टीम इंडिया (Team India) को लंबे समय से जिन बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उनमें से एक बड़ी समस्या टीम में विकेट कीपर बल्लेबाज का न होना भी शामिल है, खासकर टेस्ट क्रिकेट में। टीम इंडिया की ये समस्या तब शुरू हुई, जब पिछले साल के अंत में ऋषभ पंत (Rishabh Pant) एक्सीडेंट के कारण लंबे समय के लिए क्रिकेट (Cricket) के मैदान से दूर हो गए थे। टीम इंडिया के लिए उनका बाहर होना एक बड़ा झटका था, क्योंकि वो एक 'की प्लेयर' थे।
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सीमित ओवर क्रिकेट में केएल राहुल, ईशान किशन, संजू सैमसन और जितेश शर्मा जैसे कई दावेदार हैं। लेकिन दिक्कत टेस्ट क्रिकेट को लेकर है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में पदार्पण करने वाले केएस भरत ने विकेट के पीछे तो अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया है, लेकिन बल्ले से उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा है। उनके अलावा ईशान किशन भी बैकअप कीपर के रूप में टीम में मौजूद हैं, लेकिन अनुभवहीनता के कारण उनसे भी कुछ उम्मीद नहीं लगाई जा रही हैं। एक अन्य विकल्प ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) को नजरंदाज कर दिया गया।
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ऋद्धिमान को किया गया दरकिनार
ऐसी स्थिति में टीम इंडिया के पास एक और अच्छा विकल्प ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) के रूप में था। ऋषभ पंत के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में तूफान बनकर आने से पहले यह अनुभवी विकेट कीपर ही टेस्ट में भारत का नियमित विकेट कीपर हुआ करता था। लेकिन ये कहकर कि हमें भविष्य की ओर देखना है, साहा को टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया।
यहां तक की ऋषभ पंत की अनुपस्थिति के बावजूद भी फिट और विकेटों के पीछे सबसे अच्छे विकेट कीपर होने के बावजूद उनके नाम पर विचार नहीं किया गया। उन्हें टीम इंडिया में चयन के लिए पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया। इसके बाद उनके नाम पर अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भी कभी चर्चा भी नहीं की गई।
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साहा ने युवाओं को मौका देने के लिए दलीप ट्रॉफी से खुद को किया अलग
ईशान किशन को आगामी वेस्टइंडीज दौरे को ध्यान में रखते हुए दलीप ट्रॉफी (Duleep Trophy) के लिए पूर्वी क्षेत्र टीम में शामिल नहीं किया गया है। पूर्वी क्षेत्र के चयनकर्ता इस जगह के लिए साहा को टीम में लेना चाहते थे और इसके लिए उनसे भी संपर्क किया गया था। लेकिन 38 वर्षीय ऋद्धिमान ने चयनकर्ताओं से साफ-साफ कह दिया कि "चूंकि उन्हें भारतीय टीम में शामिल नहीं किया जाएगा, इसलिए वह दिलीप ट्रॉफी जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में खेलकर किसी युवा खिलाड़ी की जगह नहीं रोकना चाहते।"
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इसके बाद बंगाल के विकेट कीपर अभिषेक पोरेल को टीम में लिया गया, जिन्होंने इस साल दिल्ली कैपिटल्स के लिए IPL में डेब्यू किया था। ऋद्धिमान ने ये बोल्ड कदम उठाकर सभी फैंस का दिल जीत लिया है। उन्होंने अपना फायदा न देखकर भविष्य में खेल सकने वाले युवाओं के लिए जगह छोड़ना बेहतर समझा। इस फैसले के लिए उनकी खूब तारीफ की जा रही है।