भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को टीम इंडिया ने एक बार फिर अपने नाम कर लिया है। भारत ने ये सीरीज 2-1 से अपने नाम की। इस टेस्ट सीरीज का अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया चौथा और अंतिम टेस्ट मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इससे पूर्व इस सीरीज के जहां पहले दोनों मैच टीम इंडिया ने जीते, तो वहीं तीसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली।
इस तरह इस बार भी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को जीतकर इस ट्रॉफी पर टीम इंडिया ने अपना वर्चस्व एक बार फिर कायम रखा। इससे पहले भी टीम इंडिया ने न सिर्फ भारत में खेली गई सीरीजों को जीता, बल्कि ऑस्ट्रेलिया में खेली गई पिछली बार की दोनों सीरीजे भी अपने नाम की थीं। इस मैच के ड्रॉ पर समाप्त होने के बावजूद श्रीलंका की न्यूजीलैंड के हाथों मिली हार के कारण टीम इंडिया WTC के फाइनल में पहुंच गई है।
इस सीरीज में पहली बार कोई मैच पांचवें दिन तक गया, नहीं तो पहले तीनों मैच ढाई में ही खत्म हो गए थे। स्पिनर्स की मददगार पिचों को लेकर आलोचनाओं के बाद इस टेस्ट के लिए क्यूरेटर ने बल्लेबाजों को मदद देने वाली पिच बनाने में ही भलाई समझी। इसका नतीजा ये रहा कि 5वें दिन कि समाप्ति पर तीसरी इनिंग भी पूरी नहीं हो सकी। और आखिरकार ये मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
मैच के अंतिम दिन का हाल
अहमदाबाद टेस्ट के अंतिम दिन भी बल्लेबाजी ज्यादा मुश्किल नही थी, ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों ने इसका पूरा फायदा भी उठाया। पहले सत्र में टीम इंडिया को केवल एक सफलता मिली, जब कुहनेमन अश्विन का शिकार बने। उन्होने आउट होने से पहले 6 रन बनाए, बड़ी बात ये थी, कि उन्होने महत्वपूर्ण मौके पर समय काटा, और टीम इंडिया के जल्दी विकेट लेने कि उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इसके बाद ओपनर ट्रेविस हेड और मार्नस लाबुशेन ने लंच तक टीम का कोई और नुकसान नही होने दिया।
लंच और टी के बीच के समय में भी टीम इंडिया के गेंदबाजों ने वापसी के कई प्रयास किए, लेकिन इस बार पिच से कोई मदद नहीं मिली। इस अंतराल में भी ऑस्ट्रेलिया को केवल एक ही झटका लगा, जब शानदार बल्लेबाजी कर रहे ट्रेविस हेड नर्वस नाइंटीज का शिकार हो गए। हेड को 90 रन के स्कोर पर अक्षर पटेल ने चलता किया। इसके बाद कप्तान स्मिथ ने लाबुशेन के साथ मोर्चा संभाल लिया।
टी के बाद भी स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया, भारतीय गेंदबाज विकेट को तरसते नजर आए। भारत ने विकेट की आस में चेतेश्वर पुजारा और शुभमन गिल तक को गेंद थमाई। और आखिरकार 78.1 ओवर बाद दोनों टीमें ड्रॉ पर सहमत हो गईं। उस समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 2 विकेट पर 175 रन था, और तब लाबुशेन 63 रन और स्मिथ 10 रन पर नॉट आउट थे।
बल्लेबाजों की खुली लॉटरी
जहां पिछले 3 टेस्ट मैचों में बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आए, तो वहीं ये पिच बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग साबित हुई। इस विकेट पर गेंदबाज निराश और हताश नजर आए। उन्हें अहमदाबाद की पिच पर एक-एक विकेट के लिए तरसना पड़ा। ये पिच बल्लेबाजों के लिए कितनी अच्छी थी, इस बात का पता इसी से चलता है कि इस सीरीज में अब तक रनों के लिए तरसने वाली ऑस्ट्रेलिया कि टीम ने उस्मान ख्वाजा और कैमरून ग्रीन के शतकों कि मदद से 480 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया।
भारत कि ओर से आर अश्विन ने 6 विकेट हासिल किए। जवाब में टीम टीम इंडिया ने 571 रनों का पहाड़ सा स्कोर बनाया। टीम इंडिया के लिए शानदार फॉर्म में चल रहे शुभमन गिल ने जहां एक और शतक लगाया, तो दूसरी ओर लंबे समय से टेस्ट शतक के लिए जूझ रहे विराट कोहली ने भी शतक जड़ते हुए अपना शतकों का सूखा समाप्त किया। ऊपरी क्रम के सभी बल्लेबाजों ने भी इन्हें अपना सहयोग प्रदान किया। ऑस्ट्रेलिया के लिए टोड मार्फी और नाथन लॉयन ने 3-3 विकेट प्राप्त किए।
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