGupta007) December 18, 2022
अर्जेन्टीना के हर खिलाड़ी ने पहले ही ये बता दिया था कि वह ये फीफा वर्ल्ड कप अपने कप्तान Lionel Messi के लिए जीतना चाहते हैं। ये दिग्गज फुटबॉलर का आखिरी वर्ल्ड कप था और पूरी टीम के प्रदर्शन की बदौलत मेसी का अधूरा ख्वाब पूरा हुआ और ये तिलिस्मी खिताब उनकी विनिंग लिस्ट में शामिल हो गया।
ऐसा ही कुछ 2011 में तब हुआ था, जब भारत की मेजबानी में वर्ल्ड कप खेला गया था। पूरी टीम दिग्गज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के लिए वो ट्रॉफी जीतना चाहती थी। टीम के अथक प्रयास की बदौलत 28 साल बाद भारत ने वो ट्रॉफी जीती और सचिन को सम्मान मिला। ऐसे में ना केवल युवराज सिंह बल्कि तमाम फैंस भी इस फीफा वर्ल्ड कप की तुलना वनडे वर्ल्ड कप 2011 से कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें : Lionel Messi की जीत के बाद सोशल मीडिया पर लगा बधाइयों का तांता, क्रिकेटर्स ने दिल खोलकर लुटाया प्यार
युवराज ने याद किए पुराने दिन
Sachin Tendulkar को पूरी दुनिया में क्रिकेट के भगवान की तरह पूजा जाता है। साल 2011 में सचिन अपना आखिरी वर्ल्ड कप खेल रहे थे और टीम इंडिया का हर खिलाड़ी इस दिग्गज के लिए चमचमाती ट्रॉफी जीतना चाहता था। उन पुराने दिनों को याद करते हुए युवराज सिंह ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा-
"ये फुटबॉल का अविश्वस्नीय गेम था। मेरे लिए शब्दों में बयां करना मुश्किल है कि ये मेसी और अर्जेन्टीना के लिए इसका क्या मतलब होगा। अर्जेन्टीना मुझे पुरानी यादों की गलियों में ले गया, जब लड़कों नके एक खास बंच ने नंबर 10 जर्सी (सचिन तेंदुलकर) के लिए ये करिश्मा किया था। अर्जेन्टीना के सभी फैंस को खूब बधाई।"