Border Gavaskar Trophy के इतिहास का वो दिन, जब दोहरा शतक लगाकर भी Gautam Gambhir को झेलना पड़ा था एक मैच का बैन

Border Gavaskar Trophy History Gautam Gambhir Double Hundred and Ban Story: 2008 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी एक ऐसी सीरीज थी जिसमें बहुत ज़्यादा क्रिकेट खेला गया और ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में खेला गया तीसरा टेस्ट भी अपवाद नहीं था। CRICKET

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By MAMTA KUMARI
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Border Gavaskar Trophy History Gautam Gambhir Double Hundred and Ban Story

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Border Gavaskar Trophy History Gautam Gambhir Double Hundred and Ban Story: 2008 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी एक ऐसी सीरीज थी जिसमें बहुत ज़्यादा क्रिकेट खेला गया और ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में खेला गया तीसरा टेस्ट भी अपवाद नहीं था। वर्तमान भारतीय मुख्य कोच और पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने एक यादगार पारी खेली और एक उच्च-दांव वाले मैच में अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ 206 रन बनाए। लेकिन अपनी सनसनीखेज पारी के दौरान गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने खुद को सीरीज के सबसे विवादास्पद क्षणों में से एक में उलझा हुआ पाया - ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन वॉटसन के साथ तीखी नोकझोंक, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर को तब एक मैच का प्रतिबंध झेलना पड़ा था।

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आपको बताते चलें कि यह नोकझोंक तब शुरू हुई जब भारत ने पहली पारी में शानदार स्कोर बनाया। अपनी पारी के दौरान गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को शेन वॉटसन के लगातार मौखिक हमलों का सामना करना पड़ा, जो स्पष्ट रूप से बाएं हाथ के बल्लेबाज की एकाग्रता को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। 51वें ओवर तक तनाव कम होता रहा, जब गंभीर विकेटों के बीच दौड़ते हुए वॉटसन के पास से गुजरते समय जानबूझकर अपनी कोहनी से उन्हें धक्का देते दिखाई दिए। इस घटना की तुरंत समीक्षा की गई, और रीप्ले से पता चला कि गंभीर की हरकतें कोई दुर्घटना नहीं थीं।

तब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने तुरंत विरोध दर्ज कराया और अंपायरों ने शांति बहाल करने का प्रयास किया। हालांकि यह टकराव मैदान और मीडिया दोनों में चर्चा का विषय बन गया, और इस घटना के फुटेज बार-बार टेलीविजन पर दिखाए गए। आईसीसी ने कार्रवाई करने में कोई समय बर्बाद नहीं किया। गंभीर पर खेल भावना के विपरीत आचरण के लिए लेवल 2.8 का आरोप लगाया गया और उन्हें एक मैच का बैन लगाया गया। जिसके कारण वे नागपुर में महत्वपूर्ण चौथे टेस्ट से बाहर हो गए। वॉटसन को भी गंभीर को भड़काने में उनकी भूमिका के लिए मैच फीस का 10% जुर्माना लगाया गया।

हालांकि गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने अपनी सजा स्वीकार कर ली, लेकिन उन्होंने लगातार स्लेजिंग पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "मुझे शारीरिक संपर्क के लिए खेद है, लेकिन स्लेजिंग की अपनी सीमा होनी चाहिए।" दरअसल उस विवाद के बावजूद गंभीर की 206 रनों की पारी की बदौलत भारत ने 613/7 का मजबूत स्कोर बनाया। वीवीएस लक्ष्मण के शानदार दोहरे शतक की मदद से भारत ने खेल पर अपना दबदबा बनाए रखा। ऑस्ट्रेलिया बहादुरी के प्रयासों के बावजूद, अपनी पहली पारी में केवल 577 रन ही बना सका। मैच ड्रॉ रहा, लेकिन भारत ने 2-0 की सीरीज़ में बढ़त बनाए रखी।

गौरतलब है कि सालों बाद इस घटना पर विचार करते हुए गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने खुलासा किया कि उनका कभी भी शेन वॉटसन को कोहनी मारने का इरादा नहीं था, उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई खेमे की ओर से की गई स्लेजिंग ने उन्हें उनकी सीमा तक धकेल दिया था। गंभीर ने कहा, "मुझे शारीरिक संपर्क पर खेद है, लेकिन स्लेजिंग की अपनी सीमा होनी चाहिए।" क्रिकेट कनेक्टेड पर 2021 के एक साक्षात्कार में उन्होंने साझा किया कि भारत के तत्कालीन कोच गैरी कर्स्टन ने उन्हें मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड के सामने जिम्मेदारी स्वीकार करने की सलाह दी थी। उम्मीद है कि नरमी बरती जाएगी। कर्स्टन के मार्गदर्शन का पालन करने के बावजूद गंभीर को निलंबित कर दिया गया।

 

 

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