IPL 2025 Players Replacement New Rules: आईपीएल 2025 की शुरुआत से पहले ही कई फ्रेंचाइजी को अपने स्क्वॉड में बदलाव करना पड़ रहा है। चोट या बाकी अन्य कारणों के चलते टीमें खिलाड़ियों को रिप्लेस कर रही हैं। हाल ही में कोलकाता नाइट राइडर्स ने चोटिल उमरान मलिक की जगह चेतन सकरिया को अपने स्क्वॉड में शामिल किया। वहीं मुंबई इंडियंस ने तेज गेंदबाज लिजाद विलियम्स की जगह टीम में कॉर्बिन बॉश को शामिल किया। बॉश के आईपीएल में आते ही पाकिस्तान में विवाद गरमा गया। तो आइए जानते हैं कि पूरा माजरा क्या है।
PSL छोड़कर आए कॉर्बिन बॉश
बात दरअसल कुछ यूं कि है दक्षिण अफ्रीका के कॉर्बिन बॉश पहले पीएसएल खेलने वाले थे, लेकिन फिर उन्होंने अपना इरादा बदलते हुए आईपीएल में खेलने का फैसला किया। बॉश पाकिस्तान सुपर लीग में पेशावर जालमी का हिस्सा थे, लेकिन आईपीएल में चुने जाने के बाद उन्होंने पीएसएल से अपना नाम वापस ले लिया।
बस फिर क्या था, पाकिस्तान में इस बात पर विवाद गरमा गया कि बॉश ने उनकी लीग छोड़कर आईपीएल खेलने का फैसला क्यों किया। इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कॉर्बिन बॉश को पीएसएल के कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन करने के लिए लीगल नोटिस भेद दिया। नोटिस में बॉश से पीएसएल छोड़ने को लेकर जवाब मांगा गया है।
IPL 2025 में खिलाड़ियों को रिप्लेस करने के बदल गए नियम
तो अब आइए जानते हैं कि IPL 2025 में खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट को लेकर नियमों में क्या कुछ बदलाव हुए हैं। नियमों में बदलाव कर बीसीसीआई ने सभी फ्रेंचाइजी के लिए आसानी पैदा कर दी है। दरअसल अब टीमें अपने 12वें लीग मैच तक चोटिल या बीमार खिलाड़ियों को रिप्लेस कर सकेंगी। पिछले सीजन तक टीमों के पास सिर्फ 7 लीग मैचों तक ही खिलाड़ियों को रिप्लेस करने की इजाजत थी।
खिलाड़ियों का रजिस्टर्ड अवेलेबल प्लेयर पूल (IPL 2025)
बता दें कि टीमें खिलाड़ियों को रजिस्टर्ड अवेलेबल प्लेयर पूल (RAPP) में मौजूद खिलाड़ियों से बदल सकती हैं। रिप्लेस करने वाले खिलाड़ी की फीस उस खिलाड़ी से ज्यादा नहीं होगी, जिसे रिप्लेस किया गया है। बताते चलें कि रजिस्टर्ड अवेलेबल प्लेयर पूल में वो खिलाड़ी मौजूद होते हैं, जिन्होंने ऑक्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन उन्हें कोई खरीदार नहीं मिला।
टूर्नामेंट के बीच में बदलाव का नियम (IPL 2025)
वहीं अगर टीमें किसी चोटिल या बीमार खिलाड़ी को रिप्लेस करना चाहती हैं, तो उन्हें बीसीसीआई की कुछ शर्तें माननी होंगी। वो शर्तें कुछ इस प्रकार हैं...
- खिलाड़ी को इंजरी या बीमारी टीम के 12वें लीग मैच या उससे पहले होनी चाहिए।
- बीसीसीआई का एक नामित डॉक्टर यह पक्का करेगा कि खिलाड़ी की चोट या बीमारी ऐसी है, जो सीजन के आखिर तक ठीक नहीं होगी।
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