ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) से अफगानिस्तान की सदस्यता निलंबित करने की अपील की है। संगठन का कहना है कि जब तक अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों को क्रिकेट खेलने की अनुमति नहीं दी जाती, तब तक पुरुष टीम को भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। HRW ने ICC अध्यक्ष जय शाह को पत्र लिखकर तालिबान द्वारा महिला खेलों पर लगाए गए प्रतिबंधों पर क्रिकेट परिषद की चुप्पी पर सवाल उठाया और इसे ‘मौलिक मानवाधिकारों की अनदेखी’ करार दिया। यह पत्र शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया।

ICC के नियमों का हवाला देकर कार्रवाई की मांग

HRW ने ICC के नियमों की ओर इशारा करते हुए कहा कि प्रत्येक सदस्य देश के पास एक महिला क्रिकेट टीम होनी चाहिए ताकि पुरुष टीम अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा ले सके। तालिबान के सत्ता में आने के बाद, अफगानिस्तान में महिला क्रिकेट पूरी तरह समाप्त हो चुका है। HRW ने आईसीसी से संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मानकों के अनुरूप एक नई नीति अपनाने, अफगान पुरुष टीम को निलंबित करने और निर्वासन में रह रही अफगान महिला क्रिकेटरों को समर्थन देने की अपील की है।

Hashmatullah Shahidi addresses his players in a huddle on the outfield, England vs Afghanistan, Gaddafi Stadium, Lahore, ICC Champions Trophy, February 26, 2025

IOC की तर्ज पर कदम उठाने का सुझाव

HRW की ग्लोबल इनिशिएटिव्स की निदेशक मिंकी वर्डन ने कहा कि आईसीसी की जिम्मेदारी है कि वह क्रिकेट में संगठित लैंगिक भेदभाव को नजरअंदाज न करे। उन्होंने आईसीसी से अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की तरह कदम उठाने का आग्रह किया। IOC ने विदेशों में रह रही अफगान महिला एथलीटों को आधिकारिक मान्यता दी है और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे वे 2024 पेरिस ओलंपिक में भाग ले सकें। हालांकि, ICC ने अभी तक HRW के अनुरोध पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अफगान महिला क्रिकेटरों की संघर्षपूर्ण कहानी

तालिबान शासन के कारण अफगानिस्तान में महिलाओं को क्रिकेट समेत किसी भी खेल में भाग लेने की अनुमति नहीं है। कई महिला क्रिकेटरों और एथलीटों ने उत्पीड़न के डर से अपना करियर छोड़ दिया या देश छोड़कर अन्य जगहों पर बस गईं। अफगानिस्तान आईसीसी का इकलौता सदस्य देश है जिसके पास महिला टीम नहीं है। कई पूर्व महिला क्रिकेटर अब ऑस्ट्रेलिया में ट्रेनिंग कर रही हैं और उनका मानना है कि वे लाखों अफगान महिलाओं की आवाज़ हैं, जिनके अधिकार छीन लिए गए हैं।

अफगान क्रिकेटर शबनम अहसन की भावनात्मक अपील

अफगान महिला क्रिकेटर शबनम अहसन ने आईसीसी की निष्क्रियता पर निराशा जताते हुए कहा, "यह बहुत दर्दनाक और हताश करने वाला है। मैं समझ नहीं पा रही कि आईसीसी हमारी मदद के लिए कुछ क्यों नहीं कर रही। हमने उतनी ही मेहनत की है, जितनी दुनिया की बाकी महिला क्रिकेटरों ने की है, तो हमें समर्थन क्यों नहीं मिल रहा?"

Read More Here:

‘मेरे फेवरेट छोले भटूरे पर चर्चा करना जरूरी नहीं...’ विराट कोहली ने ब्रॉडकास्टरों को कुछ यूं धोया