CSK का IPL 2023 में अब तक प्रदर्शन अच्छा रहा है। इसकी वजह उसके दोनों ओपनर रुतुराज गायकवाड (Ruturaj Gaikwad) और डेवोन कॉनवे द्वारा शानदार शुरुआत प्रदान करना है। अब सीएसके के स्टार बल्लेबाज बन चुके रुतुराज का बल्ला एक बार फिर आग उगल रहा है। वो अपने पिछले साल के प्रदर्शन को भूलकर एक बार फिर से ऑरेंज कैप की रेस में शामिल हो गए हैं, जिसे वो पहले भी जीत चुके हैं।
उन्होने 2021 में टीम को खिताब दिलाते हुए ऑरेंज कैप भी अपने नाम की थी। सीएसके को उस साल खिताब दिलाने में उनका अहम योगदान था। इसका उन्हें ईनाम भी मिला, इस शानदार प्रदर्शन के कारण उन्हें पहली बार टीम इंडिया में भी एंट्री मिल गई। स्टार स्पोर्ट्स ने उनके जीवन के संघर्ष की कहानी शेयर की है, कि वो कैसे एक साधारण बालक से चैंपियन खिलाड़ी बने।
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रुतुराज की शुरुआती कहानी
रुतुराज गायकवाड़ को बचपन से खेल से प्यार था, वो अपनी टीचर मां के साथ क्रिकेट मैदान में जाया करते थे। क्रिकेट के प्रति रुझान को देखते हुए उनके पिता ने उन्हें वेंगसरकर एकेडमी भेज दिया। यहां उनके कोच उनसे अपनी गलतियों को डायरी में नोट करने को कहते। वो अपनी गलती पकड़ते और उसे सुधार कर दूसरी गलती ढूंढते। उन्हें अपनी गलती पकड़ने पर ईनाम में चॉकलेट मिलती थी
वो इस चॉकलेट का रैपर अपनी डायरी में कलेक्ट किया करते थे। जिससे जान सके कि उनकी कितनी कमियां सुधरी हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत की और महाराष्ट्र अंडर 14 टीम में सिलेक्ट हुए। लेकिन शुरुआती मैचों में नाकाम होने के बाद वो निराश हो गए। अपनी असफलता पर वो एकांत में रोने लगे, फिर उन्हें समझ में आया कि आँसू बहाने से नहीं बल्कि पसीना बहाने से सफलता मिलेगी। इसलिए वो एक बार फिर मेहनत करने में जुट गए।
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आगे भी करना पड़ा संघर्ष
रुतुराज का चयन सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए लिया गया, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिल सका। लेकिन रुतुराज गायकवाड़ ने बिना खेले भी अपनी लगन के कारण इस टूर्नामेंट से काफी कुछ सीख लिया। जो आगे चलकर उनके बहुत काम आया। इसके बाद जब वो 19 साल के थे, तो उन्हें धोनी (Dhoni) के साथ खेलने का सुनहरा अवसर मिला। लेकिन एक बाउंसर के कारण उन्हें जल्द ही इंजर्ड होकर मैदान से बाहर आना पड़ा।
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जांच में पता चला कि उनके हाथ में फ्रेक्चर है। इसके बाद धोनी उनका हौसला बढ़ाने उनके पास आए। फिर धोनी की सीएसके ने इसके बाद उन्हें अपनी आईपीएल टीम में ले लिया। लेकिन यहां भी उन्हें अपनी प्र्तिभा दिखाने के लिए इंतजार करना पड़ा। लेकिन फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने प्रदर्शन के दम पर वो टीम इंडिया में भी अपनी जगह बना चुके हैं।