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आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत और बांग्लादेश ने अलग-अलग स्तर की सफलता हासिल की है। भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में शानदार रिकॉर्ड बनाया है, जबकि बांग्लादेश का प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा है। आंकड़ों के नजरिए से देखें तो दोनों टीमों के बीच बड़ा अंतर दिखाई देता है।
भारत का प्रदर्शन (1998-2017)
भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी में कुल 29 मैच खेले हैं, जिसमें से 18 में उसे जीत मिली, जबकि 8 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। तीन मुकाबले बिना किसी नतीजे के समाप्त हुए। भारत का औसत 41.87 रहा, जबकि रन रेट 5.50 दर्ज किया गया। टीम का सर्वाधिक स्कोर 331 रन और न्यूनतम स्कोर 158 रन रहा। भारत का जीत-हार अनुपात 2.250 रहा, जो इस टूर्नामेंट में उसकी प्रभावशाली मौजूदगी को दर्शाता है।
बांग्लादेश का प्रदर्शन (2000-2017)
बांग्लादेश ने चैंपियंस ट्रॉफी में अब तक कुल 12 मैच खेले हैं, जिनमें से उसे केवल 2 में जीत मिली है, जबकि 9 मैचों में हार झेलनी पड़ी। एक मैच बेनतीजा रहा। बांग्लादेश का बल्लेबाजी औसत 23.14 और रन रेट 4.46 रहा। टीम ने टूर्नामेंट में अधिकतम 305 रन बनाए हैं, जबकि न्यूनतम स्कोर 77 रन रहा। बांग्लादेश का जीत-हार अनुपात 0.222 दर्शाता है कि यह टीम अब तक इस टूर्नामेंट में संघर्ष ही करती रही है।
भारत और बांग्लादेश की तुलना
अगर तुलना की जाए तो भारत का प्रदर्शन चैंपियंस ट्रॉफी में काफी प्रभावशाली रहा है, जबकि बांग्लादेश अभी तक इस टूर्नामेंट में अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहा है। भारत ने तीन बार टूर्नामेंट के फाइनल तक का सफर तय किया और दो बार (2002-साझा विजेता और 2013) ट्रॉफी जीती। वहीं, बांग्लादेश के लिए यह टूर्नामेंट मुश्किल भरा रहा है, और वह कभी भी अंतिम चरण तक नहीं पहुंच पाया।
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