वेस्टइंडीज (West Indies) ने टी20 सीरीज (IND vs WI) के 5वें और आखिरी मैच में टीम इंडिया (Team India) को आसानी से 8 विकेट से हरा दिया। इस मैच को जीतकर विंडीज टीम ने सीरीज पर भी 3-2 से कब्जा जमा लिया। इस मैच में टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने बहुत ही निराशाजनक प्रदर्शन किया।
जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें निर्णायक मैच में हार का सामना करना पड़ा। इस सीरीज हार के कारण भारतीय टीम की अगले साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप 2024 (T20 World Cup 2024) में युवाओं के भरोसे ट्रॉफ़ी जीतने की उम्मीदों को करारा झटका लगा है। इस मैच में रोमारियो शेफर्ड प्लेयर ऑफ द मैच और इस सीरीज में निकोलस पूरन प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे।
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टीम इंडिया की खराब शुरुआत
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लेने वाली टीम इंडिया की शुरुआत पिछले मैच से एकदम उलट हुई। चौथे मैच में रनों के अंबार लगाने वाले दोनों सलामी बल्लेबाज इस मैच में अच्छी शुरुआत देने से चूक गए और सस्ते में ही पेवेलियन लौट गए। मैच के पहले ही ओवर में अकील हुसैन ने पिछले मैच के प्लेयर ऑफ द मैच यशस्वी जायसवाल को आउट कर टीम इंडिया को पहला झटका दे दिया।
अगले ओवर में उन्होंने गिल को भी चलता कर टीम इंडिया की अच्छी शुरुआत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इसके बाद इनफॉर्म तिलक वर्मा ने सूर्यकुमार के साथ साझेदारी बनानी शुरू की, लेकिन साझेदारी के बड़ा होने से पहले ही रोस्टन चेज ने तिलक वर्मा की पारी का अंत कर दिया। टीम इंडिया को अगला झटका भी संजू सैमसन के जल्दी आउट होने से लग गया। जिससे टीम इंडिया का स्कोर 4 विकेट पर 87 रन हो गया।
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सूर्या की अच्छी बल्लेबाजी
फिर कप्तान हार्दिक पांडया ने एक छोर से बढ़िया बल्लेबाजी कर रहे सूर्या के साथ साझेदारी बनाने का प्रयास किया। लेकिन बीच में बारिश का व्यवधान आना शुरू हो गया, जो अंत तक जारी रहा। बारिश की रुकावट के बाद जब सूर्या और हार्दिक वापस मैदान में लौटे, तो अपनी एकाग्रता खो बैठे और आउट हो गए। पहले हार्दिक और फिर स्काई पेवेलियन लौटे। सूर्या ने 61 रनों पर आउट होने से पूर्व अपना जुझारू अर्धशतक पूरा किया।
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संभल नहीं सकी टीम इंडिया की पारी
इसके बाद बारिश और टीम इंडिया के विकेटों के पतन दोनों का सिलसिला लगातार जारी रहा। टीम इंडिया जैसे-तैसे अपने पूरे ओवर खेल पाई और उसने 9 विकेट पर 165 रनों के स्कोर खड़ा किया। जो पिच के हिसाब से कम था। विंडीज टीम के लिए रोमारियो शेफर्ड ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करते हुए सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए। उनके अलावा अकील हुसैन और जेसन होल्डर ने भी 2-2 विकेट लेकर टीम इंडिया को बड़ा स्कोर करने से रोक दिया।
वेस्टइंडीज का करारा जवाब
इस मैच में कहें तो पिछले मैच की पुनरावृत्ति देखने को मिली, फर्क सिर्फ इतना रहा, जैसा वेस्टइंडीज टीम के साथ पिछले मैच में हुआ था, वैसा टीम इंडिया के साथ इस मैच में हुआ। कल कैरेबियन बॉलर और बैटर बेअसर रहे थे, तो आज इंडियन बॉलर और बैटर नाकाम रहे। वेस्टइंडीज को लक्ष्य हासिल करने में और मैच के साथ-साथ सीरीज जीतने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। टीम इंडिया की खराब गेंदबाजी से उसने 2 ओवर पहले ही लक्ष्य प्राप्त कर लिया।
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पूरन और किंग की शानदार साझेदारी
पिछले मैच से फर्क बस इतना रहा कि वेस्टइंडीज को पहले विकेट के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा, वहीं भारतीय टीम को पहला विकेट काइली मायर्स के रूप में जल्दी ही मिल गया। लेकिन उसके बाद कहानी वैसी ही रही। ब्रेंडन किंग के साथ इनफॉर्म निकोलस पूरन ने मैच जिताने वाली साझेदारी की।
जिसे तिलक वर्मा ने निकोलस पूरन को आउट कर तोड़ा, लेकिन तब तक मैच वो वेस्टइंडीज की झोली में डाल चुके थे। उन्होंने तिलक वर्मा का पहला इंटरनेशनल विकेट बनने से पहले 47 रनों की पारी खेली। इसके बाद किंग ने शाई होप के साथ मिलकर वेस्टइंडीज को 8 विकेट से जीत दिला दी।
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सीरीज पर कब्जा
इस मैच के साथ-साथ वेस्टइंडीज ने सीरीज भी 3-2 से जीत ली। वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों की कुलदीप यादव को विकेट न देने की रणनीति काम कर गई। उनके अलावा बाकी गेंदबाज बेअसर रहे। उन्हें न सिर्फ विकेट लेने में असफलता मिली, बल्कि वो महंगे भी रहे। इसका अंदाजा इसी बात से लगता है कि कुलदीप के बाद सबसे प्रभावशाली गेंदबाजी किसी नियमित गेंदबाज ने नहीं बल्कि अनियमित गेंदबाज तिलक वर्मा ने की।