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इंग्लैंड के मशहूर टी20 टूर्नामेंट 'The Hundred' के ड्राफ्ट में इस बार एक चौंकाने वाली घटना देखने को मिली। सभी पाकिस्तानी खिलाड़ी अनसोल्ड रहे, जिससे पाकिस्तान क्रिकेट फैंस और मीडिया में हड़कंप मच गया। कई लोगों ने दावा किया कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) और उसके सचिव जय शाह का इसमें कोई रोल हो सकता है, लेकिन जब असली वजह सामने आई तो यह मामला कुछ और ही निकला।
खराब फॉर्म बना सबसे बड़ी वजह
पिछले कुछ महीनों में कई प्रमुख पाकिस्तानी खिलाड़ियों का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा है। बाबर आज़म, मोहम्मद रिज़वान, शाहीन अफरीदी, शादाब खान और हारिस रऊफ जैसे खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल और फ्रेंचाइजी क्रिकेट में लगातार साधारण प्रदर्शन किया है। हाल ही में पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) 2024 में भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा।
द हंड्रेड जैसी लीग में फ्रेंचाइजी अपने स्क्वॉड को संतुलित और मजबूत बनाने पर ध्यान देती हैं, इसलिए खराब फॉर्म वाले खिलाड़ियों को खरीदने का जोखिम कम ही टीमें उठाना चाहती हैं।
The Hundred पर भारतीय मालिकों का प्रभाव भी एक कारण?
एक और बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि 'The Hundred' की आठ में से चार फ्रेंचाइजी के मालिक भारतीय मूल के बिजनेसमैन हैं। भारतीय निवेशकों का दबदबा क्रिकेट लीग्स में बढ़ता जा रहा है, और उनकी रणनीति में पाकिस्तानी खिलाड़ियों की जगह सीमित हो सकती है।
हालांकि, यह कहना पूरी तरह सही नहीं होगा कि खिलाड़ियों को नीलामी में न खरीदने के पीछे भारतीय मालिकों की कोई राजनीतिक मंशा थी।
बीसीसीआई और जय शाह का क्या रोल?
BCCI का 'The Hundred' से कोई डायरेक्ट कनेक्शन नहीं है। भारतीय बोर्ड ने साफ तौर पर अपने खिलाड़ियों को इस लीग में खेलने की अनुमति नहीं दी है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उन्होंने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भी बाहर रखने का कोई दबाव डाला हो।
जय शाह को लेकर पाकिस्तान में अक्सर बयानबाजी होती रहती है, लेकिन इस मामले में उनके किसी हस्तक्षेप के सबूत नहीं मिले हैं। असल में, पाकिस्तान के खिलाड़ियों को अनदेखा किए जाने की असली वजह उनकी हालिया खराब फॉर्म और विदेशी लीग्स में उनके कम प्रभावी प्रदर्शन को माना जा सकता है।