टेस्ट क्रिकेट में भरोसे का दूसरा नाम थे Murali Vijay, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जड़े 4 शतक, लॉर्ड्स में खेली थी ऐतिहासिक पारी

भारतीय ओपनर मुरली विजय (Murali Vijay) ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। मुरली ने सोशल मीडिया के जरिए अपने रिटायरमेंट की घोषणा की। 2008 में इंडिया डेब्यू करने वाले 38 वर्षीय खिलाड़ी ने 2018 में भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेला था।

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By Akhil Gupta
टेस्ट क्रिकेट में भरोसे का दूसरा नाम थे Murali Vijay, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जड़े 4 शतक, लॉर्ड्स में खेली थी ऐतिहासिक पारी
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भारतीय ओपनर मुरली विजय (Murali Vijay) ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। मुरली ने सोशल मीडिया के जरिए अपने रिटायरमेंट की घोषणा की। 2008 में इंडिया डेब्यू करने वाले 38 वर्षीय खिलाड़ी ने 2018 में भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेला था। 

2008 से 2018 के बीच मुरली विजय भारतीय टेस्ट टीम के अहम खिलाड़ियों में से एक रहे। वीरेंद्र सहवाग के साथ मिलकर विजय ने विपक्षी टीम के गेंदबाजों की नाक में खूब दम किया। सहवाग और गौतम गंभीर के संन्यास के बाद वो मुरली ही थे, जिन्होंने कई सालों तक भारतीय ओपनिंग को संभाले रखा। 

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जमकर बोला बल्ला

6 नवंबर 2008 को नागपुर में मुरली विजय को गौतम गंभीर की जगह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू का मौका मिला था। गंभीर को इस मैच से बैन किया गया था। टेस्ट डेब्यू पर विजय के सामने ब्रेट ली, मिचेल जॉनसन और शेन वॉटसन जैसे गेंदबाज थे। मुरली ने भी इस बेहतरीन बॉलिंग लाइन अप का डटकर सामना किया। पहली पारी में उन्होंने 53 गेंदों पर (33) और दूसरी पारी में 81 गेंदों पर 41 रन बनाए। 

सहवाग के साथ पहली पारी में विजय ने 98 और दूसरी पारी में 116 रन जोड़े। अपने पहले ही टेस्ट की दोनों पारियों में वह कुल मिलाकर 216 मिनट तेज तर्रार कंगारू आक्रमण के सामने मोर्चा संभाले खड़े रहे। 

हालांकि सहवाग और गंभीर के बीच अपनी जगह बना पाना मुरली के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। टेस्ट के पूरे 13 महीने बाद विजय को अपने करियर का दूसरा मैच खेलने का मौका मिला। 2009 में श्रीलंका के खिलाफ ब्रेबोर्न स्टेडियम में खेले गए तीसरे मैच में दाएं हाथ के ओपनर ने शानदार खेल दिखाया। 

पहली पारी में मुरली विजय ने 121 गेंदों पर 87 रन की लाजवाब 87 रन की पारी खेली। भारत के लिए ये उनका पहला 50+ स्कोर रहा। पहले विकेट के लिए विजय ने वीरेंद्र सहवाग (293) के साथ मिलकर 221 रन जोड़े थे। 

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BGT में आया पहला शतक 

2010 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में मुरली विजय ने अपने करियर का पहला शतक लगाया। बेंगलुरु में खेले गए दूसरे टेस्ट में उन्होंने सचिन तेंदुलकर (214) के साथ 308 रन की साझेदारी करते हुए 139 रन बनाए। विजय को 2013 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान आउट ऑफ फॉर्म गौतम गंभीर की जगह भारतीय टीम में वापस लाया गया था। उन्होंने हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में 167 रन बनाकर टीम इंडिया को बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। भारत ने ये टेस्ट पारी और 135 रन से जीता था।

इसके बाद उन्होंने मोहाली टेस्ट की पहली पारी में 153 रन बनाकर लगातार दूसरी बार 150+ का स्कोर बनाया। इस मैच में शिखर धवन को टेस्ट डेब्यू का मौका मिला था और उन्होंने 187 रन की यादगार पारी खेली थी। पहले विकेट के लिए मुरली-धवन ने 289 रन जोड़े थे।

2014 करियर का सबसे यादगार साल

2014 मुरली विजय के टेस्ट करियर का सबसे यादगार साल रहा। इसी साल टीम इंडिया एमएस धोनी की कप्तानी में इंग्लैंड दौरे पर गई थी। सीरीज के पहले ही मुकाबले में विजय ने ट्रेंट ब्रिज के मैदान पर 146 रन बनाए थे। ये मैच ड्रॉ रहा था। दूसरा टेस्ट लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला गया था, जहां मुरली ने दूसरी पारी में एक महत्वपूर्ण 95 रन बनाकर भारत को एक ऐतिहासिक टेस्ट मैच जीतने में मदद की।

धोनी एंड कंपनी ये लॉर्ड्स टेस्ट 95 रन से जीता था। इस पूरे दौरे पर मुरली विजय भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। ओपनिंग बल्लेबाज ने 5 मैचों की 7 पारियों में 40.20 की औसत के साथ कुल 402 रन बनाए थे। जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल थे।
 
