गौतम गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है, खासकर कानपुर टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ। इस मुकाबले के पहले तीन दिन बारिश से प्रभावित रहे, लेकिन अंतिम दो दिनों में खेल पूरा हुआ और भारतीय टीम ने रोमांचक जीत दर्ज की। इस जीत के बाद गंभीर की कोचिंग की तारीफों के पुल बांधे गए, लेकिन अब सुनील गावस्कर ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने गंभीर की प्रशंसा करने वालों को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्हें गौतम गंभीर की बेमतलब तारीफ नहीं करनी चाहिए।
Sunil Gavaskar का मानना रोहित को देना चाहिए क्रेडिट
सुनील गावस्कर ने स्पोर्ट्स स्टार में अपने कॉलम में लिखा कि भारतीय टीम की आक्रामक रणनीति का श्रेय रोहित शर्मा को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौतम गंभीर को इसका श्रेय देना अनुचित है और इसे 'चमचागिरी' करार दिया। गावस्कर ने बताया कि गंभीर ने कोचिंग की जिम्मेदारी सिर्फ दो महीने पहले संभाली है और खुद कभी ब्रेंडन मैक्कलम की तरह आक्रामक बल्लेबाजी नहीं की। इसके विपरीत, रोहित हमेशा टीम के लिए बल्लेबाजी करते हैं, और बांग्लादेश के खिलाफ पहले पारी में रोहित की आक्रामक शुरुआत ने ही बाकी बल्लेबाजों को उसी लय में खेलने के लिए प्रेरित किया।
आईसीसी को भी सराहा
गावस्कर ने यह भी उल्लेख किया कि इस जीत के साथ टीम इंडिया को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण अंक मिले। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर यह मैच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप से जुड़ा न होता, तो क्या खिलाड़ी उसी जुनून और इरादे के साथ खेलते? गावस्कर का मानना है कि अगर ऐसा न होता, तो खिलाड़ी व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स पर ध्यान देते। इसलिए उन्होंने आईसीसी को भी टेस्ट क्रिकेट को नई ऊर्जा देने के लिए श्रेय दिया।
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