अमन सेहरावत ने पेरिस ओलिंपिक 2024 में इतिहास रच दिया है जहाँ भारत को ओलिंपिक के खेलो में पदक दिलाने वाले वो सबसे युवा खिलाड़ी बने है। उन्होंने प्यूर्टो रिको के डेनिस क्रूज़ को मातदेकर भारत को इस पेरिस ओलिंपिक का 6वां मेडल दिला दिया था।
अमन सेहरावत ने इस ओलिंपिक में अपना डेब्यू किया था जहाँ उन्होंने मात्र 21 वर्ष की उम्र में काफी सारे अनुभवी खिलाड़ियों को पछाड़ दिया था और इसी कारण उनकी काफी ज्यादा तारीफ हो रही है। उनसे इस पेरिस ओलिंपिक में सभी को मेडल की इतनी उम्मीद नही थी लेकिन उन्होंने सभी के संभावनाओं को गलत साबित करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया है।
Aman Sehrawat का लक्ष्य है बड़ा
इस पेरिस ओलिंपिक में उन्होंने भारत के लिए गोल्ड मेडल अपने नाम किया है लेकिन उनका लक्ष्य काफी बड़ा है। वो इस कांस्य पदक से खुश तो है लेकिन आने वाले समय में वो इस पदक के रंग को बदलना चाहते है। उन्होंने दावा किया है कि वो अगले ओलिंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाएंगे।
अमन सेहरावत ने अपने एक बायान में कहा “मेरा लक्ष्य भारत के लिए सोना लाना था। लेकिन अब मुझे कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ेगा। लेकिन मैं अपने देश के लिए खुश हूं. 2028 ओलंपिक के लिए मेरा लक्ष्य स्वर्ण है। मुझे दो रातों तक नींद नहीं आई। मैं केवल इस बारे में सोच रहा था कि मुकाबले में कैसे लड़ना है।
उन्होंने आगे कहा "कल मैंने एक मिनट के लिए भी अपनी आँखें नहीं झपकाईं। जब भी मैं लेटता तो कुश्ती के दृश्य मेरे दिमाग में आते। मैं कमरे से बाहर चला गया और टहल रहा था और लड़ाई के बारे में सोच रहा था। कोर्ट पर सब कुछ हमारी योजना के अनुसार हुआ।”
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