लंबे समय से घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को टीम इंडिया (Team India) में जगह मिलती रही है, घरेलू क्रिकेट (Domestic Cricket) को हमेशा भारतीय टीम में शामिल होने के लिए आधार माना गया है। हालांकि IPL के आने के बाद छोटे फॉर्मेट के लिए अब उसके प्रदर्शन को भी अहमियत दी जाती है।
भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे बदकिस्मत खिलाड़ी भी हुए हैं, जिन्होंने अच्छे प्रदर्शन के जरिए अपनी घरेलू टीम की कप्तानी तो हासिल कर ली, लेकिन टीम इंडिया के लिए खेलने का सपना अधूरा ही रह गया। ऐसे खिलाड़ियों की लिस्ट की बात करें तो इसमें घरेलू क्रिकेट (Cricket) में शानदार प्रदर्शन करने वाले घरेलू क्रिकेट के ये 3 महान खिलाड़ी भी शामिल हैं।
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1- अमोल मजूमदार (Amol Mazumdar)
अमोल मजूमदार को घरेलू क्रिकेट का दिग्गज बल्लेबाज माना जाता था। मजूमदार मुंबई के लिए खेला करते थे, और उन्होने मुंबई की टीम की कमान भी संभाली थी। उनकी खेलने की शैली इतनी अच्छी थी, जिसके कारण वो हमेशा टेस्ट टीम में जगह बनाने के दावेदार माने जाते थे। लेकिन ऐसा कभी हो नहीं सका, उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे कभी खुल नहीं सके।
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हालांकि अपने पहले प्रथम श्रेणी मैच में ही उन्होने अपनी प्र्तिभा के दर्शन करा दिए थे। इसके बाद में भी वो रुके नहीं, और अपने प्रदर्शन से अपना नाम घरेलू क्रिकेट के महान बल्लेबाज में शुमार कराया। लेकिन तब टीम इंडिया में वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड, वीवीएस लक्ष्मण, सौरव गांगुली की मौजूदगी के कारण उन्हें खेलने का अवसर नहीं मिल सका।
मजूमदार के पूरे करियर के आंकड़े शानदार रहे। जो साबित करते हैं कि उन्हें भारतीय टीम में जगह मिलनी चाहिए थी, लेकिन बदकिस्मती से वो टीम में जगह नहीं बना पाए। अमोल मजूमदार ने अपने घरेलू क्रिकेट करियर में 171 मुकाबले खेलते हुए 11,167 रन बनाए थे। इस दौरान अमोल मजूमदार के बल्ले से 30 शतक और 60 अर्धशतक निकले थे। जो साबित करते हैं कि वो घरेलू क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक हैं।
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2- येरे गौड़ा (Yere Goud)
येरे को भी घरेलू क्रिकेट का महान बल्लेबाज माना जाता है। उनकी शानदार बल्लेबाजी को देखते हुए विशेषज्ञ उनकी तुलना टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाजों से करते थे। पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ और गौड़ा की घरेलू टीम रेलवे ने तो उन्हें घरेलू क्रिकेट का राहुल द्रविड तक करार दिया था। लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनका ये बेहतरीन प्रदर्शन भी टीम इंडिया में उनकी एंट्री नही करा पाया।
इसकी वजह ये थी कि जिस दौर में वो खेला करते थे, उस दौर में टीम इंडिया में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, सौरव गांगुली और धोनी जैसे बल्लेबाजों के होते हुए किसी और का जगह बनाना संभव नहीं लगता था। उस सुनहरे दौर के खिलाड़ी होने का उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा, और टेस्ट मैचों के लिए प्रबल दावेदार होने पर भी टीम इंडिया के लिए खेल पाने का उनका कभी पूरा नही हो सका।
गौड़ा ने अपने प्रथम श्रेणी करियर में रेलवे और कर्नाटक के लिए क्रिकेट खेला। इन दोनों टीमों की ओर से खेलते हुए इस दौरान उन्होने दोनों टीमों की कप्तानी भी की। येरे ने अपने प्रथम श्रेणी करियर में कुल 134 मैच खेले, इन मैचों में उन्होने शानदार खेल दिखाते हुए 7650 रन, 45.53 की औसत से बनाए, जिसमें 221 रनों के सर्वोच्च स्कोर के साथ 16 शतक और 39 अर्धशतक शामिल हैं।
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3- मिथुन मिन्हास (Mithun Manhas)
दिल्ली के लिए लंबे समय तक घरेलू क्रिकेट खेलने वाले मिथुन मिन्हास ने अपनी अलग छाप छोड़ी थी. उन्हें घरेलू क्रिकेट में दिल्ली की टीम की कप्तानी करने का भी अवसर मिला। लेकिन अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टीम इंडिया के लिए कभी नहीं चुना गया, जब भी टीम इंडिया में चयन के लिए उनका नाम आया, उन्हें हर बार दरकिनार कर दिया गया।
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मिथुन मिन्हास ने घरेलू क्रिकेट में काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया। लेकिन दमदार प्रदर्शन के बावजूद भी उन्हें एक बार भी इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला। घरेलू क्रिकेट में उनका शानदार प्रदर्शन दिखाता है कि उन्हें भारतीय टीम में जगह मिलनी चाहिए थी, लेकिन बदकिस्मती से वो टीम में जगह नहीं बना पाए। दिग्गज खिलाड़ियों की मौजूदगी के कारण उन्हें हर बार निराशा हाथ लगी।
मिथुन मिन्हास ने अपने क्रिकेट करियर में 157 मैच खेल कर 9,714 रन बनाए। मिथुन ने इस दौरान 27 शतक और 49 अर्धशतक भी लगाए। लेकिन चयनकर्ताओं ने उनको हमेशा नजरअंदाज किया और वो इतने शानदार प्रदर्शन के बावजूद कभी भी भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बन सके। इस कारण इस बदकिस्मत खिलाड़ियों की लिस्ट में वो भी शामिल हो गए।