सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान पैट कमिंस से एक ही गुजारिश है, भाई आप चाहते क्या हो? या तो हम आपके सामने नतमस्तक हो जाते हैं या तो गवर्नमेंट को चाहिए कि उनके लिए इंडियन पासपोर्ट का इंतजाम करें। हम ऐसे ही हर बार बेइज्जती नहीं करवा सकते। Cummins ने थोड़े दिनों पहले एक पोस्ट डाली थी। उस पोस्ट में उन्होंने लिखा था 'ऑन टू द फाइनल्स'। हमेशा की तरह इस इंसान ने अपने जुबान का पक्का बनकर दिखाया है।
यहाँ भारत में लोग कहते हैं कि कमिंस को आप ओवर हाइप करते हैं। पैट कमिंस वो नाम है जिसने वर्ल्ड कप से पहले बोला कि मैं 1 लाख क्राउड को चुप करवाऊंगा और करवा कर ही माना। IPL 2024 के प्लेऑफ में पहुंचते ही उसने सीधे फाइनल जाने की बात की और आज वो फाइनल में अपनी टीम के साथ खड़ा है। वो बाकी कप्तानों की तरह खोखले दावे नहीं करता कि एशिया कप के बाद वर्ल्ड कप में पटाखे फोड़ना। वो करके दिखाता है।
राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ पैट कमिंस ने कोई एक्स्ट्राऑर्डिनरी काम नहीं की सिर्फ बेसिक्स को फॉलो किया और अपने इंस्टिंक्टस को बैक किया। हालाँकि उनके लिए रॉयल्स ने भी काम आसान करने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी। यही डिफरेंस है संजू सैमसन और पैट कमिंस में।
कमिंस ने कुछ भी अलग करने की कोशिश नहीं की। उन्होंने अभिषेक शर्मा को जब गेंद थमाई, RR के बल्लेबाज विकेट खुद ही फेंकते गए। एक तरफ एक कप्तान है जिसको कॉन्फिडेंस है, जबकि दूसरा कप्तान बौखलाया हुआ फिर रहा है। मैं छक्का मार दूं, मैं कैसे जिता दूं? भाई आप पूरे ओवर खेल जाओगे वैसे ही आपकी टीम जीत जाएगी।
Rajasthan Royals के सामने 175 का स्कोर था। यशस्वी जायसवाल ने तेज शुरुआत दिला दी थी। टीम ने 65 रन बोर्ड पर लगा दिए थे, लेकिन उसके बाद 7 से 15 ओवर के अंदर आपने पांच विकेट खो दिए। मिडल ओवर्स के फेज में पैट कमिंस ने पिच बेहतर पढ़ा, शाहबाज और अभिषेक को लेकर आना और उनको लगातार चार ओवर देना।
ऐसे प्रेशर मैच के अंदर काफी कम कप्तान ही अपने पार्ट टाइमर से पूरा स्पेल करवाने के लिए जाते। किसी के लिए ये एक आम सोच होती कि चलो 1 या 2 ओवर का तुक्का लग गया, विकेट निकल गया अब मैं अपने प्रमुख गेंदबाज को लेकर आता हूँ। लेकिन, यही खासियत पैट कमिंस को दूसरे कप्तानों से अलग बनाता है। मैच में नटराजन तीन तो वही उनादकट ने केवल 1 ओवर डाले। पर शहबाज और अभिषेक के 8 ओवर की स्पिन से पैट कमिंस ने गेम घुमाया।
इधर दूसरा कैप्टन संजू सैमसन, जब यशस्वी जयसवाल भी रन मारकर गया था। ठीक है उसको शहबाज ने आउट किया लेकिन वो 200 प्लस की स्ट्राइक रेट से खेलते हुए अपना काम कर गया था। जयसवाल के बाद दारोमदार संजू सैमसन के ऊपर ही था, संजू रॉयल्स के लिए उस समय पर सबसे बड़ा विकेट था। इतने कोई रन नहीं चाहिए थे। ये कोई 12 या 15 रन पर ओवर की बात नहीं थी। अगर संजू थोड़ी सी समझदारी से खेलता। सिंगल-डबल करके गेम को डीप लेकर जाने का सोचता और एक टाइम के लिए एंकर इनिंग खेलता, राजस्थान रॉयल्स आराम से 176 का टारगेट प्राप्त कर सकती थी।
एक पार्ट टाइमर अभिषेक के पहले ही ओवर में संजू सैमसन ने जैसे ही अपना विकेट गिफ्ट किया, मैच वही खत्म हो गया था। आज उन लोगों को भी पता चला होगा जो बकवास करते हैं कि टी-20 में एंकर की जरूरत नहीं होती। प्लेऑफ के अंदर जब कप्तान को आगे से टीम के लिए लड़ाई लड़नी होती है, वहां Sanju Samson बुरी तरह फेल हुए। पहले RCB वाले मैच में कर्ण शर्मा को उन्होंने विकेट सौंप दिया और फिर पार्ट टाइमर के सामने भी आउट होकर अपनी टीम को बीच मझदार छोड़कर चलते बने।
ऐसी खराब बल्लेबाजी के कारण राजस्थान रॉयल्स का दूसरे क्वालीफायर में जुलूस निकल गया। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि आपको संजू सैमसन जैसे प्लेयर को वर्ल्ड कप के मिडल ऑर्डर में रखना चाहिए या पंत को सैमसन से पहले मौका मिलना चाहिए? वर्ल्ड कप में आयरलैंड, कनाडा, यूएसए के सामने सूर्या भी मार लेता है। पर बात आती है प्रेशर मैच में आकर रन बनाने की, जहाँ संजू ने इस आईपीएल में भी शायद वो भरोसा नहीं जीता है।
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