On This Day: जब 17 साल के Sachin Tendulkar ने तब की नंबर एक टीम के खिलाफ़ जड़ा था ऐतिहासिक शतक

On This Day Sachin Tendulkar: 14 अगस्त 1990 में सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए अपना पहला शतक जड़कर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने आगमन की घोषणा की थी। CRICKET

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By MAMTA KUMARI
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On This Day Sachin Tendulkar scored his maiden century for India against England

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On This Day Sachin Tendulkar: 14 अगस्त 1990 में सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए अपना पहला शतक जड़कर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने आगमन की घोषणा की थी। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), जो उस समय केवल 17 वर्ष के थे। उन्होंने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में तीन मैचों की सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार पारी खेली। डेवोन मैल्कम, एंगस फ्रेजर और एडी हेमिंग्स जैसे तब के खतरनाक इंग्लिश गेंदबाजों का सामना करने से उन्हें उस कोई परेशानी नहीं हुई।

On This Day: Sachin Tendulkar Maiden Century Against England

आपको बताते चलें कि उस समय लॉर्ड्स में पहला टेस्ट 247 रनों से हारने के बाद भारत ने खुद को दूसरे टेस्ट मैच में भारी दबाव में पाया। क्रिकेट के घर में सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और उन्होंने पहली पारी में 10 और दूसरी पारी में 27 रन बनाए। मैनचेस्टर टेस्ट में भारत फिर से मुश्किल में पड़ गया, तब इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करते हुए अपनी पहली पारी में 519 रन बनाए।

इस बार सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने उनका बचाव किया। उन्होंने पहली पारी में 68 रन बनाए, हालांकि भारत ने तब 87 रनों की बढ़त हासिल कर ली। 408 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को सीरीज में 0-2 से पिछड़ने से बचने के लिए विशेष प्रयास करना पड़ा। संकट के समय सचिन तेंदुलकर ने अपने हाथ ऊपर उठाए और अपना शतक पूरा किया। नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए उस समय के युवा क्रिकेटर ने 189 गेंदों पर 17 चौकों की मदद से 119 रन बनाए थे।

हालांकि, कपिल देव के आउट होने के बाद भारत का स्कोर 6 विकेट पर 183 रन था। इसके बाद सचिन और मनोज प्रभाकर ने सातवें विकेट के लिए 160 रनों की साझेदारी की और भारतीय टीम को इस मैच में हार से बचाया। सचिन को तब प्रभाकर का पूरा समर्थन मिला, जिन्होंने 128 गेंदों पर आठ चौकों की मदद से 67 रन बनाए थे, जिससे यह मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इसके बाद लंदन के केनिंग्टन ओवल में सीरीज का तीसरा टेस्ट भी ड्रॉ होने के बाद भारत 0-1 से सीरीज हार गया। लेकिन, तेंदुलकर ने अपनी 5 पारियों में 61.25 की औसत और 55.80 की स्ट्राइक-रेट से 245 रन बनाकर एक यादगार सीरीज़ खेली।

 

 

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