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क्रिकेट की दुनिया में कई खिलाड़ी चमकते हैं, लेकिन कुछ का सफर समय के साथ फीका पड़ जाता है। एक वक्त था जब IPL में इस खिलाड़ी की तूती बोलती थी, लेकिन आज वही खिलाड़ी पेट पालने के लिए खेतों में मजदूरी करने को मजबूर है।
हम बात कर रहे हैं कमरान खान की, जो कभी IPL में राजस्थान रॉयल्स की ओर से अपनी तेज गेंदबाजी से सुर्खियों में थे, लेकिन आज उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ है।
IPL में से पहचान मिली, लेकिन करियर ज्यादा लंबा नहीं चला
कमरान खान उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से आते हैं और बेहद गरीबी में पले-बढ़े। 2009 में IPL में राजस्थान रॉयल्स के लिए डेब्यू करने वाले इस गेंदबाज ने अपनी घातक यॉर्कर से सबको चौंका दिया था। खासकर IPL 2009 में जब उन्होंने सुपर ओवर में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की थी, तब उन्हें "मिस्ट्री पेसर" कहा जाने लगा था।
हालांकि, कमरान का करियर ज्यादा लंबा नहीं चला। उनकी गेंदबाजी एक्शन को संदिग्ध करार दिया गया और फिर चोटों ने उनके करियर पर ब्रेक लगा दिया। इसके बाद उन्हें कोई बड़ा मौका नहीं मिला और धीरे-धीरे वह क्रिकेट से दूर होते चले गए।
अब खेतों में कर रहे हैं मजदूरी
आईपीएल से गायब होने के बाद कमरान की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई। उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं बचा और अब खबरें हैं कि वह अपने परिवार का पेट पालने के लिए खेतों में मजदूरी करने को मजबूर हैं। कभी आईपीएल में लाखों रुपये कमाने वाले कमरान अब दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
कमरान की कहानी भारतीय क्रिकेट का कड़वा सच
कमरान खान की कहानी भारतीय क्रिकेट का एक कड़वा सच बयां करती है, जहां कई खिलाड़ी चंद सालों तक चमकते हैं, लेकिन अगर उन्हें सही सपोर्ट न मिले तो वे गुमनामी में खो जाते हैं। क्रिकेट बोर्ड और फ्रेंचाइजी से ऐसे खिलाड़ियों के पुनर्वास के लिए कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में कोई भी टैलेंट इस तरह खत्म न हो।
क्या मिलेगी कोई मदद?
कमरान खान का क्रिकेट करियर भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन क्या बीसीसीआई या आईपीएल फ्रेंचाइजी उनकी मदद के लिए आगे आएंगे? यह बड़ा सवाल है। अगर उन्हें सही समय पर सपोर्ट मिले, तो शायद उनकी जिंदगी फिर से पटरी पर लौट सकती है।
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