पिछले कुछ समय से वनडे क्रिकेट के भविष्य को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, कई खेल के जानकार वर्तमान परिस्थितियों में इसे अप्रसंगिक बता रहे हैं। उनका कहना है कि मौजूदा समय में वनडे क्रिकेट का महत्व बचा नहीं है, इसलिए इसे समाप्त कर देना चाहिए, और सिर्फ टेस्ट और टी20 क्रिकेट को जारी रखना चाहिए। उनके अनुसार वनडे क्रिकेट अब उबाऊ बन कर गया है।
वहीं कुछ लोग थोड़ी अलग राय रखते हुए इसमें केवल कुछ परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। ऐसी मांग करने वालों में टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर और कोच रवि शास्त्री का भी नाम शामिल है। शास्त्री ने वनडे क्रिकेट में परिवर्तन कर इसे 40-40 ओवर का करने की मांग की है। साथ ही उन्होने टी20 को इंटरनेशनल के बजाय सिर्फ लीग के लेबल तक ही सीमित करने की मांग की। रवि शास्त्री का मानना है कि वनडे फॉर्मेट में अब लोग ज्यादा रुचि नहीं ले रहे हैं। इसलिए इस फॉर्मेट को रोमांचक बनाने के लिए दोनों इनिंग में 10-10 ओवर कम कर देने चाहिए।
रवि शास्त्री की वनडे पर राय
पूर्व भारतीय दिग्गज ने इस बारे में बोलते हुए कहा, "वनडे क्रिकेट के बने रहने के लिए मुझे लगता है कि इसे भविष्य में 40 ओवर प्रति इनिंग तक सीमित कर देना चाहिए। दर्शकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए यह फैसला करना चाहिए।" शास्त्री ने उदाहरण देते हुए कहा "जब कपिल देव के नेतृत्व में भारत ने 1983 में वनडे विश्व कप जीता था तो यह 60 ओवर का टूर्नामेंट था, जिसे बाद में कम कर 50 ओवर का कर दिया गया था।"
पूर्व कोच शास्त्री ने आगे कहा, "मैं ऐसा इसलिए कहता हूं क्योंकि जब हमने 1983 में विश्व कप जीता था, तो यह 60-60 ओवर का हुआ करता था। फिर लोगों का ध्यान कम होने लगा और फिर यह 50-50 ओवर का खेल बन गया। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि इसे 40-40 ओवर का बना दिया जाए। क्योंकि ये अब समय की मांग है।"
रवि शास्त्री ने टी20 के बारे में भी अपना सुझाव देते हुए कहा, "मुझे लगता है कि टी20 फॉर्मेट महत्वपूर्ण है। यह उस इंजेक्शन की तरह है जिसकी खेल को आगे ले जाने के लिए आवश्यकता है। मुझे लगता है कि इस फॉर्मेट में भी द्विपक्षीय सीरीज को कम किया जाना चाहिए। क्योंकि दुनियाभर में पर्याप्त घरेलू लीग हैं, जो टी20 खेल को बढ़ावा दे रहे हैं। हमें उन लीगों को ही चलने देना चाहिए और फिर बीच में केवल टी20 का विश्व कप ही होना चाहिए। ऐसा करके ही आप तीनों फॉर्मेट को बरकरार रख सकते हैं।"