इसी साल के अंत में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गई थी। सीरीज का पहला मैच एडिलेड में खेला गया था, जहां पहली पारी में विजय 53 और दूसरी पारी में 99 रन बनाकर पवेलियन लौटे थे। सीरीज का दूसरा मैच ब्रिस्बेन, गाबा में खेला गया था। इस टेस्ट के पहले ही दिन मुरली विजय ने 144 रन बनाए, जो किसी विदेशी टेस्ट मैच के पहले दिन किसी भारतीय द्वारा बनाया गया दूसरा सबसे बड़ा स्कोर रहा।

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2018 में खेला आखिरी मैच

2016 और 2017 में मुरली विजय अपनी चोट से काफी परेशान रहे। हालांकि इसके बाद भी उन्होंने 2016 में दो और 2017 में 3 टेस्ट शतक ठोके। 2017-18 में जब श्रीलंकाई टीम भारत दौरे पर आई थी, तब विजय ने दो शतक लगाए थे। नागपुर टेस्ट की पहली पारी में मुरली ने 128 रन और इसके बाद दिल्ली टेस्ट की पहली पारी में 155 रन बनाए थे। 

उन्हें दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के 2018 के भारत दौरे के लिए भी टीम का हिस्सा बनाया गया था, लेकिन वह दोनों सीरीज में फ्लॉप रहे। अफ्रीका दौरे के 3 मैचों में विजय ने 17 की औसत से कुल 102 रन जोड़े। वहीं इंग्लैंड दौरे पर दो मैचों में वह केवल 26 रन ही बना पाए। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के बीच में ही विजय को टीम से ड्रॉप कर दिया गया और केएल राहुल ने उनकी जगह पारी की शुरुआत की।

2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर फिर विजय पर भरोसा जताया गया, लेकिन उनका बल्ला नहीं बोला। दो मैचों में वह सिर्फ 49 रन ही बना सके। इसके बाद उन्हें टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया और फिर कभी उनकी वापसी ही ना हो सकी।

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वनडे और टी20 में नहीं चमके 

टेस्ट में भले ही मुरली विजय ने अपनी धाक जमाई हो, लेकिन लिमिटेड ओवर क्रिकेट में वह अपना करियर नहीं बना सके। 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ उनको वनडे डेब्यू का मौका मिला और 2015 के जिम्बाब्वे दौरे पर उन्होंने अपना आखिरी मैच खेला। 17 एकदिवसीय मैचों में मुरली ने 21.19 की औसत के साथ कुल 339 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से सिर्फ दो अर्धशतक निकले। 

2010 के टी20 वर्ल्ड कप में उनको पहली बार T20I टीम का हिस्सा बनाया गया। हालांकि इस फॉर्मेट में भी उन्होंने मात्र 9 मुकाबले खेले। 9 T20I मैचों में विजय ने 109.74 के स्ट्राइक रेट से कुल 169 रन बनाए। उनका सबसे बढ़िया प्रदर्शन 48 रन रहा।

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IPL में मचाया धमाल

2009 में मुरली विजय ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अपना आईपीएल डेब्यू किया था। 2010 और 2011 के सीजन में वह चेन्नई के सबसे अहम खिलाड़ियों में से एक रहे। CSK को दोनों बार टूर्नामेंट जीतने में विजय ने बड़ा रोल प्ले किया था। 2010 में उन्होंने 157 के स्ट्राइक रेट से 458 रन बनाए थे। 2011 के फाइनल में स्टार ओपनर के बल्ले से 52 गेंदों में 95 रनों की आतिशी पारी देखने को मिली थी। 

2010 में विजय ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 46 गेंदों पर शतक जड़ा था, जो उस समय आईपीएल इतिहास का सबसे तेज शतक था। उसी साल दक्षिण अफ्रीका में 2010 चैंपियंस लीग में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी बने। यह टूर्नामेंट भी चेन्नई ने जीता था।

2014 में मुरली विजय चेन्नई से अलग होकर दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) में शामिल हो गए। दिल्ली फ्रेंचाइजी ने उन्हें 5 करोड़ में खरीदा था। हालांकि दिल्ली उन्हें कुछ रास नहीं आई और 11 मैचों में उनके बल्ले से कुल 207 रन निकले। 2015 में पंजाब किंग्स ने उन्हें 3 करोड़ में अपनी टीम का हिस्सा बनाया। बाद में वह टीम के कप्तान भी रहे।

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IPL करियर पर एक नजर- 

मैच: 106 | रन: 2619 | औसत: 25.93 | स्ट्राइक रेट: 121.87 | 50s: 13 | 100s: 2 | बेस्ट: 127

मुरली विजय का रिकॉर्ड्स

टेस्ट क्रिकेट-
मैच: 61 | पारी: 105 | रन: 3982 | औसत: 38.9 | 50s: 15 | 100s: 12 | बेस्ट: 167

मुरली विजय (12) भारत के लिए बतौर टेस्ट ओपनर तीसरे सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले खिलाड़ी हैं। उनसे पहले वीरेंद्र सहवाग (22 शतक) और सुनील गावस्कर (33 शतक) का नाम आता है।

जीते हुए टेस्ट मैचों में मुरली विजय ने 12 में से 7 शतक लगाए।

टेस्ट और वनडे में मुरली के नाम पर 1-1 विकेट भी दर्ज है।

IPL 2011 में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी। 16 मैच, 434 रन

चैंपियंस लीग (CLT20) 2010 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी। 6 मैच, 294 रन

CLT20 2010 के फाइनल में मैन ऑफ द मैच 

IPL 2011 के फाइनल में मैन ऑफ द मैच

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