सीएसके और एमएस धोनी को तमिलनाडु की शान माना जाता है। चेन्नई के लोग थाला को भगवान की तरह पूजते हैं, उनके दिल में एमएस सहित पूरी टीम के लिए बहुत प्यार और आदर है। चेन्नई को धोनी का दूसरा घर भी माना जाता है। लेकिन उसी तमिलनाडु में कुछ ऐसा हुआ कि जो खेल के दीवाने लोगों को दुखी कर गया। वहां के नेताओं के बेतुकी बयानबाजी से लोग हैरान रह गए, और निराश भी हुए।
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CSK पर बैन की उठी मांग
11 अप्रैल को तमिलनाडु की विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। इस हंगामे की वजह इस समय खेला जा रहा आईपीएल है। इसको लेकर अलग-अलग तरह की मांगे उठीं। किसी ने अपना तर्क देते हुए सीएसके को बैन करने की मांग की तो किसी ने मुफ्त टिकट नहीं मिलने का मुद्दा उठाया। इन विधायकों ने आईपीएल से जुड़े अपने-अपने मुद्दों को लेकर खूब हंगामा किया।
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पीएमके के एमएलए वेंकटेश्वरन ने हैरानी भरा बयान देते हुए CSK पर बैन तक की मांग कर दी। इसके पीछे उन्होने अपना तर्क देते हुए कहा "सीएसके की टीम में सारे खिलाड़ी बाहर के हैं। इन्होंने तमिलनाडु के किसी लोकल खिलाड़ी को नहीं चुना है, जबकि टीम का नाम हमारी राजधानी के नाम पर रखा हुआ है। इसलिए मैं CSK की टीम पर प्रतिबंध लगाने की मांग करता हूँ।"
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इसके बाद इस विधायक ने आगे कहा कि "इस मुद्दे पर मंत्री ने विधानसभा में जवाब नहीं दिया है। लेकिन मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री और खेल मंत्री इस विषय में कार्रवाई जरूर करेंगे। क्योंकि अगर तमिल व्यक्ति को तमिलनाडु में ही महत्व नहीं दिया गया तो फिर उन्हें कहीं और भी महत्व नहीं मिलेगा। CSK अपने विज्ञापन में दावा करती है कि यह तमिलनाडु की एक टीम है। ये टीम जो राजस्व कमा रही है जबकि राज्य का कोई भी खिलाड़ी मौजूद नहीं है।"
दूसरी ओर विपक्षी दल के नेता वेलुमणि ने विधायकों को मुफ्त में टिकट देने कि मांग की। उनका कहना था कि "पिछली सरकार में हमें मैचों कि टिकट मुफ्त मिलती हैं, जबकि इस सरकार ने ऐसा करने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि अगर आपको मुफ्त टिकट चाहिए तो जय शाह से लो। हम आपको मुफ्त टिकट नहीं दे सकते।"