भारत के पैरा आर्चर हरविंदर सिंह ने पेरिस पैरालंपिक में इतिहास रचते हुए भारत को चौथा स्वर्ण पदक दिलाया। वह ओलंपिक या पैरालंपिक में तीरंदाजी में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय आर्चर बने। हरविंदर ने पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व ओपन के फाइनल में पोलैंड के लुकाज सिसजेक को हराकर यह उपलब्धि हासिल की। इससे पहले उन्होंने सेमीफाइनल में ईरान के मोहम्मद रेजा अरब अमेरी को 7-3 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी।
दूसरा लगातार मेडल
यह हरविंदर सिंह का पैरालंपिक में लगातार दूसरा पदक है। टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने कांस्य पदक जीता था, लेकिन इस बार उन्होंने स्वर्ण जीतकर देश के 150 करोड़ लोगों को गर्व का अहसास कराया। आज तक कोई भी भारतीय आर्चर ओलंपिक या पैरालंपिक में स्वर्ण पदक नहीं जीत पाया था।
भारत के पदकों की संख्या 22 हुई
इस स्वर्ण पदक के साथ ही भारत के कुल पदकों की संख्या 22 हो गई है, जिसमें 4 स्वर्ण, 7 रजत और 11 कांस्य पदक शामिल हैं। यह भारत का पैरालंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत 5 सितंबर की सुबह तक पदक तालिका में 13वें पायदान पर आ पहुँची है। कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि भारत इस बार टॉप 10 में भी फिनिश कर सकती है।
Harvinder Singh का सफर
हरविंदर सिंह हरियाणा से हैं। डेढ़ साल की उम्र में उन्हें डेंगू हुआ था, जिसके उपचार के दौरान दिए गए इंजेक्शनों के कुप्रभाव के कारण उनके पैरों की गतिशीलता खत्म हो गई। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत कर पैरालंपिक में स्वर्ण पदक तक का सफर तय किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरविंदर सिंह को स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी। उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर हरविंदर की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए इसे देश के लिए एक विशेष पल बताया।