6 नबंवर का दिन दक्षिण अफ्रीका हमेशा याद रखेगी, क्योंकि इस दिन नीदरलैंड्स ने उसे न सिर्फ हराया, बल्कि सेमी फाइनल की रेस से भी बाहर कर दिया। खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही दक्षिण अफ्रीका एक बार फिर चोकर साबित हुई, और ये मैच हार कर विश्व कप से बाहर हो गई। दक्षिण अफ्रीका की कहानी हमेशा से यही रही है, कि वो यूं तो हमेशा अच्छा खेल दिखाती हैं, लेकिन बड़े मैच में बिखर जाती है।
इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि दक्षिण अफ्रीका की इस आदत के कारण ही वो कभी विश्व चैम्पियन नहीं बन पाए हैं। दशक बदलते रहे हैं, खिलाड़ी बदलते रहे हैं, लेकिन नहीं बदली है दक्षिण अफ्रीका की आदत और किस्मत। बड़े मैच आते ही उसके बड़े-बड़े खिलाड़ियों को सांप सूंघ जाता है, उनके प्रदर्शन में बड़ी गिरावट आ जाती है। इस बार भी यही हुआ। दक्षिण अफ्रीका की इस बार सेमी फाइनल के लिए क्वालिफ़ाई न कर पाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार रहा, आइए जानते हैं।
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1 - टेम्बा बावुमा
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा टीम की सबसे कमजोर कड़ी साबित हुए। बात उनकी कप्तानी की हो या फिर उनकी बल्लेबाजी की। उन्होंने बहुत ही खराब प्रदर्शन किया। वो दक्षिण अफ्रीका की टीम के लिए ओपनिंग भी करते हैं, लेकिन अगर उनकी पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई 36 रनों की कैमियो को छोड़ दें तो उनका प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा।
बावुमा इस विश्व कप में अपनी टीम को बड़ी शुरुआत दिलाने में नाकाम रहे। बावुमा के खराब प्रदर्शन का असर उनकी कप्तानी पर भी दिखा, और वो महत्वपूर्ण मौकों पर सही निर्णय लेने में असफल रहे। उनकी नाकामी का खामियाजा दक्षिण अफ्रीका को विश्व कप में बाहर होकर भुगतना पड़ा। उनके बल्ले से इस विश्व कप में 5 मैचों में मात्र 70 रन ही निकले।
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2 - कगिसो रबाडा
दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक कगिसो रबाडा भी इस विश्व कप में अपने रंग में नजर नहीं आए। रबाड़ा न सिर्फ विकेट लेने में विफल रहे, बल्कि सारे विपक्षी बल्लेबाजों ने जमकर उनकी खबर भी ली। रबाडा अपना विकेट लेने का जादू इस विश्व कप में भूलते नजर आए।
इस टी20 वर्ल्ड कप में 5 मैचों में वो मात्र 2 विकेट ही ले पाए। इस विश्व कप में उन्होंने अपनी टीम को बहुत ही निराश किया। प्रोटियाज टीम का ये हीरो इस विश्व कप में जीरो साबित हुआ, और हार के विलेनों की लिस्ट में शामिल हो गया।
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3 - क्विंटन डिकॉक
सालों से दक्षिण अफ्रीका की बड़ी जीतों में क्विंटन डिकॉक का अहम योगदान रहा है। उन्होंने न सिर्फ विकेट के पीछे अपना योगदान दिया, बल्कि ओपनिंग करते हुए अपनी अच्छी बल्लेबाजी से भी शानदार योगदान दिया। लेकिन पिछले कुछ समय से उनकी फॉर्म भी उस तरह की नहीं रही है, जैसी की पहले हुआ करती थी। इसका खामियाजा दक्षिण अफ्रीका ने भुगता भी है। प्रोटियाज को हाल ही में टीम इंडिया के खिलाफ वनडे और टी20 दोनों ही सीरीज गंवानी पड़ीं।
इस विश्व कप में बांग्लादेश और जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीमों के खिलाफ खेली गई पारियों को छोड़ दें, तो उनका बल्ला बाकी मैचों में खामोश ही रहा है। क्विंटन ने इस विश्व कप में 47, 63, 1, 0 और 13 रनों की पारी खेली हैं। बड़े और निर्णायक मैचों में वो असफल साबित हुए। इस बार अफ्रीकी टीम के बाहर होने के जिम्मेदार लोगों में वो भी शामिल हैं।