ग्रेटर नोएडा का क्रिकेट स्टेडियम हाल ही में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इसका कारण है अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच चल रहे इकलौते टेस्ट मैच का बार-बार रद्द होना। इस मैच के पहले तीन दिन का खेल अब तक रद्द हो चुका है। पहले दो दिन मैदान गीला होने के कारण कोई खेल नहीं हो सका, और तीसरे दिन बारिश ने सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
यह कहना गलत नहीं होगा कि मैच कराने की हर संभव कोशिश की गई, लेकिन सारी मेहनत बेकार गई। जब बारिश रुकी तो ग्राउंड्समैन ने मैदान सुखाने के हर मुमकिन प्रयास किए। चाहे पंखे चलाना हो या ग्राउंड के गीले हिस्सों को खोदकर सूखी सतह लगाना, उन्होंने हर तरकीब अपनाई, मगर स्थिति नियंत्रण में नहीं आई। इस वजह से सवाल उठने लगा है कि आखिर ग्रेटर नोएडा का ग्राउंड क्यों नहीं सूख पा रहा?
मैदान सुखाने के प्रयासों की कहानी
ग्राउंड्समैन ने मैदान सुखाने के लिए कई तरीके आजमाए। पहले उन्होंने पंखों की मदद से गीले हिस्सों को सुखाने की कोशिश की, लेकिन उससे कोई खास फर्क नहीं पड़ा। इसके बाद उन्होंने ग्राउंड के गीले हिस्सों को खोदने का निर्णय लिया ताकि वहां सूखी मिट्टी लगाई जा सके। उन्होंने नेट प्रैक्टिस एरिया से सूखी सतह निकालकर मिडफील्ड पर लगाई भी, लेकिन इसके बाद भी मैदान खेलने लायक नहीं बन सका।
आखिर ग्राउंड क्यों नहीं सूख रहा?
ग्रेटर नोएडा के इस स्टेडियम के ग्राउंड के ना सूखने के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है आउटफील्ड की सतह, जो रेतीली नहीं है, जिससे पानी जल्दी नहीं सूख पाता। इसके अलावा, पूरे ग्राउंड को ढकने के लिए पर्याप्त कवर का अभाव भी एक बड़ी समस्या है। सुपर सॉपर, जो मैदान सुखाने के लिए इस्तेमाल होता है, उसकी भी यहां कमी है। इन सब वजहों से मैच लगातार प्रभावित हो रहा है और खेल का आयोजन नहीं हो पा रहा।
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