जब भी फीफा विश्व कप का आयोजन होता है तो अर्जेंटीना इसके प्रबल दावेदारों में से एक होती है। लेकिन टूर्नामेंट खत्म होते-होते उसके हाथ मायूसी ही लगती है। सन 1986 के बाद से यही सिलसिला चला आ रहा है। यदि कुछ अवसरों को छोड़ दिया जाए तो अर्जेंटीना ग्रुप स्टेज में तो अच्छा प्रदर्शन करती है लेकिन नॉक आउट में उसका एक दिन खराब जाता है और वो खाली हाथ रह जाती है। हर बार उसका सपना टूट जाता है, और टीम के साथ-साथ फैंस भी निराश हो जाते हैं। ला एल्बिसेलेस्टे उपनाम से फेमस अर्जेंटीना की सन 1986 के बाद से यही कहानी चली आ रही है।
अर्जेंटीना का फीफा विश्व कप में सबसे शानदार प्रदर्शन
17 बार विश्व कप खेल चुके दक्षिणी अमेरिकी देश अर्जेंटीना ने सन 1902 में विश्व कप में पहली बार भागीदारी की थी। कुल 5 बार वर्ल्ड कप खेल चुकी अर्जेंटीना दो बार वर्ल्ड चैम्पियन भी रह चुकी है। पहली बार उसे सन 1930 में फाइनल खेलने का अवसर मिला, लेकिन उसे उरुग्वे के हाथों 4-2 से हार का सामना करना पड़ा और उसे रनर अप बन कर संतोष करना पड़ा। विश्व चैम्पियन बनने का उसका सपना आखिरकार सन 1978 में जाकर पूरा हुआ, जब उसने नीदरलैंड को 3-1 से हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया।
माराडोना का द हैंड ऑफ गॉड गोल
इसके बाद सन 1986 में भी अर्जेंटीना अपने कप्तान डिएगो माराडोना के शानदार प्रदर्शन और कुशल कप्तानी के दम पर फिर चैम्पियन बनी। फाइनल में अर्जेंटीना ने तत्कालीन पश्चिम जर्मनी को 3-2 से हराया। अर्जेंटीना के लिए क़्वाटर फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ कप्तान डिएगो माराडोना द्वारा किया एक गोल निर्णायक साबित हुआ। इस गोल को आज भी द हैंड ऑफ गॉड के नाम से जाना जाता है। हुआ दरअसल ये कि गोल पोस्ट में जाने से पहले बॉल अनजाने में माराडोना के हाथ को छू गई थी। इसी मैच में माराडोना ने एक और गोल भी किया था जिसे गोल ऑफ सेंचुरी भी माना जाता है।
फिर शुरू हुआ जीत का सूखा
इसके बाद 1990 में हुए अगले विश्व कप में भी अर्जेंटीना फिर से फाइनल में पहुंची, इस बार भी उसके सामने पिछली बार की रनर अप पश्चिम जर्मनी ही थी, लेकिन इस बार पश्चिम जर्मनी ने उसे 0-1 से हराकर अपनी पिछली हार का बदला ले लिया। ये गोल भी एक विवादास्पद पेनल्टी के जरिए 87वें मिनट में हुआ था। सन 2014 में लियोनल मैसी के कप्तानी में अर्जेंटीना अंतिम बार वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंची थी। उसे एक बार फिर से जर्मनी ने मात दे कर उसके सपने को तोड़ दिया। उसके बाद से उसे फाइनल खेलने का मौका नहीं मिल सका है।
टूर्नामेंटों में अर्जेंटीना का रिकॉर्ड
वर्तमान में अर्जेंटीना को चौथी रैंकिंग प्राप्त है। पूर्व मे वो नंबर वन टीम भी रह चुकी है। दो बार की वर्ल्ड कप चैम्पियन अर्जेंटीना ने सन 1902 में अर्जेंटीना ने अपने पहले ही मैच में उरुग्वे को 6-0 से करारी शिकस्त दी थी। अर्जेंटीना ने सन 1942 में इक्वाडोर के खिलाफ 12-0 से सबसे बड़ी जीत हासिल की थी।
कोपा अमेरिका में अर्जेंटीना का रिकॉर्ड बड़ा ही शानदार रहा है। उसने 43 बार टूर्नामेंट में हिस्सा लेते हुए 15 बार चैम्पियनशिप जीती है और वो उरुग्वे के साथ संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा बार चैम्पियनशिप जीतने वाली टीम है। अर्जेंटीना ने कोनमेबॉल यूएफा कप दो बार जीता है। सन 1993 और सन 2022 में उसने ये खिताब अपने नाम किया है।
इसके अलावा अर्जेंटीना फीफा कॉनफ़ीडरेशन कप एक बार सन 1992 में जीत चुकी है। खेलों के महाकुंभ ओलम्पिक में अर्जेंटीना दो बार स्वर्ण पदक जीत चुकी है। ऐसा उसने सन 2004 में एथेंस में और सन 2008 में बीजिंग ओलम्पिक में किया था। एसके अलावा वो सन 1928 में एस्टर्डम में और सन 1996 में अटलांटा में रजत पदक अपने नाम कर चुकी है।
मेसी पर दारोमदार
वर्ल्ड कप जीतने की अर्जेंटीना की सारी आशाएं अपने कप्तान लियोनल मैसी पर टिकीं हैं। ऐसा इसलिए है कि अर्जेंटीना के कप्तान लियोनल मेंसी का शानदार कैरियर रिकॉर्ड। उन्होंने न सिर्फ सबसे ज्यादा 162 मैचों मे कप्तानी की है, बल्कि सबसे ज्यादा 86 गोल भी किए हैं। यही नहीं उन्होंने दूसरे खिलाड़ियों को भी गोल करने के लिए मूव बनाकर दिए हैं। लेकिन यदि अर्जेंटीना को विश्व चैम्पियन बनना है तो पूरी टीम को सहयोग करना होगा। वैसे मेसी के पास ये आखिरी मौका होगा, अर्जेंटीना को वर्ल्ड चैम्पियन बनाने का, इसलिए वो कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे।
फीफा वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना की संभावनाएं
वर्तमान मे भी अर्जेंटीना कोपा अमेरिका कप और कोनमेबॉल यूएफा कप चैम्पियन है। उसका पिछला प्रदर्शन भी शानदार रहा है, इसलिए उसका दावा इस बार भी मजबूत है। टीम के कोच लियोनल स्कोलोनी हैं।
वैसे कप्तान लियोनल मैसी के अलावा गोल कीपर फ़्रांसको अरमानी, एमिलियानो मार्टिनेज, डिफ़ेंडर निकोलस टेगलियाफीके, मार्क्स एक्यूना, निकोलस ऑटमेंड़ी, मिडफ़ील्डर रोडरिगो डी पॉल, एंजिल डी मारियो, जियोवानी ली सेल्सो,लेंडरों पेराडीस,फॉरवर्ड लीसडरों मार्टिनेज, पाउलो डावाला भी अगर महत्वपूर्ण योगदान देते हैं तो इस बार अर्जेंटीना का वर्ल्ड चैम्पियन बनने का सपना पूरा हो सकता है।